मोदी सरकार ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनाव पूर्व हेडलाइन मैनेजमेंट क्यों करती है ?

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर लगातार 10 वर्षों से छल करने का आरोप लगाते हुए कहा  है कि आज धर्म की राजनीति के बाहर देश की बहुसंख्यक आबादी है जो नौकरी, अच्छी शिक्षा-स्वास्थ्य व्यवस्था, विकास और रोजगार माँगती है।

यही देश की बहुसंख्यक आबादी महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से त्रस्त है। विगत 10 वर्षों में BJP शासन में खाद्य पदार्थों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गैस सिलेंडर 400 की बजाय 1000 से अधिक का हो गया। रसोई का सारा बजट गड़बड़ा गया। मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है।

विगत 46 वर्षों में देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है। नई नौकरियां देना तो दूर मोदी सरकार निजीकरण कर पहले से कार्यरत कर्मचारियों की नौकरियां छिन रही है। निजी क्षेत्र में नौकरियाँ घटी है।

देश में गरीबी का आलम यह है कि खुद मोदी सरकार मानती है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन वितरण करना पड़ रहा है। एनडीए सरकार के नोटबंदी जैसे बिना सोचे-समझे लिए गए फैसलों तथा बड़े उद्योगपतियों के पक्ष में नीति बना गलत निर्णय लेने से छोटे व्यापारी व लघु एवं मध्यम उद्योग धंधे समाप्त हो रहे है जिससे करोड़ों की संख्या में स्वरोजगार खत्म हो गए है और हो रहे है। बीजेपी सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर उनकी विश्वसनीयता को समाप्त कर दिया है। बीजेपी नेता संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की बातें कर रहे है ताकि आरएसएस का विभाजनकारी एजेंडा लागू किया जा सके।

मोदी सरकार ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनाव पूर्व नित नए प्रपंच रचती है। हेडलाइन मैनेजमेंट करती है। 10 वर्षों में जनता इन्हें अच्छे से जान और पहचान चुकी है, इस बार जनता मुद्दों पर मतदान कर, अपने वोट की चोट से झूठ बोलने, भ्रम फैलाने व नफ़रत बाँटने वालों को सजा देगी।

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