पटना हाई कोर्ट के आरक्षण पर आए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार- सम्राट

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि पटना हाई कोर्ट के आरक्षण पर आए फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मालूम हो कि एक याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें जातीय गणना के बाद आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया गया था।

श्री चौधरी ने कहा है कि भाजपा के पूर्ण समर्थन से ही सरकार ने जातीय गणना कराने के बाद आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 65 फीसद किया था। नीतीश सरकार के इस फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण 65 फीसद कर दिया था। आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को बिहार में सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को मिलाकर कोटा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक कर दिया गया था।

श्री चौधरी ने कहा कि देश के कतिपय राज्यों खासकर तमिलनाडु में पहले से आरक्षण कोटा में 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक 69 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। बिहार सरकार द्वारा आरक्षण कोटे में की गई बढोत्तरी संविधानसम्मत और न्यायोचित है।

उन्होंने कहा कि विधिवेत्ताओं से परामर्श कर राज्य सरकार पूरी तत्परता से पटना हाई कोर्ट के आरक्षण पर आए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। बिहार में कमोबेश सभी समुदायों और वर्गों को संविधान के दायरे में आरक्षण का लाभ दिया गया है। जो वर्ग सामाजिक, शैक्षणिक रूप से आज भी पिछड़ा है, आरक्षण उसका संवैधानिक अधिकार है। भाजपा पूर्ण रूप से आरक्षण की हिमायती है।

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