साइलो के प्रयोग से पर्यावरण अनुकूल कोयला परिवहन को बढ़ावा

पर्यावरण के अनुकूल कोयला परिवहन की दिशा में अहम कदम उठाते हुए धनबाद मंडल में कोयला की लोडिंग के लिए कोल साइडिंगों पर साइलो संयंत्र लगाए गए हैं । इससे प्रदूषण मुक्त कोयला परिवहन को बढ़ावा देने में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका है ।

वर्तमान में धनबाद मंडल के अंतर्गत दुधीचुआ, जयंत, बीना, गोरबी, राजधार, नॉर्थ उरीमारी तथा केआरएसएल कोल साइडिंग पर साइलो संयंत्र से कोयले की लोडिंग की जा रही है । इन साइलो से प्रतिदिन औसतन 24 रेक कोयले की लोडिंग की जा रही है । निकट भविष्य में इसमें वृद्धि करते हुए केडीएच, बानाडाग और निगाही कोल साइडिंग पर भी साइलो संयंत्र लगाए जाएंगे ।

विदित हो कि मालगाड़ी के डिब्बो में जब साइलो संयंत्र से कोयले को भरा जाता है तब धूल और प्रदूषण में काफी कमी आती है । नयी व्यवस्था के बाद कन्वेयर बेल्ट से पहले कोयले को ऊपर पहुंचाया जाता है फिर इसे वैगन में लोड किया जाता है जिससे मालगाड़ी के बगल में खड़े व्यक्ति को भी धूल और प्रदूषण की शिकायत नहीं होती है । साइलो द्वारा कोयला लोड करते वक्त कर्मचारियों की सेफ्टी का भी काफी ध्यान रखा जाता है । कोयला लदान के लिए इसे बेहद सुरक्षित माना गया है । अब साइलो से लोडिंग होने से कोल डिस्पैच की क्षमता भी बढ़ेगी । इससे ओवरलोडिंग नहीं होती है साथ ही समय की भी बचत होती है ।

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