उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोज

बिहार के उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला  सम्राट चौधरी ने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के बीच सुदृढ़ समन्वय तथा सार्थक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया है। वे आज ज्ञान भवन, पटना के सभाकक्ष में जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का एक ही उद्देश्य है कि जन समस्याओं का जल्द-से-जल्द निदान हो तथा विकास की धारा सभी व्यक्ति तक पहुँचे। पटना का हर शहर एवं हर गाँव सुन्दर बने। इसके लिए हम सभी को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा।  उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में पटना जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की यह पहली बैठक है। इस तरह की बैठकों का काफी महत्व है। जन-प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के लिए आपसी विचार-विमर्श एवं जन-समस्याओं के समाधान हेतु यह एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। इससे प्रशासन व जन-प्रतिनिधियों में समन्वय स्थापित करने में सहायता प्राप्त होती है तथा विकास की प्रक्रिया को अपेक्षित गति मिलती है। उन्होंने कहा कि आपसी समन्वय विकास की प्रक्रिया में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है। हम सबको मिल-जुल कर समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए।

बैठक की शुरूआत में सदस्य-सचिव, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने  उप मुख्यमंत्री, बिहार-सह-प्रभारी मंत्री, पटना जिला श्री सम्राट चौधरी एवं अन्य उपस्थित माननीय जनप्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि माननीय उप मुख्यमंत्री ने अपने व्यस्ततम कार्यक्रम में से बैठक के लिए समय निकाला है। उनके मार्ग-दर्शन से हमसब में नई ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है। इससे जिले के विकास को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने सभी  जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि समिति की इस वर्ष यह पहली बैठक है। उन्होंने कहा कि जिले के विकास में सभी माननीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग बहुमूल्य है। हमसभी समाज के हर व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। समेकित प्रयास से सुगमता से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों का अनुपालन सुनिश्चित किया जएगा। साथ ही जनप्रतिनिधियों के सुझाव को आत्मसात करते हुए उसे त्वरित गति से क्रियान्वित किया जाएगा।

आज की जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा एजेंडा के अनुसार विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई एवं अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। आपदा प्रबंधन (संभावित बाढ़/सुखाड़ की पूर्व तैयारी), मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वास्थ्य विभाग की योजना, शिक्षा विभाग की योजना, जिला निबंधन-सह-परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाएँ, समाज कल्याण विभाग की योजनाएँ, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम, बाल संरक्षण, पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जीविका अन्तर्गत सतत जीविकोपार्जन योजना, नगर विकास एवं आवास विभाग की योजनाएँ, कृषि विभाग, लघु जल संसाधन विभाग की नलकूप योजना, पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग की योजनाएँ, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, ऊर्जा विभाग की योजनाएँ, राजस्व एवं भूमि सुधार, वन विभाग की योजनाएँ, मुख्यमंत्री खेल विकास योजना, श्रम संसाधन विभाग की योजनाएँ एवं अन्य बिन्दुओं पर पावर प्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। माननीय सदस्यों द्वारा योजनाओं पर विस्तृत विमर्श किया गया। योजनाओं में अद्यतन प्रगति का अवलोकन किया गया। माननीय सदस्यों ने योजनाओं के बारे में अपना विचार व्यक्त किया।

जिलाधिकारी ने माननीय प्रभारी मंत्री के संज्ञान में लाया कि संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से आम जनता के बचाव हेतु सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है। त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन हेतु जिला-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन एवं नोडल पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्तियों की पहचान एवं नजरी नक्शा तैयार करना, बाढ़ प्रभावित परिवार के खाते में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सीधा भुगतान, ड्राई राशन पैकेट्स की व्यवस्था, राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई, बाढ़ के दौरान नावों की व्यवस्था एवं उपलब्धता, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, नियंत्रण कक्ष, तटबंध की सुरक्षा, मानव दवा की उपलब्धता एवं मोबाईल मेडिकल टीम सहित सभी बिन्दुओं पर तैयारी की गई है। वर्ष 2024 में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कुल 20 प्रखंडों के 171 पंचायतों के 1,66,851 परिवारों की प्रविष्टि आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर उपलब्ध है एवं इसके सतत अद्यतीकरण की प्रक्रिया जारी है। माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में पटना को बचाने के लिए सभी विभागों के पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर मुस्तैद रहना होगा।

मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 4,372 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। माननीय सदस्यों से सहमति प्राप्त कर विभिन्न कारणों से 163 योजनाओं को रद्द किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष योजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय-सीमा के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (17वीं लोक सभा) में पूर्ण योजनाओं की संख्या 378 है। आठ योजना को रद्द किया गया है। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (राज्य सभा) में 1,329 योजनाओं को पूर्ण किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि शेष योजनाओं को शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसका नियमित तौर पर अनुश्रवण किया जाता है। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए योजनाओं को पूरा किया जाए। माननीय सांसदों एवं विधायकों की सुविधा तथा योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन हेतु सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत जिला के पाँच प्रमंडलों-पटना, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज एवं बाढ़- में 369 स्वीकृत पुलों/पथों के विरूद्ध 322 पुलों/पथों को पूर्ण कर लिया गया है। 36 ड्रॉप एवं 04 विखंडित/हस्तांतरित योजनाएं हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष 07 पुलों/पथों को भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना अंतर्गत 589 योजनाओं को पूर्ण किया गया है तथा 29 योजनाओं को विभिन्न कारण से ड्रॉप किया गया है। नाबार्ड की स्वीकृत 185 पुल/पथ के विरूद्ध 163 योजनाओं को पूर्ण किया गया है। छः ड्रॉप योजनाएँ तथा तीन विखंडित/हस्तांतरित योजना है। दो योजनाओं को हस्तांतरित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि शेष ग्यारह योजनाओं को भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में वर्ष 2016-17 से 2020-21 में पूर्णता का प्रतिशत 98.29 है। आवास प्लस (2021-22) में 98.8 प्रतिशत पूर्ण है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में पूर्णता 69 प्रतिशत तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना में पूर्णता 75 प्रतिशत है जो राज्य की उपलब्धि से बेहतर है। राज्य में यह क्रमशः 48.30 तथा 62.86 प्रतिशत है। माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा शेष लंबित कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी के लिए आवास के लक्ष्य के प्रति हम सभी को तत्पर रहना होगा।

मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मानव दिवस सृजन में लक्ष्य के विरूद्ध राज्य की उपलब्धि 98.02 प्रतिशत है जबकि पटना जिला की उपलब्धि 102.61 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मानव दिवस सृजन में लक्ष्य के विरूद्ध राज्य की उपलब्धि 100.94 प्रतिशत है जबकि पटना जिला की उपलब्धि 109.8 प्रतिशत है। माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा पोखरों के सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, मनरेगा पार्क, छत वर्षा जल संरचना संचयन, विद्यालयों की चाहरदीवारी, खेल का मैदान इत्यादि पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया। सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत बकरी शेड, गाय शेड निर्माण एवं अन्य घटकों पर कार्य करने का निदेश दिया गया।

बैठक में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (ओडीएफ-प्लस) में प्रगति की समीक्षा की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में 167 पंचायतों के 581 गाँव तथा 2,240 वार्ड में 4,18,866 हाउसहोल्ड में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। 167 पंचायतों में ई टिपर, 2240 वार्ड में पेडल रिक्शा का क्रय करते हुए शत-प्रतिशत वार्ड में डोर-टू-डोर संग्रहण का कार्य प्रारंभ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 122 पंचायतों के 503 गाँव तथा 1,652 वार्ड में 3,84,721 हाउसहोल्ड में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। 122 पंचायतों में ई टिपर, 1,652 वार्ड में पेडल रिक्शा का क्रय करते हुए शत-प्रतिशत वार्ड में डोर-टू-डोर संग्रहण का कार्य प्रारंभ है। 289 पंचायतों में राशि का हस्तांतरण किया गया था। इसमें शत-प्रतिशत पंचायतों में डोर-टू-डोर कार्य प्रारंभ के बाद 249 पंचायतों में यूजर चार्ज कलेक्शन प्रारंभ हो गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 का लक्ष्य 20 पंचायत है। माननीय प्रभारी मंत्री ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आगे भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया।

सोलर स्ट्रीट लाईट योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया गया कि पटना जिला को आवंटित लक्ष्य 33,620 के विरूद्ध उपलब्धि 9,132 है जो पूरे राज्य में द्वितीय है। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप सभी सोलर स्ट्रीट लाईट कार्यादेश प्रक्रियाधीन है। यह मार्च, 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पटना जिला में प्रसव पूर्व देखभाल में उपलब्धि 117.71 प्रतिशत है। ओपीडी में उपलब्धि 76.76 प्रतिशत है। पूर्ण टीकाकरण आच्छादन जिला में 97 प्रतिशत है। नियमित टीकाकरण में पटना जिला राज्य के बेस्ट टू जिलों में आता है। 360 कैल्शियम वितरण में उपलब्धि 100.48 प्रतिशत है। 180 आईएफए वितरण में भी जिला की उपलब्धि 101.55 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा माननीय उप मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि जिले के अस्पतालों में काफी सुधार आया है। नियमित तौर पर अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों द्वारा औचक एवं पूर्व निर्धारित निरीक्षण किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने, साफ-सफाई बढ़ाने तथा अनुपयुक्त जर्जर संरचनाओं को तोड़कर हटाने की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है। अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि पटना जिला में स्वीकृत बल के अनुरूप चिकित्सक, जीएनएम, एएनएम एवं अन्य कर्मियों का पदस्थापन हुआ है। हमलोग नागरिकों के लिए सर्वाेत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

शिक्षा विभाग द्वारा निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण, पोशाक, छात्रवृति की राशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाता में राशि अंतरित किया जाता है। मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, पीएम पोषण योजना, मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना, मुख्यमंत्री बालक-बालिका साईकिल योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना, कुशल युवा कार्यक्रम सहित सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व के साथ कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।

जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि माननीय सदस्यों के सुझावों पर तत्काल कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी तथा अगली बैठक से पहले कृत कार्रवाई प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाएगा।

माननीय उप मुख्यमंत्री द्वारा पटना जिला में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा विधि-व्यवस्था की अच्छी स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि पटना पूरे बिहार को प्रतिबिंबित करता है। हम सब को इसी अनुसार तत्पर रहना होगा। उन्होंने कहा कि जनहित के अत्यंत महत्वपूर्ण लंबित कार्यों को पदाधिकारीगण 24 घंटा के अंदर पूर्ण करें। पटनावासियों को शुद्ध पेयजल की कोई समस्या न हो, इसे सुनिश्चित करें। माननीय जन-प्रतिनिधियों के पत्र पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन एवं अनुपालन प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएँ। बिहटा एयरपोर्ट सहित भू-अर्जन के लंबित मामलों को तत्परता से निष्पादित करें। आहर एवं पईन पर से अतिक्रमण हटाएँ। ड्राईव चलाकर आयुष्मान भारत अभियान का क्रियान्वयन करें। नए टाउनशिप की कल्पना को साकार करने के लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित सभी क्षेत्रों में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हेतु सक्रिय रहें।

माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको लक्ष्य-आधारित कार्य करना होगा। उन्होंने जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने का आह्वान किया।

माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी को सक्रिय रहना पड़ेगा।

इस बैठक में माननीय उप मुख्यमंत्री के साथ माननीय मंत्री श्री नितिन नवीन, माननीय सदस्य बिहार विधानसभा सर्वश्री अरूण कुमार सिन्हा, ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, भाई वीरेन्द्र, अनिरूद्ध कुमार, संजीव चौरसिया, श्रीमती रेखा देवी, श्री गोपाल रविदास, श्री सिद्धार्थ सौरव, श्री संदीप सौरभ, श्रीमती नीलम देवी, माननीय सदस्य बिहार विधान परिषद सर्वश्री कार्तिक कुमार, रविन्द्र प्रसाद सिंह, श्रीमती अनामिका सिंह, माननीय महापौर पटना नगर निगम श्रीमती सीता साहू, माननीय अध्यक्षा जिला परिषद् श्रीमती अंजु देवी के साथ अन्य माननीय जनप्रतिनिधिगण तथा पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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