पटना जिला में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ

पटना जिला में आज स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा, 2024 का विधिवत शुभांरभ किया गया। माननीय विधायक, मसौढ़ी श्रीमती रेखा देवी; माननीय जिला परिषद् अध्यक्ष श्रीमती अंजू देवी की गरिमामयी उपस्थिति में जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा समाहरणालय से इस अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर समाहरणालय परिसर से स्वच्छता जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन सभी रथों से स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के मूल उद्देश्यों के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा, समुदायों को जागरूक किया जाएगा तथा सभी लोगों को अपने घर के साथ-साथ आस-पास के स्थलों को भी स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने माननीय जन-प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ स्वच्छता संदेशों पर आधारित काउण्टर पर सेल्फी भी लिया तथा हस्ताक्षर कर अभियान के प्रति लोगों को जागरूक भी किया।

इससे पूर्व जिलाधिकारी, माननीय जन-प्रतिनिधियों, उप विकास आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों द्वारा समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा उनके स्वच्छता संदेशों को जन-जन तक प्रसारित करने का आह्वान किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा दिनांक 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा। इस अभियान का थीम ‘‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ है। इसके तहत कैलेण्डर के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों का पूरे जिला में आयोजन किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अध्यापकों, मीडिया, जीविका दीदियों, आशा दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, विकास मित्रों, स्वयं सेवी संस्थाओं सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के सक्रिय सहयोग से लोगों को सम्पूर्ण स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के विभिन्न घटकों के लिए वृहत स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि हमारी राज्य सरकार द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं सात निश्चय के तहत कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में भी इस क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रथम एवं द्वितीय चरणों में विगत 10 वर्षों में 4.95 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। भूमिहीन परिवारों एवं अस्थायी आबादी के लिए अबतक 142 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत घर-घर से ठोस अपशिष्ट का उठाव, संग्रहण एवं निष्पादन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, धूसर जल एवं मलिन जल का समुचित निष्पादन तथा मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन संबंधी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु अभी तक 209 ग्राम पंचायतों में कचड़ा प्रबंधन इकाई (डब्ल्यूपीयू) का निर्माण किया जा चुका है। ग्राम पंचायतों में निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण केन्द्रों पर अबतक 17,000 किलोग्राम जैविक खाद का निर्माण किया गया है जिससे स्थानीय किसान लाभांवित हो रहे हैं। तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु पटना जिला में 7,667 से अधिक सामुदायिक सोकपिट का निर्माण किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या को दूर करने एवं सुचारू तरल कचड़ा प्रबंधन के लिए 6,256 से अधिक जंक्शन चैम्बर, 2,062 से अधिक नाली आउटलेट प्वाईंट का निर्माण कराया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु प्रखंड/अनुमंडल स्तर पर 9 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया गया है जहाँ 24,394 किलोग्राम प्लास्टिक कचड़े को प्रसंस्कृत किया गया है। कृषि एवं पशु अपशिष्ट के निपटान हेतु जिला स्तर पर बायोगैस उत्पादन के लिए गोबर-धन योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत धनरूआ में एक गोबरधन इकाई का निर्माण किया गया है। मलयुक्त कीचर प्रबंधन के लिए जिला में तीन फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में सम्पूर्ण स्वच्छता की काफ़ी बेहतर स्थिति है। यहाँ 1,080 गाँव समुदाय द्वारा ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है। गाँवों में सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों एवं घर-घर से कचड़े का उठाव, साफ-सफाई इत्यादि सुविधाओं की निरंतरता के लिए लोग स्वेच्छा से उपयोगिता शुल्क दे रहे हैं। पटना जिला में अबतक 95 लाख रुपये से अधिक की उपयोगिता शुल्क की राशि संग्रहित की गई है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला में नगर निकायों द्वारा भी स्वच्छता के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों का मूल प्रयोजन लोगों में स्वच्छता के विषय में जन-जागरूकता फैलाना, उसके महत्व को बताना तथा आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करना है। एक अध्ययन के मुताबिक खुले में शौच के उन्मूलन से शिशु मृत्यु दर में काफी तेजी से गिरावट आई है। देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 60 से 70 हजार शिशुओं की जान बचायी गई है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार विशेष अभियान चला जा रहा है। पखवारा के दौरान सम्पूर्ण स्वच्छता अंतर्गत व्यापक स्तर पर कचड़ा मुक्ति अभियान, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, स्वच्छ भारत सांस्कृतिक उत्सव इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हम सबके व्यवहार में आना चाहिए कि अपने आस-पास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखें। सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी न फैलाएं। स्वच्छता के मानकों का पालन करें। अगर हम सभी लोग इन चीजों का ख्याल रखेंगे तो हमारा गाँव, शहर, राज्य एवं पूरा देश स्वच्छ रहेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोग इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें, स्वयं भी स्वच्छता अभियान में योगदान दें तथा लोगों को ऐसा करने के लिए जागरूक भी करें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न विभागों एवं संगठनों यथा पंचायती राज, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईपीआरडी, आईसीडीएस, जीविका, मनरेगा, नेहरू युवा केन्द्र इत्यादि के जिला के पदाधिकारियों को आपस में सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद स्थापित रखने का निदेश दिया गया है। इन सभी विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारीगण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए विविध कार्य करेंगे। जिला स्तर पर उप विकास आयुक्त, अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी तथा प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है।

 

जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के तहत गाँवों एवं सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई अभियान, बिहार हमारा गौरव, स्वच्छता हमारी पहचान, एक दिया स्वच्छता के नाम, गंगा ग्रामों में गंगा उत्सव, दिवाल चित्रण, स्वच्छता चौपाल इत्यादि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इसके माध्यम से समुदायों को अपने गाँव को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने के लिए जन-भागीदारी, अपशिष्ट प्रबंधन के उपायों को अपनाने एवं उपयोगिता शुल्क दिए जाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान-द्वितीय चरण अंतर्गत ‘खुले में शौच से मुक्ति’ का स्थायित्व (ओडीएफ-सस्टेनेबिलिटी) सुनिश्चित करते हुए ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा वर्ष 2024-25 तक राज्य के सभी गाँवों को ‘दृष्टिगत स्वच्छ’ (विजिब्लि क्लीन) एवं ओडीएफ प्लस बनाया जाना लक्षित है। स्वच्छ भारत मिशन की स्थापना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर ‘स्वच्छता ही सेवा 2024’ अंतर्गत एसबीएम के कारण स्वच्छता के क्षेत्र में आए बदलाव एवं उपलब्धियों को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान ग्राम पंचायत स्तरों पर सामुदायिक अभियान चलाया जाएगा, विद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रभात फेरी निकाली जाएगी तथा महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों पर श्रमदान के माध्यम से स्वच्छता संदेशों को प्रचारित किया जाएगा। अभियान के तहत प्रखंड विकास पदाधिकारियों, प्रखंड समन्वयकों एवं प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधकों जीविका की स्वच्छता लक्षित इकाइयों (सीटीयू) को आपसी समन्वय से स्वच्छ करने एवं छोटे पार्क के रूप में विकसित किए जाने का निदेश दिया गया है। पंचायतों, प्रखंडों एवं अनुमंडलों में खेल-कूद प्रतियोगिता, मैराथन इत्यादि का आयोजन किया जाएगा। स्वच्छता का संदेश देते हुए रंगोली, स्वच्छ गाँव प्रतियोगिता, मानव श्रृंखला का निर्माण, कचड़ा से कला इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अभियान के दौरान विभिन्न मानकों पर बेहतर कार्य करने वालांे को 02 अक्टूबर, 2024 को पुरस्कृत किया जाएगा।

आज के कार्यक्रम के अवसर पर उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी, निदेशक डीआरडीए, जिला समन्वयक, जिला सलाहकार, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, अन्य जिला-स्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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