पटना डीएम ने की सतत जीविकोपार्जन योजना की समीक्षा

जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में सतत जीविकोपार्जन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जीविका ने जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत कुल चयनित परिवारों की संख्या 5,515 है। 3421 लक्षित परिवारों को जीविकोपार्जन अंतराल राशि प्राप्त हुई है। एकीकृत परिसंपति के सृजन हेतु 3,931 लक्षित परिवारों को सहयोग दी गयी है। 3,205 परिवारों द्वारा सूक्ष्म उद्यम प्रारंभ किया गया है। 625 परिवारों को पशुधन प्राप्त हुआ है। कृषि संबंधित गतिविधियाँ करने वाले परिवारों की संख्या 101 है। 5,411 लक्षित परिवारों का बैंक खाता खुलवाया गया है। 5,244 लक्षित परिवारों को जन-वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन कार्ड उपलबध कराया गया है।

पूरे जिले में 91 नीरा बिक्री केन्द्रों को खोला गया है। नीरा अनुज्ञप्तियों की कुल संख्या 1004 तथा नीरा उत्पादक समूहों की संख्या 25 है।

लाभान्वित परिवारों के बीच रु0 1,96,98,000 (एक करोड़ , छियानवे लाख, अंठानबे हजार) की राशि वितरित की गई है।

जिले में कुल स्वयं सहायता समूहों की संख्या 37,160 है। कुल 94 प्रतिशत स्वयं सहायता समूहों का बैंक लिंकेज हो चुका है। समूहों को बैंक द्वारा ऋण दिया गया है जिसकी वापसी प्रतिशत 98 है। सभी समूह समय से बैंक को पैसा वापस कर रहे हैं। जीविका पटना द्वारा संचालित ‘‘दीदी की रसोई’’ की कुल संख्या 7 है।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि जीविका के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, जीवन स्तर में सुधार लाने तथा महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सब को प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
डीएम डॉ. सिंह ने गांव के सबसे गरीब व्यक्ति को सतत जीविकोपार्जन से जोड़ने का निर्देश दिया।

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