मानसिक तौर पर विक्षिप्त व्यक्ति ही दिव्यांग : संतोष

मनुष्य का जन्म लेना और उसके शरीर की बनावट किसी व्यक्ति के वश में नहीं होता है। जन्मजात दिव्यांगता और जीवन के काल में दिव्यांग होने से वह शारीरिक रूप से कमजोर हो सकता है लेकिन उसे दिव्यांग नहीं कहा जा सकता है। जो मानसिक तौर पर विक्षिप्त व्यक्ति है वही दिव्यांग है जो मानसिक तौर पर सबल एवं प्रतिभाशाली है वह दिव्यांग नहीं है। उक्त बातें अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ‘उड़ान एक-सम्मान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इतिहास में जो दिव्यांग ने कर दिखाया है आजतक एक शारीरिक रूप से परिपूर्ण व्यक्ति ने नहीं किया है। क्विकोटिक व्हील्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कामरान सहगल हमारे लिए प्रेरणाश्रोत हैं। उन्होंने प्रदेश के कोने-कोने से आए दिव्यांगजनों का हौसला अफजाई किया। इस मौके पर उपस्थित दिव्यांगों ने अपने-अपने कौशल दिखाए। इसे देख मौजूद अतिथि दंग रह गए।

सबने इनकी प्रतिभा की तारीफ की। बिहार से संपूर्ण भारत में दिव्यांगों को व्हील चेयर मुहैया कराने वाले कामरान सहगल ने दिव्यांगों का उत्साह वर्धन और मार्ग दर्शन किया तथा रोजगार के साधन मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया। इस मौके पर उपस्थिति दिव्यांगों को प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मशहूर सर्जन डॉक्टर एहई, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा, शिक्षाविद गुरु रहमान, कदमकुआं हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ, कॉमर्स कॉलेज के शिक्षाविद आनंद कुमार, पद्मश्री डॉ आरएन सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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