बिहार में डीएपी खाद के लिए किसान बेचैन हैं.- शिवानन्द तिवारी

न्यूज़ डेस्क –  राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा है बिहार में डीएपी खाद के लिए किसान बेचैन हैं. धान की कटनी हो चुकी है. किसानों ने रबी के लिए खेत को तैयार कर लिया है. लेकिन खेत की बुआई कैसे हो! रबी की बुआई के लिये जरूरी डीएपी खाद बाजार में उपलब्ध नहीं है. तैयार खेत अब उखड़ने लगे हैं. किसान बेचैन हैं. दुकानों पर खाद मिल नहीं रहा है. जहां तहां हंगामा हो रहा है. बिहार में गेहूं के अलावा आलू का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है. मुख्यमंत्री जी का जिला नालंदा तो आलू के उत्पादन के लिये देश भर में प्रसिद्ध है. लेकिन आलू की खेती के लिए गेहूं से दो गुना ज्यादा डीएपी खाद की जरूरत होती है. रबी की बुवाई का समय बीता जा रहा है.
दूसरी ओर मंत्री कह रहे हैं कि खाद की किल्लत नहीं है. यूरिया खाद पूरा उपलब्ध है. रबी की बुआई के लिए तो डीएपी चाहिए. यूरिया की जरूरत बाद में होगी. मंत्री जी हंसुआ के विवाह में खुरपी का गीत गा रहे हैं. डीएपी का पचास किलो का तेरह सौ रूपये में मिलने वाला बैग ब्लैक में सत्रह सौ अठारह सौ रूपये में मिल रहा है. सरकार के स्तर इस संकट से निपटने की कोई तैयारी नहीं दिखाई दे रही है. बिहार सरकार तत्काल भारत सरकार से बात कर इस संकट से निदान का उपाय करे.

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