75 गांवों के स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगे निजी शिक्षाकर्मी

न्यूज़ डेस्क:-  गांवों में स्कूली शिक्षा के स्तर को बेहतर करने में निजी शिक्षाकर्मी भागीदार बनेंगे। ऐसे शिक्षाकर्मी हिलसा प्रखंड के 75 गांवों में संचालित सरकारी स्कूलों में अपनी सेवा देंगे। स्कूलों में सेवा देने वाले शिक्षकों के पहले बैच को प्रशिक्षण  देंगे बाद में उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जायेगा।

समाजसेवी साधुशरण सिंह ने शिक्षाकर्मियों से तन-मन से कर्तव्यों के निर्वाह्न का आवाह्न किया। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे आर्थिक रुप से कमजोर परिवार से आते हैं। समाज और देश की बेहतरी के लिए ऐसे बच्चों के शिक्षा के स्तर को बेहतर करना बहुत ही आवश्यक है। ऐसे बच्चों के शिक्षास्तर में कारोना संक्रमण के कारण बहुत गिरावट हुई है। इसे सुधारने की दिशा में संस्था का प्रयास एक बेहतर कदम है। संस्था के इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम होगी। संस्था के सचिव रामाकांत ने कहा कि ‘जन’ और ‘नालंदा चैरेटेबल फाउंडेशन’ के सहयोग से हिलसा प्रखंड के 75 गांवों में संचालित सरकारी स्कलों में शिक्षाकर्मी को तैनात किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। तैनात किए जाने वाले शिक्षकर्मियों के पहले बैच में 22 शिक्षाकर्मी को तीन दिवसीय ट्रेनिंग दिया जायेगा। ट्रेनिंग शिक्षाकर्मियों को संस्था की ओर से नियुक्ति पत्र दिया जायेगा।

नियुक्त शिक्षाकर्मियों को हर माह मानदेय के रुप में पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। शिक्षाकर्मी को सराकरी स्कूल में वैसे गरीब बच्चों के शिक्षा स्तर को बेहतर करने की जिम्मेवारी दी जाएगी, जिनके पठन-पाठन कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुआ है। ऐसे बच्चों को स्कूल से पहले और स्कूल के बाद विशेष शिक्षा देने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इस मौंके पर करण राज, सोनी कुमारी, अनिल कुमार, सुषमा कुमारी एवं कुमार कांत सिंह आदि मौजूद थे। शिक्षकों को ट्रेंड करने वालों में सरहानीय सहयोग के लिए समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव, कौशल किशोर, संजय कुमार एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी देवशरण राऊत के प्रति संस्था परिवार द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

रिपोर्ट :- प्रतिमा कुमारी

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