जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध; योग्य दम्पति इसका लाभ उठाएँ: डीएम
जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे बेहतर विकास दर एवं जीवन की भौतिक गुणवत्ता सूचकांक के लिए आवश्यक है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में मिशन परिवार विकास अभियान अंतर्गत परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के आयोजन के संबंध में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 12 से 24 फरवरी तक पूरे जिला में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन हो रहा है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध है। योग्य दम्पति इसका लाभ उठाएँ।
सिविल सर्जन, अनुमंडल अस्पतालों के उपाधीक्षकों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (जीविका), प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने निदेश दिया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाएँ। लोगों को परिवार नियोजन की आवश्यकता के बारे में बताएँ। उन्हें इस तथ्य के प्रति जागरूक करें कि उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण संसाधनों के उपयोग पर किस तरह प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाएँ तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान करें। गाँव-गाँव तक लोगों को जागरूक करें।
डीएम श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु सभी संबंधित पदाधिकारी अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य के साथ-साथ त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं, आईसीडीएस, जीविका, कल्याण विभाग, सिविल सोसाईटी के बीच सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद रखेंगे। उन्होंने कहा कि माननीय जन- प्रतिनिधियों से अनुरोध कर उनकी इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चित करें। इस अभियान में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। माइक्रोप्लान के अनुसार प्रखण्ड स्तर पर सभी सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों के बीच को-ओर्डिनेशन बैठक करें। लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए तत्परता से कार्य करें। लोगों के बीच संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन करें। पीएचसी-वार रूट चार्ट का निर्धारण कर जागरूकता रथ से वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करें। एएनएम को डेडिकेटेड काउंसेलिंग के लिए प्रतिनियुक्त करें। स्वास्थ्य संस्थानों तथा सार्वजनिक जगहों पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) समग्रियों का प्रदर्शन करें। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी कार्यक्रमों में सास-बहू-बेटी सम्मेलन को निदेशित करें। आवश्यकतानुसार तीन से पाँच पीएचसी को पुरूष बंध्याकरण सेवाओं के लिए फर्स्ट रेफरल यूनिट के साथ सम्बद्ध करें। पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य संस्थावार सूचीबद्ध (इम्पैनल्ड) सर्जन रखें।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत प्रदत्त निःशुल्क सेवाएँ एवं लाभार्थियों तथा उत्प्रेरकों को प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान तत्परता से करें।
डीएम ने कहा कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के परिप्रेक्ष्य में 05 फरवरी से 11 फरवरी, 2024 तक दम्पति सम्पर्क सप्ताह मनाया जाएगा। आम जन में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रखण्ड एवं शहरी क्षेत्रों में में ई-रिक्शा (सारथी) के माध्यम से जागरूकता रथ चलाया जाए।
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बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबंधक (स्वास्थ्य), पटना श्री विवेक कुमार सिंह द्वारा परिवार नियोजन पखवाड़ा के आयोजन के संबंध में एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। पखवाड़ा के दौरान प्रति ब्लॉक 75 महिला बंध्याकरण तथा 5 पुरूष नसबंदी का लक्ष्य है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा शहरी पीएचसी रेफरल द्वारा महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 100 तथा पुरूष नसबंदी का लक्ष्य 30 है। इस प्रकार महिला बंध्याकरण का कुल लक्ष्य 1,825 तथा पुरूष नसबंदी का कुल लक्ष्य 145 है। इस तरह पखवाड़ा के दौरान जिले में बंध्याकरण तथा नसबंदी का कुल लक्ष्य 1,970 है। डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
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जिलाधिकारी ने पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई(एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान देने का निदेश दिया। जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।
डीएम ने स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय तथा प्रखंड मुख्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हेल्थ मेला का आयोजन करें। जागरूकता उत्पन्न करने के लिए साईकिल रैली तथा सेमिनार का आयोजन करें। ओपीडी, प्रतिरक्षण केन्द्रों तथा काउंसिलिंग सेन्टर पर गर्भ निरोधक दवाओं का वितरण करें। इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सेवा अवश्य उपलब्ध कराएँ। 21 फरवरी, 2024 को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ।
डीएम ने निदेश दिया कि पखवाड़ा के दौरान
✓ मानक के अनुसार बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ।
✓ परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई (एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान दें।
✓ प्री-ऑपरेटिव (परामर्श, चिकित्सीय जाँच, पैथोलोजी जाँच इत्यादि) एवं पोस्ट-ऑपरेटिव केयर के लिए गठित मेडिकल टीम द्वारा निःशुल्क सेवा सुनिश्चित करें।
✓ शिविरों में मूलभूत सुविधाएँ जैसे बेड, पेयजल, पंखा इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए।
✓ डेडिकेटेड टीम द्वारा ऑपरेशन के बाद की सुविधाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए।
✓ बंध्याकरण एवं नसबंदी कराए गए व्यक्तियों को उनके घर तक एम्बुलेंस से पहुँचाना सुनिश्चित करें।
✓ सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘‘अंतरा एवं छाया’’ सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
✓ शहरी पीएचसी, अतिरिक्त पीएचसी एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर में आईयूसीडी सुविधाओं की उपलब्धता प्रशिक्षित सेवा प्रदाता द्वारा नियमानुसार सुनिश्चित करें।
✓ कंडोम बॉक्सेज के द्वारा कंडोम का वितरण सुनिश्चित कराएँ।
✓ सभी सम्बद्ध स्वास्थ्य संस्थानों में सेल्फ हेल्प किट उपलब्ध रहना चाहिए।
✓ जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन, पटना को परिवार नियोजन पखवाड़ा के आयोजन का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।