
भारतीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी, ,नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के तत्वावधान में 1 फ़रवरी को मुंबई से दुनिया के सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल का शुभारंभ किया। इस बार भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) अपना 25वां वर्ष मना रहा है। ये महोत्सव 1 फ़रवरी से 21 फ़रवरी तक भारत के 15 शहरों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें दिल्ली, मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर और श्रीनगर आदि शहर शामिल हैं.
इस 21 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टरक्लास शामिल होंगी। इस वर्ष भारत रंग महोसव की रजत जयंती मनाई जा रही है।
बिहार के पटना में इस थिएटर फेस्टिवल की शुरुआत 14 से हो रही है जो 19 फ़रवरी विभिन्न नाटकों का मंचन किया जाएगा। रंगमंच प्रेमियों को कालिदास रंगालय, पूर्वी गांधी मैदान, पटना में 14 से अगले पांच दिनों तक एक से बढ़कर एक कथाएं देखने को मिलेंगी। महोत्सव की शुरुआत 14 फरवरी को शाम 6ः00 बजे ट्रेजर आर्ट एसोसिएशन मनोरम, हिंदी नाटक-दोजख के साथ होगी।
11 फ़रवरी को इंडिया क्लब थियेट्रिकल इंस्टीट्यूशन में आयोजित पटना प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनएसडी निदेशक श्री चितरंजन त्रिपाठी, एनएसडी रजिस्ट्रार श्री प्रदीप के. मोहंती, और एनएसडी के विजिटिंग फैकल्टी मोहम्मद आसिफ अली हैदर खान और एनएसडी के अन्य प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद थे.
इस वर्ष भारंगम की विषयवस्तु वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम है । यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भाव को समृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य का प्रतिरूप है । इस प्रदर्शन कला के माध्यम से विविध संस्कृतियों को एक साथ लाते हुए, एक साझा वैश्विक परिवार की भावना विकसित करने का उद्देश्य है।
भारतीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने कहा, हम भारत रंग महोत्सव के 25वें वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो कलात्मक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विविधता के प्रति हमारी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है । हम रंगमंच के जादू को बढ़ावा देने, विविध ध्वनियों और जन कथाओं का विकास करने लिए एक वृहद मंच प्रदान करने के लिए समर्पित हैं । इस वर्ष का उत्सव न केवल एक मील का पत्थर साबित होगा बल्कि प्रदर्शन कलाओं की परिवर्तनकारी शक्ति में हमारे दृढ़ विश्वास की पुष्टि भी करेगा।
इस उत्सव का 25वां वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह रंगमंच के जादूई उत्सव में विविध नाटकीय आवाज़ों को एक साथ लाता है । महोत्सव में दर्शक अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों, लोक और पारंपरिक नाटकों, आधुनिक नाटकों, स्नातक शो-केस और कॉलेजिएट नुक्कड़ नाटकों सहित कई नाटकीय रूपों की एक मनोरम श्रृंखला की प्रस्तुति होने जा रही है । महोत्सव मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर, श्रीनगर, वाराणसी, बेंगलूरू, गंगटोक और अगरतला के साथ दिल्ली और में आयोजित किया जाएगा, जिससे थिएटर की परिवर्तनकारी शक्ति का राष्ट्रव्यापी उत्सव सुनिश्चित होगा ।
महोत्सव में एक अभिनव कदम के रूप में इस वर्ष ‘रंग हाट’ भी शुरू किया है, जो एक वार्षिक पहल है, जिसका उद्देश्य एशिया में वैश्विक थिएटर बाजार की स्थापना करना और नाटकीय क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है । रंग हाट थिएटर कलाकारों, प्रोग्रामरों, संरक्षकों और समर्थकों को एकजुट करेगा, छिपी हुई प्रतिभा की खोज को बढ़ावा देगा, अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का प्रदर्शन करेगा और रचनात्मक तथा वित्तीय साझेदारी दोनों के मध्य सुविधाजनक समन्वय स्थापित करेगा। प्रतिभागियों को व्यापक दर्शकों के संपर्क में आने, संभावित सहयोगी उद्यमों को बढ़ावा देने और वैश्विक थिएटर परिदृश्य में गतिशीलता लाने का मौका मिलेगा ।
आयोजन में कई समानांतर प्रदर्शनियाँ, निर्देशक-दर्शक संवाद, चर्चाएँ और सेमिनार थिएटर के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने, सार्थक बातचीत और अंतर्दृष्टि को बढ़ावा देने में सफल होगा । उपस्थित लोग अनुभवी कलाकारों के साथ मास्टरक्लास में भाग ले सकते हैं, जीवंत रंग हाट में डूब सकते हैं, और फूड बाज़ार में विविध व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं ।