अमित शाह की बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता
गृहमंत्री श्री अमित शाह जी आज बिहार आये थे। पटना के पाली में उन्होंने एक सभा को सम्बोधित किया। सभा में उपस्थित लोगों की उपस्थिति और उनके भाव-भंगिमा को देखकर अमित शाह जी को एहसास हो गया होगा कि उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। चुंकि वे खुद कह चुके हैं कि चुनावी भाषण में भाजपा के नेता केवल जुमलेबाजी करते हैं। ऐसे भी बिहार के लोगों को बिहार में इनके पिछले दौरे में मुजफ्फरपुर में दिया गया वह भाषण याद है जब उन्होंने कहा था कि “नीतीश बाबू आपके लिए भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द हो गया है”। और बाद में केवल दरवाजा हीं नहीं खुला बल्कि दीवार भी तोड़ दिया गया।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अमित शाह जी को अपने भाषण का स्क्रिप्ट लिखने वाले को भी बदल देना चाहिए क्योंकि स्क्रिप्ट लिखने वाले ने उनके भाषण में अधिकांश उन्हीं घोटालों का जिक्र कर दिया है जिसकी चर्चा 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी जी और शाह जी अपने भाषण में नीतीश कुमार जी के खिलाफ बोला करते थे। अभी तो नीतीश जी उनके साथ हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अमित शाह जी ने अपने भाषण में कई ऐसी तथाकथित घोटाले का जिक्र किया है जिसकी चर्चा कर वे 2014 में सत्ता में आए थे और सब के सब झूठे साबित हुए। दस वर्षों में उन आरोपों का कोई प्रमाण नहीं जूटा पाए जबकि वे गृहमंत्री के पद पर हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अमित शाह जी अपने भाषण में लालू जी, तेजस्वी और उनके परिवार को गाली देने के अलावा एक शब्द भी बेरोजगारी, महंगाई, युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार पर नहीं बोल पाए जो आजका सबसे ज्वलंत और गंभीर समस्या है। उन्होंने डबल इंजन सरकार की चर्चा तो की पर इसकी क्या उपलब्धि रही इसकी चर्चा करने के लिए उनके पास शब्द नहीं थे। घोटालों की चर्चा करते समय चुनावी बॉन्ड घोटाले को भी भूल गए थे जो देश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की जनता उनके बातों को कितनी गंभीरता से लेता है इसका अंदाजा तो उन्हें हो हीं गया होगा। राजद प्रवक्ता ने अमित शाह जी को निश्चिंत रहने की सलाह देते हुए कहा कि लालू जी ने अडवाणी जी के रथ को रोका था तो तेजस्वी जी भाजपा के रथ को बिहार में घूसने हीं नहीं देंगे।