भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता की सुरक्षा के लिए ज़िलाधिकारियों को एहतियातन सभी कदम उठाने का आयुक्त ने दिया निदेश
आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री कुमार रवि ने भीषण गर्मी एवं लू के मद्देनज़र जन-सुरक्षा हेतु प्रमंडल अंन्तर्गत सभी ज़िला पदाधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी लू आपदा राहत टास्क फोर्स को पूर्णतः सक्रिय रखंे। बच्चों, महिलाओं एवं वृद्धजन के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें।
प्रमंडल अंन्तर्गत सभी छः जिलों-पटना, नालन्दा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर एवं कैमूर – के जिला पदाधिकारियों को प्रदत्त निदेश में आयुक्त श्री रवि ने कहा कि अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि होने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई द्वारा भीषण गर्मी तथा लू की पूर्व चेतावनी जारी की जाती है। जिलों में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलने की संभावना रहती है। इसके कारण जन-जीवन प्रभावित होता है एवं आम जनता को स्वास्थ्य तथा पेयजल संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को काफी समस्याएँ आती हैं। साथ ही पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि इन सब के मद्देनजर गर्मी के मौसम में लू से क्षति को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार हर एक स्तर-प्रशासन एवं पब्लिक- पर सतर्कता की जरूरत है। त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित रहनी चाहिए। आयुक्त श्री रवि ने सभी पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि आम जनता विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को भीषण गर्मी एवं लू की स्थिति में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि गर्म हवाएँ तथा लू से बचाव हेतु हीट वेब एक्शन प्लान का सफल क्रियान्वयन करें। भीषण गर्मी एवं लू की संभावना के मद्देनज़र जन-सुरक्षा हेतु सभी छः जिलों में जिला-स्तरीय लू आपदा राहत टास्क फोर्स को सक्रिय रखें। आम जनता को ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ के बारे में नियमित तौर पर जागरूक करें।
आयुक्त श्री रवि ने कहा कि जिलों के अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन द्वारा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय इकाई से लू की पूर्व चेतावनी एवं इसकी सूचना प्राप्त कर सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन कोषांग द्वारा लू की पूर्व चेतावनी आम जनता को भी टीवी, रेडियो, प्रिंट मीडिया, प्रेस विज्ञप्ति एवं एसएमएस आदि के माध्यम से दी जाए।
प्रमंडल अंतर्गत सभी छः जिलों के जिला पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि:
1. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/रेफरल अस्पतालों/सदर अस्पतालों/अनुमंडलीय अस्पतालों /मेडिकल कॉलेजों में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था की जाए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओ०आर०एस० पैकेट, आई० भी० फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा इत्यादि की व्यवस्था होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए।अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज हेतु आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेसन वार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए एवं लू से पीड़ित बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रभावित जगहों हेतु स्टैटिक/चलन्त चिकित्सा दल की भी व्यवस्था कर ली जाए।गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आइईसी) सामग्री पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से इसे जन-जन तक पहुँचाएँ।
2. शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर पियाऊ की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। इन स्थानों पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि आम जन इनसे भली भाँति अवगत हो सकें।आश्रय स्थलों में पेय जल तथा स्लम के निवासियों हेतु आकस्मिक दवाओं की व्यवस्था की जाए।भूगर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा की जाए एवं इस पर सतत् निगरानी रखी जाए। खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर किया जाए। टॉल फ्री नम्बर तथा दूरभाष संख्या पर चापाकलो के खराब होने के बारे में आने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करें। साथ ही चलंत चापाकल मरम्मति दलों द्वारा मरम्म्ति के संबंध में प्रतिवेदन दें। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पेयजल संकट से निबटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार ज़रूरत पर टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
3. सभी स्कूलों एवं परीक्षा केन्द्रों में पेयजल, ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराएँ।
4. सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था करायी जानी चाहिए एवं वहाँ पर गर्म हवाओं एवं लू से बचाव से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री (बच्चों को समझने हेतु) प्रदर्शित कर जनता को जागरूक किया जाए।स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था की जाए।नवजात शिशु बच्चों, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जाए।
5. सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढा खुदवा कर पानी इक्कट्ठा की जाए, ताकि पशु-पक्षियों को पानी मिल सके। पशुओं के बीमार पड़ने पर चिकित्सा दल की व्यवस्था की जाए।
6. तालाबों/आहर में पानी इकट्ठा कर पशु-पक्षियों को पानी उपलब्ध कराया जा सके। कार्य स्थल पर पेय जल तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए।
7. पंचायतों में लू चलने के दौरान ‘‘क्या करें क्या न करें’’ का प्रचार प्रसार कराया जाए।
8. लू से बचाव हेतु मजदूरों के कार्य अवधि को लचीला किया जा सकता है। इसे आवश्यकतानुसार प्रावधानों के अनुरूप विहित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए पुनर्निर्धारित करें। कार्य स्थल पर पेय जल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए। जिला खनिज पदाधिकारी से समन्वय कर ईंट-भट्ठों में प्राथमिक उपचार, शेड आदि सुरक्षात्मक प्रबंध सुनिश्चित करें।खुले में काम करने वाले भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पेय जल, आईस पैड की व्यवस्था के साथ शेड की भी व्यवस्था की जाए।साथ ही लू से बचाव हेतु औद्योगिक मजदूरों एवं अन्य मजदूरों के बीच जागरूकता कैम्प लगवाया जाय।
9. लू चलने की अवधि में जहाँ तक संभव हो वाहनों का परिचालन कम से कम करना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रावधानों के अनुरूप विहित प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों के परिचालन को नियंत्रित किया जाए।सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में पेय जल तथा ओ०आर०एस० के साथ-साथ प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था किया जाय।
10. बिजली के ढीले तारों को ठीक करवाने की व्यवस्था की जाए।निर्बाध बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।
11. गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री का प्रचार-प्रसार कराया जाय। पंचायतों, गॉवों, थानों, प्रखंडों, पीएचसी एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग-फ्लेक्स के माध्यम से प्रचार कराएँ।
12. गर्मियों के दिनों में लू चलने से वन्य जीव भी प्रभावित होते हैं। अतः वन्य जीव उद्यानों तथा अभयारण्यों में पानी की व्यवस्था की जाए।वन्य जीव उद्यानों में जानवरों के पिंजड़ों को ठंडा रखने की व्यवस्था की जाए। अभयारण्यों में गड्ढे खोदकर वन्य जीवों के लिए जल की व्यवस्था की जानी चाहिए।पर्यटन स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था की जाय। साथ ही लू से बचाव हेतु पर्यटकों के लिए एडवाईजरी निर्गत किया जाय।
13. भीषण गर्मी के कारण अगलगी की घटनाओं में भी वृद्धि होने की संभावना रहती है। अगलगी की घटनाओं से निबटने एवं उनके रोकथाम के लिए विभागीय मानक संचालन प्रक्रियानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। गॉव-गॉव तक अग्निसुरक्षा हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
14. गर्म हवाएँ एवं लू से बचाव हेतु जिला-स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड/इन्टरफेस बनाया जाए। इसके माध्यम से बल्क एसएमएस भेजने की व्यवस्था की जाए।
आयुक्त श्री रवि ने सभी जिलाधिकारी को भीषण गर्मी एवं लू से आम जनता के सुरक्षा के लिए सजग रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारी लू की पूर्व चेतावनी तथा इसकी सूचना प्राप्त कर सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर) तक ससमय पहुँचाने की व्यवस्था करेंगे ताकि इसकी विभीषिका से बचा जा सके।