
बिहार में सरकार निवेश की बात करती है लेकिन जब निवेशक यहां उद्योग धंधे करने को लेकर निवेश का प्रस्ताव देते है तब नीतीश सरकार के अधिकारी अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर निवेशकों के सामने बिहार में सैकड़ो तरह की समस्या का हवाला देकर उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर देते हैं जिसकी भनक तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं लगती हैं| जिसका जीता जागता उदाहरण हैं साल 2019 में दिया हुआ 8000 करोड़ का प्रस्ताव जो बिहार के बंद पड़ी आठ चीनी मिल को खोलने का था | मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने 24 अक्टूबर 2019 को एक आवेदन उद्योग विभाग बिहार को दियाl जिसमें उसने एक प्रस्ताव दिया कि वह बिहार के बंद पड़ी आठ चीनी मिल बनमनखी (पूर्णिया), हथुआ एवं हथुआ डिस्टलरी (गोपालगंज) ,वारसलीगंज (नवादा) गुरारू (गया) न्यू सिवान (सिवान) सिवान (सिवान) लोहट (मधुबनी) गोरोल (वैशाली) को पुनर्जीवित करने का काम करेगें l इसके बाद उन्हें 6 दिसंबर 2019 को यह बताया गया कि क्योंकि गन्ना विभाग ने आपको आठ बंद पड़ी चीनी मिल का जमीन उपलब्ध नहीं कराया है और आपके पास जमीन नहीं है इसलिए आपके प्रस्ताव को होल्ड कर दिया गया है इसी बीच आनन फानन में कुछ विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से मुख्यमंत्री के कैबिनेट में एक प्रस्ताव के माध्यम से यह बातें सामने आई कि बंद पड़ी सभी 8 चीनी मिल की जमीन, भवन, मशीनरी और स्क्रैप बियाडा को हस्तांतरित किए जाएंगे साथ ही बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार इस भूमि को बियाडा अधिनियम 1974 के अंतर्गत लीज पर आवंटन कर उससे प्राप्त राशि बियाडा द्वारा नियम अनुसार सरकार के कोष में जमा की जाएगी इसके बाद मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बियाडा से दोबारा आग्रह किया कि बिहार की बंद पड़ी सभी चीन मिल की जमीन उन्हें उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह उसे चालू कर सके | इस बीच एक बार पुनः गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद के अध्यक्ष सह विकास आयुक्त को पत्र के माध्यम से आग्रह किया की क्योंकि बिहार की सभी बंद पड़ी चीनी मिल की जमीन और ऐसेट हस्तांतरण करने की प्रक्रिया में है और मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उनका प्रस्ताव SIPB में लंबित है इसलिए अनुरोध है कि मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पटना बिहार का अभ्यावेदन पर आवश्यक कार्यवाही की जाए l गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव के आग्रह के बाद 18 दिसंबर 2020 को मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट कंपनी लिमिटेड को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया गया की 23.12.2020 को उद्योग विभाग के प्रधान सचिव कार्यालय में अपने पूरे प्लान और पूरी टीम के साथ उपस्थित हो |
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्योग विभाग, प्रधान सचिव वित्त प्रधान, प्रधान सचिव गन्ना उद्योग सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे और इस बैठक में मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव पर सहमति भी बनी लेकिन लंबे समय तक मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को किसी भी तरह की कोई जानकारी बिहार की बंद पड़ी चीनी मिल को खोलने के संदर्भ में नहीं दी गईl जबकि इस मिल के चालू होने से करीब एक करोड़ किसानों को नगदी फसल का फायदा होता साथ ही 25 हजार स्थाई और 20 हजार दैनिक मजदूर को रोजगार उपलब्ध होता इसके अलावे 240 मेगावाट बिजली के उत्पादन के साथ 56000 टन गन्ना का पेराई होता 4 लाख 80 हजार इथेनॉल प्रतिदिन उत्पादन किया जा सकता था .इसके साथ ही 250 करोड़ वार्षिक राजस्व की प्राप्ति होती जिससे बिहार आज वंचित रह ग़या l
जैसा की सर्व विदित है बिहार में जब से नीतीश कुमार की सरकार बनी है तभी से मुख्यमंत्री बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश और विदेश का दौरा करते रहे हैं और बिहार में हर साल बिजनेस कनेक्ट / बिजनेस समीट / बिजनेस कानक्लेव का आयोजन भी होता रहा है लेकिन यहां उम्मीद के मुताबिक कंपनिया अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पाई है | ऐसे में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 25 फरवरी 2021 को और 9 मार्च 2021 को दो बार महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने 2016 में बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई है और किसी भी इन्वेस्टर के लिए इस पॉलिसी को बहुत ही बेहतर ढंग से बनाया गया है | उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार में इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में काफी निवेशक आएंगे इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही बंद चीनी मिलों की शुरुआत होगी एवं नए चीनी मिल भी स्थापित होगी |
उपमुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जो बैठक हुई जिसमें तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार सहित बिहार सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, उद्योग सचिव, वित्त सचिव, सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे थे लेकिन फिर भी मेसर्स रहेजा एंड प्रसाद कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बिहार के सभी बंद पड़ी आठ चीनी मिल को खोलने का आदेश निर्गत नहीं हो सका |
सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक यह कहा जा रहा है की बिहार के कुछ भू माफिया बिहार के बड़े अधिकारियों से सांठ-गांठ कर बियाडा से जुड़ी जमीनों का सौदा करते हैं और अवैध रूप से कमाई करते हैं, लेकिन जो निवेशक बिहार के आर्थिक हालात को ठीक करना चाहते हैं, बिहार के किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत करना चाहते हैं, बिहार में रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं उन लोगों से सरकार के अधिकारी मुँह मोड़ लेते है जिससे बिहार से लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ता है l