
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार बच्चों में होने वाले गंभीर स्वास्थ्य समस्या खसरा- रूबैला के उन्मूलन पर विशेष जोर दे रही है। वर्ष 2026 तक खसरा- रुबैला (एमआर) रोग के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य के शत-प्रतिशत बच्चों को खसरा- रूबैला के दोनों टीकों से आच्छादित कराने पर जोर दिया जा रहा है।
श्री पांडेय ने बताया कि खसरा- रूबैला के उन्मूलन के लिए इसके दोनों टीकों का न्यूनतम 95 फ़ीसदी आच्छादन को जरुरी माना जाता है। इसको लेकर जिलों द्वारा सराहनीय प्रयास भी किए जा रहे हैं। साथ ही खसरा- रूबैला के दोनों टीकों से वंचित बच्चों को 30 अप्रैल, 2025 तक टीकाकृत कराने के लिए सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्परता के साथ एमआर टीकाकरण की नियमित समीक्षा एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि खसरा- रूबैला उन्मूलन की महत्ता को देखते हुए लेबोरेटरी सत्यापित छिटपुट मामलों से प्रभावित क्षेत्रों में भी एक्टिव केस की खोज करते हुए खसरा- रूबैला के दोनों टीकों से वंचित बच्चों को टीकाकृत करने एवं 24 घंटे के अंतराल पर विटामिन ए की दो खुराक (उम्र के अनुसार निर्धारित खुराक) देने के निर्देश दिए गए हैं। इस पहल से ससमय खसरा- रूबैला उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में खसरा- रूबैला टीके के साथ सम्पूर्ण टीकाकरण आच्छादन को भी सुदृढ़ किया जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को आशातीत सफलता भी मिल रही है।