
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने कांग्रेस के मीडिया प्रमुख श्री राजेश सिंह राठौर के साथ प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव एवं कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी सौरभ सिन्हा की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे-जैसे मौसम का तापमान बढ़ रहा है, वैसे ही बिहार में गुंडा और संगठित अपराध का तांडव देखने को मिल रहा है।
श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि बिहार को जिस मुश्किल और कठिनाईयों के दौर से लालू जी ने निकाल कर गरीबों, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और दलितों को मान-सम्मान और अधिकार देने का कार्य किया था। और जिस तरह से इन वर्गों के सम्मान को लौटाया था, और जो लोग पहले खटिया, मचिया और कुर्सी पर बैठने नहीं देते थे, उससे मुक्ति दिलवाकर लालू जी ने समाज में एक बेहतर वातावरण का निर्माण किया था, लेकिन अफसोस की बात है कि आज फिर से उसी तरह की व्यवस्था लाने के प्रति अपनी टेढ़ी चाल चलने वाले लोग सक्रिय हो गये हैं अपने सोच के अनुसार गरीबों को सिर झुका कर चलने और रहने देने पर मजबूर कर रहे हैं। जहां नालंदा के राजगीर में गरीब नाई परिवार के बेटा सुखदेव ठाकुर को गर्दन मरोड़कर पांच गोली इसलिए मार दी गई कि उन्होंने उनके अनुसार काम करने से मना कर दिया। आरा में जिस तरह से तांडव करने वाले ने नरसंहार करके सात लोगों को गोली मार दी जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने वाले सत्ता संरक्षित बबलू सिंह जो भाजपा के नेता हैं और उनकी नजदीकी का प्रमाण फोटो के साथ उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, सांसद रविशंकर प्रसाद और मनोज तिवारी के साथ दिख रहा है, ये स्पष्ट करता है कि बिहार में सत्ता के द्वारा किस तरह से अपराध करने वालों को संरक्षित किया जा रहा है।
इन्होंने आगे कहा कि एक सप्ताह के अन्दर जिस तरह से अपराध के मामले बढ़े हैं ये स्पष्ट करता है कि बिहार में अपराधियों को महिमामंडित करने वाले लोग सत्ता में बैठे हुए हैं। जहां पटना के दुजरा में जदयू नेत्री सोनी निषाद, सहरसा में चौमिंग व्यवसायी निर्मल साह की हत्या श्री सिर काट कर दी गई और अब तक उनका सिर भी बरामद नहीं हुआ है और ना ही अपराधी पकड़े गये हैं। सीवान में पेड़ से लटका हुआ दलित युवक का शव मिला, लेकिन अपराधी की गिरफ्तारी तो दूर प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। सीतामढ़ी में राजू कुशवाहा की हत्या, सासाराम में आभूषण व्यवसायी प्रिंस सेठ की हत्या, बेगूसराय में अजीत महतो की हत्या तथा बेगूसराय में ही दो चौधरी भाईयों की हत्या कर सिमंेट की बोरी में लाश का मिलना, पटना एयरपोर्ट से बिल्डर का अपहरण कर 50 लाख की फिरौती, आरा में तनिष्क शो रूम में 25 करोड़ रूपये की लूट इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि बिहार में बदहाल व्यवस्था है और मुख्यमंत्री अचेतावस्था में हैं।
इन्होंने भाजपा का नामाकरण करते हुए कहा कि बुजदिल जगलर पार्टी (बीजेपी )की ओर से नीतीश कुमार को घेरकर रखा गया है। जिस कारण जनता का दमन और उत्पीड़न ( जेडीयू ) के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार में बढ़ गई है। इसीलिए जनता दल यू का नामाकरण जनता का दमन, उत्पीड़न करने वाली पार्टी के रूप में जाना जा रहा है। जहां ललन सिंह जैसे नेता धमकी देकर प्रधानमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के अभियान में लगे हुए हैं वहीं संजय झा, विजय चौधरी, ललन सिंह और डी.के. बॉस जैसे चार व्यक्ति भाजपा को खुश करने में लगे हुए हैं। बिहार में जदयू के अस्तित्व को समाप्त करने में इन्हीं चार लोगों की भूमिका है, यह स्पष्ट रूप से दिखता है। जिस तरह से बिहार में अपराध का तांडव हो रहा है उस पर सरकार में बैठे हुए लोग चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें इस बात का जवाब देना होगा कि किसी को वो कुख्यात अपराधी कहते हैं वहीं अपने साथ वाले को बाहुबली कहके अपराध और अपराधी के नजरिये को दो तरीके से देखते हैं। आज बिहार में स्थिति ऐसी है कोई नहीं कह सकता है कि वो घर सुरक्षित लौटेगा कि नहीं। सत्ता प्रतिष्ठान के नकारेपन के कारण बिहार त्राहि-त्राहि कर रहा है वहीं नागपुरिया विचारों से लैस होकर सरकार में बैठे हुए लोग उंच-नीच का भेदभाव बढ़ा रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को समझ लेना चाहिए कि बिहार में उनकी टेढ़ी चाल नहीं चलेगी। बिहार में जिस तरह का तांडव हो रहा है उससे लोग मुक्ति चाहते हैं और तेजस्वी जी के प्रति लोगों का विश्वास और समर्थन इसलिए है कि वो सच और सच्चाई से लोगों को अवगत करा रहे हैं।
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख श्री राजेश सिंह राठौर ने कहा कि बिहार में सत्ता के संरक्षण में आरा में नरसंहार किया गया। नीतीश का राज गुण्डा और माफिया का राज है, जहां ज्ञान, शौर्य और गौरवमयी भूमि बिहार को आज गुंडा और अपराध के राज के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार में हर रोज क्राईम का ग्राफ बढ़ रहा है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अपराध 323 प्रतिशत बढ़ गया है ।जहां 2005 से पहले 01 लाख 07 हजार 664 अपराध की घटनाएं होती थी वहीं वर्तमान डबल इंजन सरकार में 2022 तक कुल अपराध 03 लाख 47 हजार 835 प्रतिवर्ष हो गया है। बिहार में हर रोज 953 अपराध हो रहे हैं। हत्या के प्रयास 262 प्रतिशत, जघन्य अपराध 206 प्रतिशत तक बढ़ गये हैं। नीतीश कुमार के राज में बिहार में महिला अपराध 336 प्रतिशत बढ़े हैं। बिहार में बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही है। नीतीश सरकार में कुल 62 हजार 830 बच्चों के साथ अपराध की घटनाएं हुई। दलितों के उत्पीड़न के मामले में बिहार उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे स्थान पर हैं। जिस तरह से बिहार में अपराध बढ़ रहे हैं उससे बिहार को देश के दूसरे स्थान पर रखा गया है। बढ़ते अपराध और जघन्य मामलों के कारण बिहार को अपराध का गढ़ मान लिया गया है।
इन्होंने आगे कहा कि सत्ता के द्वारा जब फंसाने और बचाने की कार्रवाई होगी तो अपराध करने वाले का ग्राफ बढ़ेगा ही और अपराधियों को इस बात का एहसास है कि सत्ता के द्वारा उन्हें संरक्षित किया जा रहा जिस कारण शासन और प्रशासन का मनोबल कमजोर हुआ है और अपराध करने वाले की सजा में भी कमी हुई है क्योंकि अनुसंधान के क्रम में सट्टा संरक्षित अपराधियों को बचाने का कार्य किया जाता है।