
बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य कराने लिए के चुनाव आयोग के द्वारा 24 जुन 2025 को जारी आदेश को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने राष्ट्रीय जनता दल की ओर से माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी है। जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
इस संबंध में प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के फैसले के बाद नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पहले ही कहा था कि इससे सबसे अधिक परेशानी गरीबों ,शोषितों ,वंचितों , पिछड़ो,अति पिछड़ो, आदिवासियों, और अल्पसंख्यकों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।और जिस तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं वह उपलब्ध कराना आम जनों के लिए काफी मुश्किल होगा। राष्ट्रीय जनता दल ने पहले से ही मांग किया है कि गरीबों को वोट से वंचित न किया जाए, इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने महागठबंधन के नेताओं के साथ मिलकर ऐसे फैसले जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करते हो इसका हर स्तर पर विरोध करने का फैसला लिया था। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय जनता दल की ओर से प्रोफेसर मनोज कुमार झा जी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए कहा कि कि ‘चुनाव आयोग की यह नीति संविधान के खिलाफ है. इससे वो लोग जो गरीब हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें वोट देने से वंचित किया जा सकता है ,जो लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए ठीक नहीं होगा। क्योंकि चुनाव से पूर्व इस तरह का कार्य कहीं से उचित नहीं है।