
शनिवार को नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में यकृत और पेट की बिमारियों और उसके उपचार से जुड़े विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्गाटन राजधानी पटना के जाने माने चिकित्सक डॉ. धीरज कुमार (MD, MRCP, DM – गैस्ट्रो) और अन्य अतिथियों ने सयुंक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया | कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ की गयी |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना से आये वरीय चिकित्सक डॉ. धीरज कुमार ने एक विशेष संवादात्मक सत्र में मेडिकल स्टुडेंट और चिकित्सकों को संबोधित करते हुए आधुनिक यकृत एवं पेट की बीमारियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी | उन्होंने कहा कि पेट की समस्याएँ एक आम समस्या है जो दैनिक जीवन को बाधित कर सकती है और काफी असुविधा पैदा कर सकती है।
पेट की समस्याओं में पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली कई तरह की स्थितियाँ शामिल हैं। जैसे अपच,ऊपरी पेट में दर्द में अक्सर सूजन, डकार और मतली के रूप में प्रकट होता है। अपच अधिक खाने, मसालेदार या वसायुक्त भोजन खाने या तनाव के कारण होता है|
डॉ. धीरज कुमार ने अपने संबोधन के दौरान जोर देते हुए कहा कि जीवनशैली में बदलाव से पेट की बीमारियों से बचा जा सकता है उन्होंने हर दिन कम से कम 40 मिनट नियमित रूप से व्यायाम करने के साथ साथ धूम्रपान और शराब से दूर रहकर भी पाचन स्वास्थ्य में सुधार किये जाने पर भी बल दिया |
तत्पश्चात डॉ. धीरज कुमार ने “आंतों की आम समस्याएं – केस आधारित चर्चा” विषय पर व्याख्यान दिया। सत्र के दौरान उन्होंने गैस, अपच, कब्ज, IBS, लीवर रोग, और अन्य जठरांत्र समस्याओं पर केस स्टडी आधारित तरीके की विस्तृत चर्चा की।
🔹 प्रमुख आकर्षण:
• इंटरएक्टिव केस डिस्कशन जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया
• नवीनतम जांच और उपचार पद्धतियों की जानकारी
• पेट की बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर चर्चा
• देसी और आधुनिक चिकित्सा का समन्वय
डॉ. धीरज कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा:
“आज का डॉक्टर सिर्फ इलाज नहीं करता, बल्कि एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है जो जीवनशैली में बदलाव से रोग की जड़ तक पहुंचता है।”
इस अवसर पर VIMS के सीनियर फैकल्टीज और छात्रों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवपूर्ण बना दिया। छात्रों और युवा चिकित्सकों में इस सत्र को लेकर विशेष उत्साह देखा गया।