
सोमवार को बिहार विधान मंडल का मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई जिसकी विधिवत शुरुआत बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव के संबोधन से कि गयी ..अपने संबोधन में अध्यक्ष ने जो कुछ कहा उनके ही शब्दों में जाने …..
माननीय सद्स्यगण,
मैं आप सबों का इस अंतिम सत्र में हार्दिक स्वागत करता हूँ। सत्रहवीं बिहार विधान सभा का यह पंचदश सत्र आज 21 जुलाई से प्रारम्भ होकर 25 जुलाई तक चलेगा। इसमें पांच बैठकें होंगी। यह सत्र न केवल पाँच वर्षीय संवैधानिक प्रावधान की अंतिम कड़ी है, अपितु यह हम सबके संयुक्त प्रयासों, नीतियों, और जनहित में किए गए निर्णयों के मूल्यांकन का अवसर भी है। यह अवसर हमें आत्ममंथन का मौका देता है कि बीते पाँच वर्षों में हमने बिहार की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप किस सीमा तक कार्य किया, क्या पाया, और कहाँ सुधार की आवश्यकता है।
इस अवधि में बिहार विधान सभा ने अनेक महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कर, शासन की गुणवत्ता में सुधार के अनेक प्रयास किए। हमने किसानों, श्रमिकों, महिलाओं, युवाओं, पिछड़े वर्गों तथा वंचित समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित होकर कार्य किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, डिजिटल शासन, कौशल विकास तथा महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विधान सभा में विस्तृत चर्चा और विधायी निर्णय लिए गए।
कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौरान हमारे सदन ने राज्य सरकार को जन-जीवन की रक्षा हेतु आवश्यक नीतिगत निर्णयों में सहयोग दिया। संकट की उस घड़ी में हमारे जनप्रतिनिधियों की सक्रियता और प्रशासनिक सहयोग की भावना, लोकतंत्र की सच्ची मिसाल बनी।
माननीय सदस्यगण, हमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि मतभेद लोकतंत्र की आत्मा है, परंतु मनभेद से ऊपर उठकर हमने जनहित को प्राथमिकता दी है। यह इस सदन की परिपक्वता और परम्परा को दर्शाता है। इस कार्यकाल में हमने सदन कीकार्यवाही को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया। ई-विधान प्रणाली, डिजिटल डाटाबेस तथा सत्रीय कार्यवाही की ऑनलाइन उपलब्धता जैसे उपायों से जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच दूरी कम करने की पहल हुई है। अब जबकि हम एक नई यात्रा की ओर बढ़ने जा रहे हैं, मैं सभी सदस्यों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देता हूँ। मतभेदों के बावजूद, इस सदन में जिस गरिमा और अनुशासन के साथ कार्य हुआ, वह प्रेरणादायक रहा है।
मैं विशेष रूप से उन वरिष्ठ सदस्यों का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने अपने अनुभव, वक्तव्य और प्रतिबद्धता से इस सदन को समृद्ध किया। आगामी चुनावों के दौरान सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से मेरी अपील है कि वे लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करें, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें, और जनता के विश्वास को सर्वोपरि रखें ।
अन्त में, मैं बिहार की जनता का आभार प्रकट करता हूँ, जिनके विश्वास से यह संस्था जीवंत रहती है। मुझे आशा है कि आगामी विधान सभा और भी अधिक सक्रिय, सजग, और उत्तरदायी होगी।
“हमारा दायित्व केवल विधि-निर्माण नहीं, बल्कि जनविश्वास की रक्षा भी है।”
इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार पुनः आप सभी को इस सत्र हेतु शुभकामनाएँ देता हूँ और आशा करता हूँ कि इस सत्र में भी मुझे सदन संचालन में आपसबों का भरपूर सहयोग मिलेगा और यह सत्र भी पूर्ववत गरिमा, मर्यादा और उद्देश्यपूर्ण विमर्श से युक्त रहेगा।