
मतदाता सूची घोटाले में नाम उजागर होने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा जी द्वारा दिए गए बयान को हास्यास्पद बताते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग द्वारा अबतक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी के मामले काफी सक्रिय हो जाने वाला चुनाव आयोग विजय कुमार सिन्हा के मामले में कार्रवाई करने में अबतक चुप क्यों है ? जबकि वैधानिक रूप से तेजस्वी यादव कहीं दोषी नहीं थे । उनके नाम पर दो एपिक नम्बर था जिसका पर्दाफाश उन्होंने स्वयं की थी। और जिसके लिए सीधे तौर पर चुनाव आयोग हीं जिम्मेदार हैं। न उनका विधानसभा क्षेत्र बदला था और न मतदान केन्द्र। पर विजय कुमार सिन्हा का तो विधानसभा क्षेत्र के साथ हीं आवासीय पता और उम्र भी बदला हुआ है जो कि स्पष्ट रूप से जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के अनुसार अपराध है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा इस घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद माननीय उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा जी द्वारा जो सफाई पेश की गई है उसने तो वोटर घोटाले में भाजपा और चुनाव आयोग के मिलीभगत को बेनकाब हीं कर दिया है कि दोनों के मिलीभगत से मतदाता सूची में फर्जी वोटरों का नाम जोड़ा जा रहा है और गरीबों विशेषकर दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का नाम हटाया जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि विजय कुमार सिन्हा जी कह रहे हैं कि उन्होंने पटना से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन किया था और किसी कारणवश नाम नहीं हटाया गया तो फिर दोनों जगहों से विशेष गहन पुनरिक्षण (एस आई आर) के लिए फॉर्म क्यों भरे और फॉर्म पर दस्तखत क्यों किए। क्यों कि चुनाव आयोग के दावे के अनुसार तो 1 अगस्त 2025 को जारी प्रारुप में उन्हीं का नाम शामिल किया गया है जिन्होंने फॉर्म पर दस्तखत कर के बिएलओ को दिए हैं। इतना हीं नहीं पटना में तो वे बजाप्ता प्रमाणपत्र भी दे चुके हैं जो सत्यापित भी हो चुका है। जबकि लखीसराय में अभी सत्यापन की प्रक्रिया में है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि विजय कुमार सिन्हा जी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने 30 अप्रैल 2024 को हीं बांकीपुर (पटना) के मतदाता सूची से नाम हटाने का फॉर्म भरा था तो उसके बाद तो दो-दो बार मतदाता पुनरीक्षण हो गया एक बार संक्षिप्त पुनरीक्षण और अभी एस आई आर, तब भी नाम नहीं कटा । ओर वे चुनाव आयोग को भी क्लीन चिट दे रहे हैं । आखिर किसको बेवकूफ बना रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल एक ओर जहां तेजस्वी यादव को गाली देकर राजद शासनकाल के बारे में झूठे दुष्प्रचार के माध्यम से गलत परसेप्शन बनाने की साजिश करती रही है वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग के मिलीभगत से वोट घोटाले कर सत्ता पर काबिज होती रही है। अब पाप का घरा भर चुका है और इनके असलियत को लोग समझ चुके हैं।