
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर तंज कसते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राहुल-तेजस्वी की जोड़ी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी आसन्न हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ने का रिहर्सल कर रहे हैं । अभी से लेकर मतगणना तक अलग-अलग लहजे और तेवर में इनका यह अभ्यास चलने वाला है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि बीते आम चुनाव के समय से संविधान के नाम पर इनलोगों ने झूठा प्रचार करने का बीड़ा उठाया है । जिसका छिटपुट लाभ इन्हें तब मिला । उस समय से इन्होंने संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करना अपना एकमात्र ध्येय बना लिया है । जब चुनाव के नतीजे इनके पक्ष में होते हैं तब ईवीएम से लेकर चुनाव आयोग का कामकाज इनकी नजर में सही होता है, लेकिन जब ये हारते हैं तो चुनाव आयोग के कामकाज से लेकर पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाने लगते हैं ।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज ये लोग महाराष्ट्र के संदर्भ में कह रहे हैं कि सभी एग्जिट पोल इंडी गठबंधन के पक्ष में नतीजे दिखा रहे थे । इसलिए असल नतीजे का उल्टा होना इन्हें पच नहीं रहा । वहीं आम चुनाव और झारखंड चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमानों के विपरीत नतीजों को ये स्वीकार कर लेते हैं । राहुल जी बंगलुरू लोकसभा चुनाव पर बाकायदा प्रेजेंटेशन करने आते हैं । लेकिन धुले (महाराष्ट्र) लोकसभा चुनाव परिणामों पर चुप्पी साध लेते हैं । जहां कुल छः विधानसभा क्षेत्रों में से पांच विधानसभा क्षेत्रों में 1 लाख 90 हजार की बढ़त के बावजूद भाजपा उम्मीदवार कैसे केवल एक विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ कर चुनाव हार गए थे ? तब भी हमारे गठबंधन ने कभी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कभी उंगली नहीं उठाई ।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज राहुल और तेजस्वी चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहे हैं । जबकि आज चुनाव आयुक्तों का चयन पूरी पारदर्शिता और स्पष्ट मानकों के हिसाब से हो रहा है । जबकि कांग्रेस के राज में पद से हटने के बाद चुनाव आयुक्त राज्यपाल, राजसभा सदस्य, लोकसभा में पार्टी के उम्मीदवार यहां तक कि कैबिनेट मंत्री तक बनाए गए हैं । इतिहास गवाह है कि इन दोनों शहजादों के परिवार वाले पूरी व्यवस्था को रबर स्टाम्प की तरह चलाते थे । इसलिए चुनाव के मौसम में असली मुद्दों के अभाव में अलग-अलग स्वांग रचने की इनकी शैली को जनता भलीभांति जानती है । जनता आदरणीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी की जोड़ी पर फिर विश्वास जताने को तैयार है । बिहार की जनता को नौटंकी नहीं, नया बिहार चाहिए।