
बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के सतत प्रयासों से हमारा बिहार आने वाले दिनों में देश का ‘इंडस्ट्रियल हब’ बनकर उभरेगा । केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों और निर्णयों से राज्य के लोगों, खासकर हमारे युवाओं में आगे बढ़ने की ललक और गतिशीलता आई है । जिसका व्यापक लाभ आने वाले दिनों में राज्य को मिलेगा ।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार ने अपनी नीतियों से आम लोगों को सशक्त करने के बहुमुखी प्रयास किये हैं । मिसाल के तौर पर GST सुधारों से घरेलू बचत को बढ़ावा मिलने के साथ कर ढांचे के सरलीकरण से छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा । स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर 18 % से घटकर शून्य कर, वाहनों पर 28 % से घटकर 18%, ट्रैक्टर पर 12% से घटकर 5% , कला एवं सांस्कृतिक सामग्रियों पर 12 % से घटकर 5% GST होने तथा उपकारों के क्रमिक न्यूनीकरण से MSME आधारित उद्योगों को एक नई ताकत मिलेगी । साथ ही पर्यटन, सेवा और कृषि से जुड़े व्यापार को इसका सीधा लाभ मिलने जा रहा है । अनुमानित है कि देश स्तर पर GDP में तकरीबन 1 % तक की वृद्धि हो सकती है । अपनी सबसे युवा कार्यशील आबादी के कारण बिहार जैसे राज्य इसके सबसे बड़े लाभार्थी होंगे । इसके अलावा बीते दिनों जो राष्ट्रीय सहकारिता नीति आई है उसका लक्ष्य प्रखंडवार 5-5 मॉडल गांव को विकसित करते हुए अगले 10 वर्षों में 50 करोड़ लोगों को सहकारी ढांचे से जोड़ना है । निश्चित रूप से इसका बड़ा लाभ हमारे ग्रामीण,कृषक, महिला और वंचित तबके के उद्यमियों को मिलेगा ।
श्री सिन्हा ने कहा कि 2005 से माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य की NDA सरकार ने पहले वित्तीय अनुशासन से शुरू कर बुनियादी ढांचे, विद्युतीकरण और सामाजिक सेवाओं की पहुँच को सुलभ कराया । बीते दिनों आई एशियन डेवलपमेंट रीसर्च इंस्टीट्यूट (ADRI) की रिपोर्ट ने भी इसकी पुष्टि की है । इसके अनुसार बीते 13 वर्षों में बिजली के औद्योगिक उपभोक्ताओं की संख्या करीब 11 गुना बढ़ी है । कृषि क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में करीब 9 गुना उछाल आया है । जो जिले कभी माओवादी हिंसा से ग्रस्त थे आज वे बिहार के विकास के अगुआ बन रहे हैं ।
श्री सिन्हा ने कहा कि विकास के इन रुझानों को गति देने के लिए राज्य सरकार ने बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2025 को मंजूरी देने के साथ 32 औद्योगिक पार्क विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है । इसके समानांतर युवाओं के इंटर्नशिप के लिए ‘प्रतिज्ञा’ योजना तथा आधी आबादी की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ जैसे पहल किये जा रहे हैं । इन सबके सम्मिलित प्रयास से हमारा बिहार अब देश की ‘आत्मनिर्भर औद्योगिक क्रांति’ में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगा ।