राजद की गोद से राजनीतिक पहचान बनाने वाले से तेजस्वी को प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि राजद की गोद से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने वाले संजय जायसवाल जी और उनके जैसे अन्य मिथ्यावादी नेताओं से राजद को प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। पहली बार 2005 में लालू जी के कृपा पर राजद के टिकट पर हीं संजय जायसवाल जी बेतिया विधानसभा का चुनाव लड़े थे।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास से लेकर वर्तमान साक्षी है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जी हों या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव हों न कभी भाजपा से हाथ मिलाया है और न कभी मिलाएंगे। अन्यथा लालू जी और उनके परिवार पर न कोई केश होता और न लालू जी जेल जाते। साथ हीं तेजस्वी जी आज बिहार के मुख्यमंत्री होते। यह लालू जी हीं थे जिन्होंने अपनी सरकार को दांव पर लगाकर अडवाणी जी को गिरफ्तार किया था। ईडी , आईटी और सीबीआई का भय दिखाकर भाजपा भले हीं अनेक राजनीतिक दलों और नेताओं को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही हो पर आज भी किसी राजनेता के दहाड़ के सामने भाजपा नेताओं की बोलती बंद हो जाती है तो वो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव हैं। जो सारे हथकंडों और प्रपंचों का मुकाबला करते हुए भी भाजपा के गलत नीतियों और कार्यक्रमों का बुलंदी के साथ मुखालिफत करते रहे हैं।
यह तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और स्वीकार्यता का हीं भय है कि भाजपा अपनी से आधी सीट वाली जदयू के शरणागत है। और उसके हर शर्तों को मानने के लिए मजबूर हो रही है।