ओल्ड चम्पारण मीट हाउस के ब्रांड नेम का उपयोग करने वालों पर होगी सख्त करवाई : गोपाल कुशवाहा

ओल्ड चंपारण मीट हाउस, बिहार का प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित ब्रांड है। यह अहुना हांडी मटन और चिकन के अनोखे स्वाद और विश्वास के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। लोग इस नाम पर विश्वास और लगाव रखते हैं जिसे हमने दशक से बनाया है। मगर बीते कुछ सालों से कई लोग इस नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। बिहार में हमारे ब्रांड नेम और इससे मिलते – जुलते नाम पर बहुत से लोग अपना दुकान चला रहे हैं। उक्त बात की जानकारी ओल्ड चम्पारण मीट हाउस के संचालक गोपाल कुशवाहा ने रविवार को गाँधी मैदान स्थित आईएमए हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि बीकैप मटन हब के अंतर्गत संचालित ओल्ड चंपारण मीट हाउस वर्ष 2014 में शुरू हुआ बिहार का पहला और सबसे पुराना है। शुरुआत के दिनों में यह चम्पारण मीट हाउस के नाम से चलता था, मगर जब इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी तब लोग इस नाम पर अपनी दुकान चलाने लगे। बाद में हमने ओल्ड चम्पारण मीट हाउस के नाम से ट्रेडमार्क ले लिया ताकि लोग गुमराह न हों। ओल्ड चम्पारण मीट हाउस, अहुना जैसे नामों का पंजीकरण सिर्फ हमारे पास है। उन्होंने कहा कि इस नाम का दुरुपयोग करने वालों पर अब हम जल्द ही क़ानूनी करवाई करने जा रहे हैं ताकि हमारे ब्रांड और बिहार कि छवि खराब ना हो। वही अपने संबोधन में अधिवक्ता प्रीतेश आनंद ने कहा कि इस नाम और चिह्न के उल्लंघन के कारण, लोगों को वास्तविक स्वाद और ब्रांड की पहचान करने में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बिहार भर में कई परिचित और भरोसेमंद ग्राहक शिकायत करते हैं कि ब्रांड बनाने के लिए कुछ करें, हम भावुक और जुनूनी हैं और मानते हैं कि हमारी कानूनी लड़ाई जो शुरू किए थे उसमे हम जरूर सफल होंगे। हम 2015 से इस ब्रांड के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं जो की ब्रांड बिहार की रक्षा के लिए, वास्तविक स्वाद की रक्षा के लिए, और बिहार और भारत के भरोसे की रक्षा और विश्वास के लिए है जिस ब्रांड को हमने पिछले 10 वर्षों से बनाया है। आज का दिन ओल्ड चम्पारण मीट हाउस के लिये अहम है क्योंकि बहुत लंबे समय से हमलोग बिहार के एक अहम टेस्ट एवं ब्रांड को बचाने, बढ़ाने और पहचान दिलाने में लगे थे।

 

उन्होंने कहा कि ओल्ड चंपारण मीट हाउस नाम बिहार में अच्छी तरह से जाना जाता है जिसे गोपाल कुशवाहा ने शुरू किया और पेश किया। मौके पर उपस्थित अधिवक्ता सुभाष कुमार ने बताया कि आगे इस कानूनी लड़ाई को बढ़ाते हुए हम सभी से आशा, अपेक्षा और अनुरोध करते हैं कि कोई भी इस ब्रांड नेम को या इससे मिलता जुलता नाम का उपयोग नहीं करें। इससे हमारे नाम खराब होता है। प्रेस वार्ता में बीकैप मटन हब की निदेशिका बिंदु कुशवाहा ने बताया कि बीकैप मटन हब द्वारा संचालित ओल्ड चम्पारण मीट हाउस की शुरुआत साल 2014 में की गई थी। अपने स्वाद और सेवा के बदौलत इस ब्रांड ने जल्द ही ग्राहकों के बीच अपनी खास पहचान बना ली। पिछले 8 वर्षों में ओल्ड चम्पारण मीट हाउस ने कई संघर्षों का सामना करते हुए पटना, समस्तीपुर, भागलपुर, वाराणसी, दिल्ली, चंडीगढ़ में भी अपने ब्रांच खोले। कंपनी द्वारा बेसन, सत्तू, बीएमएच मसाले और तेल का भी निर्माण किया जाता है। यहाँ निर्मित तेल और मसाले की खासियत है की भोज्य सामग्री और बर्तन में तेल नहीं लगता और मटन जैसी चीज जल्द ही सुपाच्य होता है। ओल्ड चम्पारण मीट हाउस में उच्चय गुणवत्ता के अहुना हांड़ी मटन, मटन इस्टु, बम्बू मटन, चिकन, मछली, रोटी, राइस, पनीर आदि उपलब्ध हैं। ओल्ड चम्पारण मीट हाउस द्वारा युवाओं और जरूरतमंद लोगों को अहुना मटन बनाने का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाता है।

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