राजभाषा विभाग के ट्विटर हैंडल का भी उद्घाटन, इस हैंडल के माध्‍यम से राजभाषा के प्रचार-प्रसार को और गति मिलेगी

न्यूज़ डेस्क –  केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आज उत्तर प्रदेश के कानपुर में उत्‍तर-1 तथा उत्‍तर-2 क्षेत्रों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों इत्‍या‍दि के लिए संयुक्‍त क्षेत्रीय राजभाषा सम्‍मेलन एवं पुरस्‍कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजभाषा विभाग के ट्विटर हैंडल का उद्घाटन भी किया गया। राजभाषा विभाग द्वारा संवैधानिक दायित्‍वों के निर्वहन की दिशा में प्रचार-प्रसार किया जाता है और इस हैंडल के माध्‍यम से राजभाषा के प्रचार-प्रसार को और गति मिलेगी।

सम्मेलन के मुख्‍य अतिथि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्‍यानंद राय ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को एकता के सूत्र में बांधने में हिंदी की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। उन्होने कहा कि किसी भी देश की भाषा उसकी अस्‍मिता का प्रतीक होती है। भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक राष्‍ट्रीय एकीकरण का सबसे शक्‍तिशाली और सशक्‍त माध्‍यम हिंदी रही है । हिंदी न केवल हमारी राजभाषा है बल्‍कि भारतीय जन-मानस की भाषा है । हिंदी एक समृद्ध, सशक्‍त एवं सरल भाषा है । श्री राय ने कहा कि इतिहास गवाह है कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हिन्दी ने पूरे देश को एकजुट रख कर देशवासियों में राष्ट्र प्रेम और स्‍वाभिमान की अदभुत भावना जागृत करने में अहम भूमिका निभाकर ‘अनेकता में एकता’ की संकल्पना को पुष्ट किया। स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान स्‍वराज, स्वदेशी और स्‍वभाषा पर बल दिया गया था। यह हमारा राष्‍ट्रीय मत था कि बिना स्‍वदेशी व स्‍वभाषा के स्‍वराज सार्थक नहीं होगा । हमारे राष्‍ट्रीय नेताओं की यह दृढ़ धारणा थी कि कोई भी देश अपनी स्‍वतंत्रता को अपनी भाषा के अभाव में मौलिक रूप से परिभाषित नही कर सकता और ना ही उसका अनुभव कर सकता । उन्‍होंने कहा कि इस संदर्भ में महात्‍मा गांधी जी ने कहा था ‘स्‍वतंत्रता आंदोलन मेरे लिए केवल स्‍वराज का नहीं अपितु स्‍वभाषा का भी प्रश्‍न है । ’

श्री नित्‍यानंद राय ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ देश के अंतिम व्‍यक्‍ति तक पहुंचाने के लिए भाषा का अत्‍यधिक महत्‍व है। सरकार की कल्‍याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी बन सकेंगी जब देश का हर वर्ग उनसे लाभान्‍वित हो ताकि ‘सबका साथ सबका विकास’ का उद्देश्य पूरा हो सके । मातृभाषा के उपयोग से भ्रष्‍टाचार भी समाप्‍त हो सकता है और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ आम जनता को मिल सकता है। इसके लिए आवश्‍यक है कि शासन का काम-काज आम जनता की भाषा में निष्‍पादित किया जाए। उन्होने कहा कि हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि राजभाषा हिंदी के माध्‍यम से देश की जनता की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्‍कृतिक सभी प्रकार की अपेक्षाओं को पूरा करने वाली योजनाओं व कार्यक्रमों को आखिरी सिरे तक पहुंचाना सरकारी तंत्र का अति महत्‍वपूर्ण कर्तव्‍य है और उसकी सफलता की कसौटी भी। यदि हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र निरंतर प्रगतिशील और जीवंत रहे तों हमें संघ के कामकाज में हिंदी का और राज्‍यों के कामकाज में उनकी प्रांतीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ाना होगा। श्री राय ने कहा कि इसलिए मेरा विचार है कि हमें अंग्रेजी की बजाय अपनी स्थानीय भाषाओं का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए । उन्होने कहा कि हिन्दी के साथ-साथ अनेक अन्य भारतीय भाषाओं में प्रचुर मात्रा में उत्कृष्ट साहित्य का सृजन किया जा चुका है। श्री नित्‍यानंद ने कहा कि आज गृह मंत्रालय में अधिकतर कार्य राजभाषा में किया जा रहा है।

अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि देश के स्‍वतंत्रता संघर्ष के दौरान हिंदी ने संपर्क भाषा के रूप में महत्‍वपूर्ण कार्य किया और आजादी के बाद संविधान ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में चुना। यह वह दौर था जब हिंदी ने गुलामी से त्रस्त देशवासियों में राष्ट्र-भक्ति और एकजुटता की नवीन चेतना का संचार किया। हिंदी को भारतीय चिंतन-धारा का स्‍वाभाविक विकास क्रम माना गया । उनका कहना था कि भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम के नायकों ने हिंदी को सीधे तौर पर राष्‍ट्रीय एकता से जोड़ा। आचार्य विनाबा भावे और महात्‍मा गांधी ने स्‍वतंत्रता आंदोलन को जन-आंदोलन और हिंदी को संपर्क भाषा बनाया। श्री मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद हिंदी का प्रभाव बढना था लेकिन आजादी के बाद किए गए प्रयासों से अपेक्षा के अनुरूप परिणाम प्राप्‍त नहीं हो सके।

श्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश-विदेश में संबोधन के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं और यही कारण है कि लोग आज हिंदी बोलने में हीनभावना की जगह गर्व कर रहे हैं और बडी संख्‍या में लोग हिंदी का प्रयोग कर रहे हैं। माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने विभिन्‍न मंचों पर लगातार कोशिश की है कि राजभाषा में अधिकतर कार्य हो और लोग अपने संवैधानिक दायित्‍वों की पूर्ति करें। श्री मिश्रा ने कहा कि हिंदी के बढते हुए प्रभाव के कारण संयुक्‍त राष्‍ट्र में हिंदी का प्रचलन बढा है। आजादी के अमृत महोत्‍सव वर्ष में यह प्रण करना है कि जब आजादी के सौ वर्ष पूरे होंगे तब हर दृष्टि से भारत सशक्‍त होगा और यह सभी के प्रयास से यह संभव होगा। श्री मिश्रा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्‍व में आई नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया गया है इससे राजभाषा और भारतीय भाषाएं मजबूत होंगी।

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि संविधान ने हम सब पर राजभाषा हिंदी के विकास और प्रयोग-प्रसार का दायित्‍व सौंपा है । यह कार्य सभी के सहयोग और सदभावना से ही संभव है । स्‍वेच्‍छा से प्रयोग से भाषा की व्यापकता में वृद्धि होती है, भाषा समृद्ध होती है और उसका स्‍वरूप निखरता है। उनका कहना था कि दुनिया को ज्ञान-विज्ञान, गणित, योग, अध्यात्म एवं संस्कृति का गूढ़ ज्ञान देकर जगत-गुरु कहलाने वाले महान भारत के सभी नागरिकों से यह अपेक्षित है कि वे राजभाषा के प्रति अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से निभाएं। श्री मिश्रा ने कहा कि हमारे लोकतंत्र का मूलमंत्र है -‘सर्वजन हिताय’ अर्थात सबकी भलाई। उन्होने कहा कि सरकार की कल्‍याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी मानी जाएंगी जब जनता और सरकार के बीच निरंतर संवाद, संपर्क और पारदर्शिता बनी रहे और सरकार की योजनाओं का लाभ देश के सभी नागरिकों को समान रूप से मिले । हमारा लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुंचाएं। उन्होने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर राजभाषा हिंदी इस जिम्‍मेदारी को बखूबी निभा रही है।

अपने स्‍वागत उद्बोधन में राजभाषा विभाग की सचिव सुश्री अंशुली आर्या ने कहा कि राजभाषा सबंधी संवैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करने एवं सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा विभाग सतत प्रयासरत है । उन्‍होंने कहा कि राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी में सहजता से कार्य करने के लिए अनेक प्रभावी साधन मुहैया कराए गए हैं। सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग आसान बनाने के उद्देश्य से राजभाषा विभाग ने अन्य ई-टूल्स एवं एप्लिकेशन्स के अलावा ‘ई महाशब्दकोश मोबाइल ऐप’ और ‘ई-सरल हिंदी वाक्य कोश’ तैयार किए हैं। इसी प्रकार विभाग द्वारा अनुवाद में सहायता के लिए स्मृति आधारित अनुवाद साफ्टवेयर ‘कंठस्थ,’ सी-डैक पुणे की सहायता से विकसित किया है, इसका प्रयोग करके सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा दिया जा सकता है। सुश्री आर्या ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी के “आत्मनिर्भर भारत- स्थानीय के लिए मुखर हों” के आह्वान से प्रेरित होकर राजभाषा विभाग स्वदेशी निर्मित स्मृति आधारित अनुवाद टूल “कंठस्थ” को और अधिक लोकप्रिय बनाने और विभिन्न संगठनों में इसका विस्तार करने के हर सम्भव प्रयास कर रहा है।

कार्यक्रम में बोलते हुए चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी आर सिंह ने कहा कि वैश्विक स्‍तर पर तरक्‍की के लिए आज अंग्रेजी जरूरी नहीं है, आज हिंदी की वैश्विक स्‍तर पर स्‍वीकार्यता बढी है। संविधान के अनुसार संघ की राजभाषा हिंदी है और हमें राजभाषा के प्रचार-प्रसार का दायित्‍व सौंपा है।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने नालंदा में दो दिवसीय आजादी का अमृत महोत्सव फोटो प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

न्यूज़ डेस्क –  देश की आजादी के महान स्वतंत्रता सेनानियों व नायकों को याद करने और नई पीढ़ी को इनके बारे में बताने के उद्देश्य से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना द्वारा नालंदा स्थित महाबोधि महाविद्यालय (बीएड) कॉलेज में आज आजादी का अमृत महोत्सव फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इस दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने किया। कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निदेशक विजय कुमार एवं क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा, राजगीर की अनुमंडल पदाधिकारी अनिता सिन्हा उपस्थित थे।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि आज के इस डिजिटल युग में फोटो प्रदर्शनी की अपनी एक अलग महत्ता है। उन्होंने कहा कि आज हम लोग आजाद भारत के नागरिक हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किनकी कुर्बानियों और शहादतों के बाद हमें यह आजादी मिली है। उन नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और उनके बारे में बताने के लिए ही इस दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद कम लोगों को मालूम होगा कि गांधीजी बिहार में 1917 से लेकर 1947 तक लगभग 27 बार आए थें। इस फोटो प्रदर्शनी में कई ऐसे दुर्लभ तस्वीरें लगाई गई हैं, जो बच्चों को और उनके अभिभावकों को जरुर देखना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। जिस प्रकार प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, लोगों में स्वास संबंधी बीमारियां अधिक हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां देशभर में 33% हरियाली है, वहीं बिहार में 15% है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण ही पशु-पक्षियों सहित मनुष्यों में इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हमें अपने हरियाली के लक्ष्य को बढ़ाकर 17% करना है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि आज हम जिनकी वजह से खुली हवा में सांस ले रहे हैं, उनको याद करने के लिए यह अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने नालंदा के दो स्वतंत्रता सेनानियों – श्याम नारायण सिंह और मौलाना सैयद अरशद मदानी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल देश की आजादी में अपनी महत्ती भूमिका निभाई बल्कि वे राष्ट्रीय कौमी एकता के भी प्रतीक हैं, जिन्होंने लोगों को एकता में पिरोने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हमें देश में ही निर्मित बुनकरों के वस्त्रों व सामानों का इस्तेमाल करना चाहिए इससे लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।

नव नालंदा महाविहार के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार कर्ण ने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों, महानायकों के आदर्शों और जीवन से सीख लेने और उसे आत्मसात करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की समाज के प्रति अपनी एक जिम्मेदारी होती है और हर व्यक्ति को समाज में अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब देश के नायकों को एक जगह फोटो के माध्यम से बताने और समझाने की कोशिश नई पीढ़ी के लिए की जा रही है। निसंदेह एक सार्थक पहल है।

कार्यक्रम स्थल पर मुफ्त टीकाकरण के लिए स्टॉल की भी व्यवस्था की गई थी। साथ ही यहां हथकरघा का भी एक स्टॉल लगाया गया था। इसके साथ ही मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने लोकगीत और नाटक का मंचन किया।

मौके पर महाबोधि महाविद्यालय नालंदा के प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी सर्वजीत सिंह एवं अमरेंद्र मोहन सहित कॉलेज के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी की बरौनी और बाढ़ बिजली इकाइयां राष्ट्र को समर्पित कीं

न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एनटीपीसी बरौनी ताप विद्युत केन्द्रों (थर्मल पावर स्टेशन) के चरण- II 500 मेगावाट (2×250 मेगावाट) और एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर की यूनिट # 1 (660 मेगावाट) परियोजना को आज राष्ट्र को समर्पित किया।

श्री राजीव रंजन, सांसद (लोकसभा), मुंगेर; श्री राम रतन सिंह, विधान सभा सदस्य, तेघरा, बिहार; श्री राज कुमार सिंह, विधान सभा सदस्य, मटिहानी, बिहार; श्री ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, विधान सभा सदस्य, बाढ़, और बरह तथा बरौनी क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ समारोह में भाग लिया। इस समारोह में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के अधिकारी और बिहार की प्रतिष्ठित हस्तियां भी सम्मिलित हुईं।

केंद्रीय सचिव विद्युत श्री आलोक कुमार, और एनटीपीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह, एनटीपीसी के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इन कार्यक्रमों में उपस्थित थे।

एनटीपीसी समूह की बिहार राज्य में 7970 मेगावाट की स्थापित क्षमता है और इसके अतिरिक्त अन्य 1980 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है।

बाढ़ की कुल स्थापित क्षमता 3300 मेगावाट है, जिसमें से 1320 मेगावाट पहले से ही 16 मार्च से वाणिज्यिक संचालन के अधीन है ।

 

बिजली क्षेत्र के विकास में तेजी लाने और बिहार राज्य में लोगों के व्‍यापक लाभ के लिए बिजली की उपलब्धता और लागत दक्षता बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार ने 15 दिसम्बर 2018 को बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एनटीपीसी लिमिटेड को स्थानांतरित कर दिया था।

अपनी कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) पहल के एक हिस्से के रूप में, एनटीपीसी ने बिहार राज्य में कई सामुदायिक विकास (सीडी) गतिविधियां शुरू की हैं। ये गतिविधियां मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे के विकास, पेयजल, स्वच्छता, कौशल विकास / व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, दिव्यांगजनों को सहायता आदि के क्षेत्र में केंद्रित हैं। इसके अलावा, विभिन्न सामुदायिक विकास गतिविधियां पड़ोसी राज्यों में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। एनटीपीसी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में एक विशेष बर्न यूनिट भी स्थापित कर रहा है और इसके साथ ही औरंगाबाद जिले में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई ) का निर्माण कर रहा है ।

एनटीपीसी, भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी है जिसकी वर्तमान में 67907 मेगावाट (संयुक्त उद्यम (जेवी) / सहायक कंपनियों सहित) की स्थापित क्षमता है और 2032 तक 130 गीगावॉट क्षमता वाली कंपनी बनने की योजना है ।

मुख्यमंत्री ने बरौनी थर्मल पावर स्टेशन स्टेज-2 के 500 मेगावाट ( 2×250) का किया लोकार्पण

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज बेगूसराय में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन स्टेज-2 के 500 मेगावाट (2×250) का रिमोट के माध्यम से लोकार्पण कर देश को समर्पित किया।इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम के आयोजन के लिए आप सभी को बधाई देता हूं और यहां उपस्थित लोगों का अभिनंदन करता हूं। केंद्रीय मंत्री विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा श्री आर0के0 सिंह एवं एन0टी०पी०सी० को विशेष तौर पर बरौनी में थर्मल पावर स्टेशन स्टेज-2 के 500 मेगावाट के लोकार्पण के लिए बधाई। इस कार्यक्रम में मुझे शामिल होने के लिए आप लोगों ने आमंत्रित किया इसके लिए आप सबको धन्यवाद देता हूं।

• मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने देश के ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी आप सबों को दी है। देश के ऊर्जा क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों के लिए मैं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एवं प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि बरौनी थर्मल पावर स्टेशन के स्टेज-2 का संचालन 1 नवंबर 2021 से ही शुरू हो चुका है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे बेगूसराय की पावन धरती पर आने का मौका मिला है। आदरणीय डॉक्टर श्रीकृष्ण बाबू के कार्यकाल के प्रारंभ से ही इस क्षेत्र का विकास शुरु हुआ। 26 जनवरी 1960 को 15 मेगावाट की तीन इकाईयों का डॉ० श्रीकृष्ण सिंह ने शिलान्यास किया था लेकिन वर्ष 1961 में उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 1962 में इस थर्मल पावर स्टेशन की शुरुआत के बाद इसका संचालन शुरू हो गया। बाद में कुछ कारणों से इसका देखभाल ठीक से नहीं होने लगा। 24 नवंबर 2005 को जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो सड़क सहित अन्य बुनियादी आधारभूत ढांचे के साथ ही विद्युत क्षेत्र में विकास के लिए कार्य शुरु किये गये। वर्ष 2006 में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन का 2X110 मेगावाट का यूनिट बंद पड़ा था। इसके संचालन के लिए हमलोगों ने काम शुरु किया। इसकी एक इकाई वर्ष 2016 में कार्यरत हो गई। 250 मेगावाट की दो यूनिट बनाने का कार्य वर्ष 2012 में प्रारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के कांटी थर्मल पावर स्टेशन का काम वर्ष 1978 में स्वर्गीय जार्ज फर्नांडिस साहब द्वारा शुरु किया गया था। उस समय जार्ज साहब मोरारजी भाई देसाई की सरकार में केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरपुर से सांसद थे। इस थर्मल पावर स्टेशन का काम वर्ष 1985 में पूर्ण हुआ। कांटी थर्मल पावर स्टेशन को एन0टी०पी०सी० को सौंपने के लिए हमलोगों ने बातचीत की और अंततः इसे एन0टी०पी०सी० को सौंप दिया गया। कांटी थर्मल पावर स्टेशन में पहले 2X110 मेगावाट की यूनिट और इसके बाद 2X195 मेगावाट की अतिरिक्त इकाई लगाई गई, जो वर्ष 2017 में शुरू हो गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने, राज्य में विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने, इनकी लागत कम करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एन0टी०पी०सी० को हस्तांतरित कर दिया। उन्होंने कहा कि जब हम केंद्र में श्रद्धेय अटल जी की सरकार में मंत्री थे उस समय से एन0टी०पी०सी० से हमारा संबंध है। आज के बरौनी थर्मल पावर स्टेशन की विस्तारित इकाई से इस इलाके का विकास होगा और यहां के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि एन0टी०पी०सी० ने बिजली उत्पादन का काम शुरू कर दिया है, केंद्रीय मंत्री ने इसके और एक्सटेंशन की बात की है, इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में सात निश्चय कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें एक निश्चय के रूप में दिसंबर 2018 तक हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। लेकिन हमलोगों ने दो माह पूर्व यानि अक्टूबर 2018 को ही हर घर तक बिजली पहुंचा दी। बिहार के इस कार्य की सराहना करते हुए केंद्र सरकार ने भी इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में बिहार में बिजली की खपत मात्र 700 मेगावाट ही थी। जो अब बढ़कर 6000 मेगावाट से भी ज्यादा हो गई है। लोगों को बिजली बिल कम देना पड़े इसको लेकर प्रति उपभोक्ता 50 प्रतिशत से ज्यादा का अनुदान राज्य सरकार देती है। उन्होंने कहा कि हमलोग ऊर्जा के क्षेत्र में और सुधार तथा लोगों को सुविधा देने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जितनी जरुरत हो लोग बिजली का उतना ही उपयोग करें, इसका सदुपयोग करें, बिजली का दुरुपयोग बिल्कुल न करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो पा रहे थे जिसकी वजह से हम लोगों से भेंट नहीं कर पा रहे थे। मुझे लोगों से मिलने में काफी खुशी और संतोष होता है। आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना का टीकाकरण अभियान पूरे देश और राज्य में तेजी से चलाया जा रहा है। सभी लोग कोरोना का टीका अवश्य लें। जिन लोगों ने कोरोना टीके का पहला डोज ले लिया है वे लोग निर्धारित समय पर दूसरा डोज भी अवश्य लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से जितनी जल्दी मुक्ति मिले, स्थिति सामान्य हो, सभी गतिविधियां ठीक ढंग से संचालित होने लगे, इसके लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना के प्रति सभी को सचेत एंव सजग रहना होगा।

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कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, एन०टी०पी०सी० श्री गुरदीप सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा श्री आर0के0 सिंह, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, एन०टी०पी०सी०, श्री गुरदीप सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम विधायक श्री राम रतन सिंह, विधायक श्री राजकुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, भारत सरकार के ऊर्जा विभाग के सचिव श्री आलोक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के सचिव श्री संजीव हंस, आयुक्त मुंगेर प्रमंडल श्री प्रेम सिंह मीणा, पुलिस उप महानिरीक्षक, बेगूसराय रेंज, श्री राजेश कुमार, जिलाधिकारी श्री अरविंद कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री अवकाश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, एन0टी0पी0सी0 के अभियंतागण, कर्मीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने बरौनी थर्मल पावर स्टेशन स्टेज-2 के 500 (2X250 मेगावाट) के एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का स्थल निरीक्षण किया। परिसर के सेवा भवन में टरबाईन फ्लोर का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया और विद्युत उत्पादन के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री के समक्ष कंट्रोल रुम में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बरौनी थर्मल पावर स्टेशन की उपलब्धियां, सामुदायिक विकास पहल, लक्ष्य तथा विजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

शराब की होम डिलीवरी को शत प्रतिशत रोकने का सख्त निर्देश

न्यूज़ डेस्क –  अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार, श्री के के पाठक की अध्यक्षता में शराबबंदी कानून तथा नई उत्पाद नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु समाहरणालय सभागार में बैठक की गई। बैठक में प्रमुख रूप से होम डिलीवरी को शत प्रतिशत रोकने का सख्त निर्देश दिया गया। इसके लिए कार्य योजना तैयार करने तथा एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने को कहा ताकि त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने रेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। विशेषकर शहरी क्षेत्र में छापेमारी अभियान को तेज करने तथा कड़ी कार्रवाई करने को कहा। उक्त कार्य को सफल एवं प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक संसाधन की जरूरत के अनुसार डिमांड करने का निर्देश दिया । इसके अतिरिक्त शराब की जब्ती एवं विनष्टीकरण, वाहन की जब्ती एवं नीलामी , कॉल सेंटर से प्राप्त शिकायत पर त्वरित कार्रवाई, सतत जीविकोपार्जन आदि बिंदुओं पर भी समीक्षा की गई तथा कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने शराबबंदी कानून का व्यापक प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया। बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त पटना श्री संजय कुमार अग्रवाल आईजी पटना श्री संजय सिंह उत्पाद आयुक्त श्री बी कार्तिकेय धनजी संयुक्त आयुक्त श्री कृष्णा पासवान जिलाधिकारी पटना डॉ चंद्रशेखर सिंह वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र कुमार शर्मा एसपी ट्रैफिक श्री डी अमरकेश सहायक आयुक्त उत्पाद पटना सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अभिनेत्री रितु चौहान ने लूटेरा laptop.com का किया गया शुभारंभ

न्यूज़ डेस्क:-  पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित दत्ता बिल्डिंग समीप पटना आईटी सर्विसेज के ऑफिस में हॉलीवुड की चर्चित मॉडल और अभिनेत्री रितु चौहान ने एक लूटेरा laptop.com ऑफिस का शुभारंभ किया।  जहाँ काफी ऊंचे दामों में लैपटॉप बेचा जाता था वहां लोगों को अब कम दामों में दिया जा रहा है। कम दामों में और सही चीज उपलब्ध कराने में राहुल जी का बहुत ही बड़ा योगदान है|

जो लैपटॉप बाजार में 25000,30000  में मिलता है यहाँ 5000 या 10000में उन्हें मुहैया किया जा रहा है। जैसा कि हम जानते हैं इस डिजिटल युग में इस कोरोना युग में हम अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता करते थे।राहुल जी इस माध्यम से लोगों को सुलभ रास्ता दिखाया है।  इस अवसर पर बॉलीवुड की अभिनेत्री रितु चौहान ने भी अपने वक्तव्य में इनके बिजनेस को सराहा है|

राजनीति से अलग-थलग हो ननिहाल की सैर कर रहे हैं तेज प्रताप यादव

न्यूज़ डेस्क:-  पटना| राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव इन दिनों अपने ननिहाल की सैर कर रहे हैं। हाल के दिनों
के घटनाक्रम के बाद वह राजद की राजनीति से भी कुछ अलग-थलग पड़ गए हैं। उन्होंने स्वयं भी ऐसे राजनीतिक कार्यक्रमों से थोड़ा दूर रहना पसंद किया है। इसी बीच अचानक ही वे अपने ननिहाल पहुंच गए और वहां पर अपने तथा अपने माता के स्मृतियों को शेयर किया।

तेजप्रताप यादव ने अपने फेसबुक पेज पर तस्‍वीर शेयर की है, इसमें तेजप्रताप अपनी माँ राबड़ी देवी को उनके पैतृक आवास यानि अपने ननिहाल की सैर कराते नजर आ रहे हैं..


उन्‍होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि मेरी मां का जन्‍मस्‍थल सेलारकला है। सेलारकला जाकर वीडियो कॉल कर मां को दोबारा उनके बचपन की याद दिलाई. अंत में कहा मेरी मां को मेरा प्रणाम.

गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव तस्वीरों के माध्यम से भी अपने चाहनेवालों तक अपने संदेश पहुंचाते रहते हैं चाहे वो किसी खाश एक्टर से मिले हों या फिर कुछ और

पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव जब दिल्ली से पटना आए थे तो लालू प्रसाद सीधे तेज प्रताप से मिलने उनके सरकारी आवास पर गए। लेकिन तेज प्रताप ने उनसे मिलना उचित नहीं समझा और उनके आने से पहले ही घर से बाहर निकल गए फिर बाद लालू और उनके बिच मुलाक़ात भी हुयी और लम्बी बात भी हुई |

तेज प्रताप समर्थकों का कहना है कि तेजस्वी के मुकाबले लालू प्रसाद यादव  तेजप्रताप को कम तरजीह देते हैं। इसलिए तेज प्रताप रूठे हुए हैं और वे राजद की गतिविधियों से दूर ही रहते हैं।

तेजस्वी यादव ने शनिवार को पुनः साक्ष्यों के साथ अपने आरोपों का पुलिंदा खोला

न्यूज़ डेस्क – बिहार के  नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने एक बार फिर सरकार के कामकाज पर हमला किया  है ।इस बार तेजस्वी यादव पूरे आत्मविश्वास से भरे हुए नजर आ रहे हैं और सभी विश्वस्तरीय संगठनों की रिपोर्ट के आधार पर वे अपनी बातें रख रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार सरकार निरंतर सफेद झूठ बोल रही है और अपने जनता को भरमा रही है। अपनी जनता को दिग्भ्रमित कर रही है, क्योंकि विश्व के लगभग एक दर्जन संस्थाओं ने बिहार के प्रगति को बेहद कमजोर बताया है और यहां के पिछड़ेपन को ही रेखांकित किया है ।नीति आयोग ने भी बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य बताया है, लेकिन नीतीश कुमार और उसके कुछ मंत्री निरंतर झूठ पर झूठ बोल रहे हैं और जनता को भरमा रहे हैं ।
तेजस्वी यादव ने शनिवार को पुनः साक्ष्यों के साथ अपने आरोपों का पुलिंदा खोला। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के सभी प्रतिष्ठित मूल्यांकन व मानक संस्थानों जैसे नीति आयोग, कैग, एनसीआर बी, एनएचआरएम, एन एफ एच एस,एनएसएसओ, सीपीसीबी ,डब्लूएच ओ , संयुक्त राष्ट्र इत्यादि ने बिहार के बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, गरीबी, बेरोजगारी, शराबबंदी, भ्रष्टाचार, पलायन, प्रदूषण, सत्तत विकास सहित अनेक सूचकांकों से संबंधित रिपोर्ट्स पेश की है। यह सारी रिपोर्ट बिल्कुल वैज्ञानिक आधार पर जमीनी स्तर पर गहन शोध और तकनीकी छानबीन के बाद तैयार की गई है ।इन रिपोर्ट को पूरे विश्व में सभी सरकारों ने माना भी है।
लेकिन बकौल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा सभी रिपोर्ट्स झूठी है और केवल और केवल वो और उनकी मुँह जुबानी वाली रिपोर्ट्स ही शास्वत सत्य है।

तेजस्वी ने कहा कि डबल इंजन सरकार की मानक संस्थाएं ही आँकड़ों और साक्ष्य सहित इनकी 16 वर्षों की विफलता एवं कागजी विकास को आइने में दिखा रही है। लेकिन फिर भी अहंकार में डूबी एनडीए सरकार अपनी गलतियों को मानने के लिए तैयार नहीं है। ये विपक्ष के नहीं आपकी सरकार और उनकी एजेंसियों के ही आँकड़े है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि बताइए, जो अपनी गलती ही स्वीकार नहीं करेगा वह उन ख़ामियों को दूर कैसे करेगा?
30-40 वर्ष के भूतकाल में डूबे रहने वाले मुखिया को वर्तमान के आँकड़ों के साथ भविष्य, वर्तमान एवं अपने भूत के 16 वर्षों का आकलन अवश्य करना चाहिए कि उन्होंने उदारीकरण के बाद भी बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य क्यों बनाया हुआ है?
उन्होंने कहा कि सबसे बुरी बात यह है कि भाजपा के समान मुख्यमंत्री भी अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं और निरंतर सफेद झूठ बोल रहे हैं। बिहार की गरीबी, पिछड़ापन और करोड़ों लोगों का पलायन सबको दिख रही है। यह एक वृद्ध राज्य बन चुका है ।

यूवा राजद ने इनकम टैक्स गोलंबर पर नीतीश कुमार का फूंका पुतला

न्यूज़ डेस्क:- राजद के यूवा कार्यकर्ताओ ने घोटालों के मामले में इनकम टैक्स गोलंबर के पास  नीतीश  कुमार का पुतला फुका,  राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति द्वारा किताबों की खरीद एवं अन्य मामलों में किए जा रहे घपले, घोटाले के विरोध में आज युवा राजद के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए ।

राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति द्वारा किताबों की खरीद एवं अन्य मामलों में किए जा रहे घपले, घोटाले के विरोध में आज युवा राजद के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए ।

इन कार्यकर्ताओं ने वीरचंद पटेल पथ पर लंबा जुलूस निकाला और सरकार विरोधी नारेबाजी की ।
कार्यकर्ताओं का सीधा आरोप था कि सभी विश्वविद्यालयों में घपले घोटाले हो रहे हैं और सरकार उनको ढंकने की कोशिश कर रही है ।
गरीब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। कार्यकर्ताओं ने पुलिस के रोकने के बावजूद मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।
इन कार्यकर्ताओं ने वीरचंद पटेल पथ पर लंबा जुलूस निकाला और सरकार विरोधी नारेबाजी की ।
कार्यकर्ताओं का सीधा आरोप था कि सभी विश्वविद्यालयों में घपले घोटाले हो रहे हैं और सरकार उनको ढंकने की कोशिश कर रही है ।
गरीब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। कार्यकर्ताओं ने पुलिस के रोकने के बावजूद मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।

 बिहार में शराबबंदी की खुली पोल,  पिता ने बच्चों के किताब की जगह खरीद ली शराब ,बच्चे ने कर दी शिकायत  

न्यूज़ डेस्क:-मुख्यमंत्री द्वारा आम लोगों से शराब नहीं पीने की शपथ लेने के महज चंद घंटों बाद ही उनके शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ गई। यह साबित हो गया कि बिहार के गांव-गांव तक अवैध शराब की पहुंच है और लोग उसे आसानी से खरीद कर पी रहे हैं । शराब की उपलब्धता इतनी आसान है कि गरीब लोग अपने बच्चे के किताब भी नहीं खरीद रहे हैं बल्कि उसके बदले शराब खरीदकर पी रहे हैं।

खबर रोहतास जिला के तिलौथू से आई है। यहां तिलौथू प्रखंड में एक फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें एक स्कूल में एक बच्चा रो रो कर बता रहा है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं। इस कारण उसे पढ़ने के लिए किताब नहीं खरीद पा रहे हैं।

वायरल खबर  में ये बताया गया है कि शिक्षक बच्चे से पूछ रहे हैं कि पिछले 5 दिनों से कहे जाने के उपरांत भी तुमने किताब क्यों नहीं खरीदा? तो बच्चा कहता है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं और उसका किताब नहीं खरीद रहे हैं। बड़ी बात है कि वायरल खबर  के अनुसार  बच्चे का पिता भी उस समय विद्यालय में मौजूद था , जिसके सामने बच्चा यह कबूल कर रहा था कि उसके पिता किताब खरीदने की जगह शराब में पैसा खर्च कर रहे हैं।

https://youtu.be/POSwP840Nhk

 

यह वायरल खबर  उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पतलूका का बताया जाता है। चूंकि इस वायरल खबर  कि हम पुष्टि नहीं करते। लेकिन जिस तरह से बिहार में शराबबंदी है और एक बच्चा रो-रो कर बता रहा है कि उसके अभिभावक किताब की जगह शराब खरीद कर पी रहे हैं। जिस कारण उसे विद्यालय में शिक्षक की डांट खानी पड़ती है। सारे बच्चे किताब से पढ़ाई करते हैं, जबकि उसकी पढ़ाई किताब के बिना बाधित है। वायरल खबर  में बच्चे की एक बहन भी दिख रही है। जिसने भी स्वीकार किया की सारा पैसा उसके पिताजी शराब में खर्च कर रहे हैं।

बच्चे का पिता का नाम मेवालाल बताया जाता है। वायरल खबर में पिता मेवालाल बाद में किताब खरीदने की बात स्वीकार की  है। सबसे बड़ी बात पुलिस की निष्क्रियता है, जिसमें उसने फोटो वायरल होने के बाद भी अब तक दोषी अभिभावक को गिरफ्तार नहीं किया  है।
शराब कहां से आती है, कहां से वह शराब खरीदता है, किस प्रकार शराब पीता है इस बात की तहकीकात भी शुरू नहीं हो सकी है। यह पुलिस की कार्यशैली का प्रत्यक्ष नमूना है।