केंद्रीय इस्पात मंत्री  रामचंद्र प्रसाद सिंह ने पुस्तक “विमेन ऑफ इनफ्लुएंस” का किया अनावरण

 न्यूज़ डेस्क :-  केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने रजनी सेखरी सिब्बल द्वारा लिखित पुस्तक “विमेन ऑफ इनफ्लुएंस” का नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कल अनावरण किया। पुस्तक 10 महिला प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य पर आधारित है। इस अवसर पर रिटायर्ड और कार्यरत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे| सिंह ने अपने अभिभाषण में अपने कई दशक के प्रशासनिक और राजनैतिक अनुभव को सांझा किया। उन्होंने बताया की कुशल प्रशासनिक नेतृत्व के लिए किन गुणों और क्षमताओं का होना आवश्यक है। गवर्नेंस के क्षेत्र में चुनौतियां जितनी बढ़ी है उतनी ही सुविधाएं भी बढ़ी है, जरूरत है तो उनके विषय में जानकारी की, उन्हें समझने और सांझा करने की और निर्णायक क्षमता की। एक अधिकारी की छवि और विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि लोग उस तक कितनी सरलता और सुगमता से पहुंच सकते हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी के सोचने की प्रक्रिया आत्मनिर्भर, नवीन और निष्पक्ष होनी चाहिए। जब आपकी नियत साफ होगी तो आपकी छवि पर कोई आंच नहीं आएगी।

सिंह ने प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और कहा कि उन्हें सकारात्मक नजरिया और व्यवहार में सौम्यता प्रशिक्षण के दौरान ही सीखने को मिले। कंप्यूटर के शुरुआती दिनों की हास्यास्पद भ्रांतियों से लेकर वर्तमान में कंप्यूटर और तकनीक के हर क्षेत्र में उपयोग किए जाने पर उन्होंने प्रकाश डाला। सिंह ने गुजरात राज्य के मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और इस्पात मंत्रालय के डैशबोर्ड के उदाहरण दिए। सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की, कि पुस्तक में वर्णित 10 महिलाओं में से 2 महिलाएं उनके 1984 बैच से ही हैं। माननीय मंत्री जी ने प्रशासनिक सेवा के लिए बाबूडम और नौकरशाही जैसे शब्दों के प्रयोग को अनुचित बताया। उन्होंने कहा की प्रशासनिक सेवा परीक्षा में बैठने के प्रयासों पर सीमा और साक्षात्कार प्रक्रिया पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा का इतिहास गौरवपूर्ण है और भविष्य बहुत उज्जवल है। उन्होंने निरंतर ज्ञानवृद्धि और उच्च मनोबल बनाए रखने को जरूरी बताया ।

रिपोर्ट :- प्रतिमा कुमारी

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