नौकरी मांगने पर लाठी और बिजली मांगने पर गोली चलाना ‘घमंडी गठबंधन’ सरकार की उपलब्धि : सम्राट

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को महागठबंधन सरकार एक साल पूरा होने पर जोरदार सियासी हमला बोलते हुए कानून -व्यवस्था, शराबबंदी, भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मामलों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को ‘घमंडी’ गठबंधन बताते हुए कहा कि बिहार में अब न सुशासन है और न विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये घमंडी सरकार आज नौकरी मांगने वालों पर लाठी चलाती है तो कटिहार में बिजली मांग रहे लोगों पर सरकार गोली चलवाती है।

प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरे राज्य में भाजपा धिक्कार मार्च निकाल रही है और संबंधित जिला के जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, जिसमे सरकार के 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा याद कराया जा रहा है तथा कानून व्यवस्था की गिरती व्यवस्था को इंगित की जा रही है।………

उन्होंने कहा कि भाजयुमो द्वारा सरकार के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमे 25 लाख लोगों के हस्ताक्षर इकट्ठा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन हस्ताक्षरों के साथ एक ज्ञापन 13 जुलाई को महामहिम राज्यपाल को सौंपा जाएगा।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता श्री चौधरी ने कहा कि बिहार में ‘ घमंडी ‘ गठबंधन की सरकार के एक साल पूरे हुए। सही अर्थों में आज विकास की पुण्यतिथि है और सुशासन की बरसी है।

उन्होंने कहा कि जब 10 लाख सरकारी नौकरी का हिसाब मांगा तो हमारे कार्यकर्ताओं पर लाठी चलाई गई और जब कटिहार में बिजली मांगी गई तो गोलियां चलाई गई, यह इस घमंडी नीतीश कुमार सरकार का असली चेहरा है। बेगूसराय में दलित समाज की बेटी को पीटा गया। उन्होंने कहा कि बिहार में आजादी के इतने वर्षों के बाद भी दलित समाज के लोगों को निधन के बाद भी अंतिम क्रियाकर्म से रोका गया, लेकिन सरकार सोई रही, यही इस घमंडी सरकार की असलियत है। दलित के शव पर पेशाब किया गया, लेकिन तुष्टिकरण के कारण कोई कारवाई नहीं की गई।

उन्होंने इन उदाहरणों के साथ कहा कि आज न सुशासन रहा न विकास हुआ। 1300 करोड़ से अधिक लागत से बनने वाला पुल ढह गया, लेकिन एक एफआईआर तक दर्ज नहीं किया गया। आज पुल निर्माण करा रही एजेंसी पर भी कोई कारवाई नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस पुल निर्माण की स्वीकृति जब दी गई तब सीएम और पथ निर्माण मंत्री नीतीश कुमार थे। यही कारण है कि पुल गिरने की घटना की जांच तक नहीं कराई गई।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का पुलिस महानिदेशक भी अब भाग रहे हैं। उन्हे भी सुशासन स्थापित करने से रोका जा रहा है।

उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार जी कुछ किए हों या न किए हों, लोगों को शराबी बना दिया और अब बंदी का नाटक कर रहे। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने तब राज्य में 1000 शराब की दुकानें थी, लेकिन नीतीश जी के कार्यकाल में इसकी संख्या बढ़कर 11000 तक कर दी गई। इसके बाद शराबबंदी कर दी गई, लेकिन आज गांव गांव तक शराब की होम डिलीवरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार उन्हीं लोगों को नियुक्ति पत्र दी जो एक महीने का वेतन उठा चुके थे। उन्होंने कहा कि सरकार कट और पेस्ट पर चल रही है।

इधर, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि इस सरकार का एजेंडा विकास की नहीं है इनका एकमात्र एजेंडा तेजस्वी को मुख्यमंत्री और नीतीश को पीएम बनने का है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आज सड़कों का जो विकास दिख रहा है, वह सही अर्थों में एनडीए का ही देन है।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से, भाजपा के प्रदेश महामंत्री शिवेश राम ,जगरनाथ ठाकुर राजेश वर्मा , प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष पाठक ,संजय खंडेलिया प्रदेश मंत्री संतोष रंजन, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह,अशोक भट्ट ,राजेश कुमार झा उपस्थित थे l

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