राज्य सरकार फ़ाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में अग्रसर- स्वास्थ्य सचिव सह कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार सरकार, राज्य स्वास्थ्य समिति, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर, राज्य से फाइलेरिया के शीघ्र उन्मूलन हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है । इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार वर्ष में दो बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन-एमडीए) का आयोजन करता है । इसी क्रम में, राज्य के 11 जिलों में एमडीए कार्यक्रम शुरू किया गया ।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्य के सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक श्री संजय कुमार सिंह ने कहा “ फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सबसे आवश्यक है कि सभी लाभार्थियों को शत-प्रतिशत फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित करें, क्योंकि ऐसा करने से ही राज्य से फाइलेरिया का समूल उन्मूलन होगा “ उन्होंने कहा कि जिस तरह एमडीए कार्यक्रम के प्रथम चरण (फरवरी 2023) को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों एवं संस्थाओं जैसे शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जीविका, पीएचईडी एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया गया था, इस बार भी उसी तरह कार्य किया जाये । राज्य सरकार फ़ाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में अग्रसर है | उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ये अत्यंत आवश्यक है कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का वितरण कदापि न किया जाये कि लाभार्थी स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही दवाओं का सेवन करें । ये भी ध्यान रखा जाये कि खाली पेट दवाओं का सेवन न किया जाये ।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि बिहार राज्य पूरे देश में पहली बार सुकृति एप के माध्यम से दैनिक रिपोर्टिंग की शुरुआत करने जा रहा है जिससे आसान रिपोर्टिंग एवं मॉनिटरिंग संभव की जा सकेगी ।

उन्होंने कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े पदाधिकारियों से कहा कि आप सब इस बात पर विशेष ध्यान दें कि प्रतिदिन एमडीए कार्यक्रम की गतिविधियाँ समाप्त होने के बाद गतिविधियों की मोनिटरिंग की जाये और यदि किसी प्रकार की कोई कमी रह गयी है तो उनका तुरंत समाधान किया जाये । उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है और फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है । संक्रमित मच्छर के काटने से किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है |

फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि आज से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम में लगभग 3 .67 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 20 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम मे स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्कूलों में बूथ लगा कर एवं घर घर जाकर लाभार्थियों को दवा सेवन कराया जाएगा। जिसमें 7 जिलों- भोजपुर, बक्सर, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पूर्णिया एवं पटना में 2 तरह की फाइलेरिया रोधी दवाएं डी.ई.सी. और एल्बेन्डाजोल एवं 4 जिलों दरभंगा, लखीसराय, रोहतास एवं समस्तीपुर में 3 तरह की दवाएं डी.ई.सी. , एल्बेन्डाजोल और आईवरमेक्टिन, स्वास्थ्यकर्मी द्वारा लाभार्थियों को अपने सामने ही खिलाई जायेंगी ।

दवा सेवन के बाद किसी भी तरह के विपरीत परिस्तिथि से निपटने के लिए प्रत्येक प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम आवश्यक दवाओं के साथ मौजूद है । एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य-योजना एवं मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एमडीए राउंड के दौरान प्रत्येक दिन शाम में जिला/ प्रखंड स्तर पर दवा सेवन की स्थिति पर बैठक कर जायजा लिया जाएगा. वहीं, एमडीए राउंड के मध्य में राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक भी होगी । उल्लेखनीय बात यह है कि उपरोक्त 11 जिलों में कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलस्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है , इससे यह कार्यक्रम निश्चित रूप से सफल होगा | राज्य पूरी तरह प्रयास कर रहा है कि इस बार 95% कवरेज का लक्ष्य प्राप्त करे |

इस अवसर पर राज्य एवं उपरोक्त 11 जिलों के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदाधिकारी, बिल एण्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, पीरामल स्वास्थ्य , ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज , सीफ़ार एवं लेप्रा सोसाइटी के प्रतिनिधयो ने भी प्रतिभाग किया ।

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