इस बार सीतामढ़ी की जनता के दिमाग में सिर्फ एक ही नाम है “देवेश चन्द्र ठाकुर”

 लोक सभा चुनाव कोअब छह महीने ही रह गए हैं और जिले में इस चुनाव के अंकगणित की चर्चा  शरेआम होने लगी है ,भले ही आयोग द्वारा चुनाव की रणभेरी नहीं फूंकी गयी हो लेकिन सांसद बनने वाले अपने सुनहरे ख़्वाब को पूरा करने के लिए  शतरंज के मोहरों को बिछानी शुरू कर दी है ।

इधर सीतामढ़ी में भी गाव की गलियों , शहर के नुक्कड़ और चाय दुकानों पर ये बात शरेआम हो चली है कि इस बार बिहार विधान परिषद् के सभापति यहाँ से लोगों के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं और इस बात की पुष्टि इस बात से भी हो रही है कि खुद देवेश चंद्र ठाकुर भी अपने चाहने वालों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने लेवल से भी तैयारी शुरू कर दी है ।

अभी 12 अक्टूबर से वे अपने तीन दिवसीय दौरे पर हर एक लोगों से न केवल मिल रहे हैं बल्कि उनके समस्याओं को हल करने में कोई कोर कसर भी नहीं छोड़ रहे हैं  ,सूर्य की पहली किरण के साथ ही वो जनसमस्याओं को निबटाने में लग जाते हैं और जनता को गुमराह करने वाले अफसरों का जमकर फटकार भी लगाते है , क्वेयोंकि उनके लिए क्षेत्र की जनता सर्वोपरि है इतना ही नहीं वे सिर्फ अपने इलाके के ही नहीं बल्कि पुरे सीतामढ़ी के हर एक नागरिक की समस्यायों को अपनी निजी समस्या मानकर उसे अंजाम तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं |

वैसे जानकार ये भी मानते है कि देवेश चंद्र ठाकुर चुनावी और राजनीतिक रणनीति में पारंगत है, और यही वजह से कि 2002 से वे लगातर चार चुनावो से अपने जीत का परचम लहरा रहे हैं, सिर्फ दल से नहीं निर्दलीय रहकर वे सर्वदलीय समर्थन प्राप्त करने में कामयाब  रहे हैं |जाति धर्म वर्ग के आधार पर नहीं, मानवता के आधार पर भी इन्हें लोगों का अपार समर्थन मिलता रहा है |

जैसा कि आपको मालुम है मुजफ्फरपुर के जाने माने हस्ती दिनेश सिंह ने अपनी पत्नी वीणा सिंह को स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में  देवेश बाबू के खिलाफ खडा कर दिया था लेकिन इनके कुशल प्रबंधन के आगे वे टिक नहीं सके  | सिर्फ इतना ही नहीं पिछले लोकसभा चुनाव में इनकी ही रणनीति के तहत  सुनील कुमार पिंटू को भाजपा के घर से जद यू में आने पर विवश होना पड़ा लेकिन इस बार सीतामढ़ी की जनता इन्हें खुद मैदान में उतरने को विवश कर रही है ,लोगों का मानना है कि इस बार देवेश बाबु ही इस लोकसभा चुनाव में यहाँ से विजय श्री की माला पहनकर इस इलाके कीआवाज को संसद तक पहुंचायेंगें  |

 देवेश बाबु भी जनभावना को देखते हुए अपनी ओर से भी तैयारी शुरू कर दी है उनका कहना है कि आजतक उन्होंने वही किया जो जनता ने कहा है और आगे भी वो वही करेगें जो सीतामढ़ी की जनता कहेगी अगर जनता कहती है कि वो ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व करें तो वो कैसे टाल सकते है |बहरहाल आज सीतामढ़ी के हर एक लोगों की जुबान पर  सिर्फ देवेश चन्द्र ठाकुर का ही नाम है ,अब देखने वाली बात ये है कि सीतामढ़ी के जनभावना को देखते हुए नीतीश कुमार क्या निर्णय करते हैं |

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