पूर्व मुख्यमंत्री बिहार केशरी श्री श्रीकृष्ण सिंह जी के प्रति भाजपा का नफरत स्वाभाविक

बिहार केशरी श्री श्रीकृष्ण सिंह जी की जयंती समारोह में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जी को सदाकत आश्रम जाने पर भाजपा नेताओं की आपत्ति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि श्रीबाबू के प्रति भाजपा नेताओं का नफरत होना स्वाभाविक है। चुंकि भाजपा ने श्रीबाबू द्वारा उठाए गए कई ऐतिहासिक फैसलों को आज तक नहीं स्वीकार कर पाया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि श्रीबाबू ने भारी बिरोधी का सामना करते हुए सबसे पहले दलितों को साथ लेकर देवघर मन्दिर में प्रवेश किया था । दलित विरोधी मानसिकता वाली भाजपा इसीलिए उन्हें नफरत की नजरिए से देखती है। इसी प्रकार श्रीबाबू ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिहार में जमिन्दारी प्रथा को समाप्त किया था जिसका भाजपा के पूर्ववर्ती संगठन तत्कालीन जनसंघ द्वारा जबरदस्त रुप से बिरोध किया गया था।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि लालू जी के सदाकत आश्रम जाने पर वही लोग आलोचना कर रहे हैं जो लोग आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों की मुखबिरी किया करते थे। सदाकत आश्रम का अपना एक इतिहास रहा है। आजादी के आन्दोलन में वह एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राजेन्द्र बाबू, जयप्रकाश नारायण, आचार्य कृपलानी जैसे अनेकों राष्ट्रनायकों का इतिहास उससे जुड़ा हुआ है तो आरएसएस मुख्यालय नागपुर को अपना मन्दिर मानने वालों को लालू जी के सदाकत आश्रम जाने पर स्वाभाविक रूप से कष्ट होगा। वैचारिक मतभेद के बावजूद आजादी की लड़ाई और देश के निर्माण में जिनकी भी भूमिका रही है उन्हें सम्मान देना हीं भारतीय संस्कृति और संस्कार है।
राजद प्रवक्ता ने कहा बिहार के विकास में श्रीबाबू के अमूल्य योगदान का हर बिहारी कृतज्ञ है और उन्हें स्मरण करना हर बिहारियों का फर्ज । लालू जी शुरू से हीं बिहार के निर्माण में श्रीबाबू के योगदान को सम्मान देते रहे हैं और पटना में रहने पर उनके जयन्ति समारोह में शामिल होते रहे हैं। तो भाजपा नेताओं को नागवार लग रहा है।

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