लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में महिलाओं का नाम दाखिल करना — अति की पराकाष्ठा

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लैंड फॉर जॉब मामले में न्यायालय में दाखिल चार्जशीट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि अब अति की भी पराकाष्ठा हो रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि दाखिल चार्जशीट में घर के उन महिलाओं का नाम शामिल किया गया है जिनका रेलवे मंत्रालय से कोई वास्ता नहीं रहा है। यह भी अजीब मामला है कि चार्जशीट में रेलवे के किसी अधिकारी का नाम नहीं है। और इससे भी बड़ा आश्चर्य तो यह है कि जिस अमित कात्याल को सीबीआई ने गवाह बनाया है, ईडी उसे भी गिरफ्तार कर लेती है।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस मामले में 2008 में हीं कई -कई एफआईआर हो चुके थे और सीबीआई द्वारा कोई गड़बड़ी नहीं मिलने पर जिसे बंद कर दिया गया था। उसे राजनीतिक प्रतिशोध में पुनर्जीवित कर लालू जी के परिवार को परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने के साथ हीं ईडी द्वारा यह कहना की सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल किया जाएगा। ईडी के मंसूबों को स्पष्ट करता है। मतलब ईडी इसे खुला रखकर भविष्य में और लोगों का नाम इसमें जोड़ने का विकल्प खुला रखना चाह रही है जिसका इस्तेमाल अन्य लोगों को लोकसभा चुनाव तक उलझाए रखने और परेशान करने में कर सके।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद पहले से हीं यह कहती रही है कि अपने राजनीतिक रूप से हार मान चुकी भाजपा अपने बिरोधीयों को परेशान करने एवं लोकसभा चुनाव तक उन्हें उलझाए रखने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों का लगातार इस्तेमाल करेगी। महाराष्ट् में किए गए आपरेशन लोटस की तरह बिहार में भी भाजपा औपरेशन लोटस करना चाह रही थी जिसमें विफलता मिलने के बाद वह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव एवं उनके परिवार को‌ परेशान करने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों के पदाधिकारियों पर दबाव डालकर फर्जी मामले गढ़ रही है।

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