बिहार में बीजेपी सरकार बनाएगी और नीतीश उनके साथ होंगें ‘भले ही वो मुख्यमंत्री हों या न हों

जब “इंडिया” में नीतीश को कद्दावर वाली पोस्ट नहीं मिली तब वहाँ उनके ठहरने की कोई गुंजाइश नहीं बची और उन्है अपनी हैसियत का अहसास इंडिया के नेताओं को कराना जरुरी हो गया , जिसका असर  बिहार की राजनीति में देखने को मिल्न रहा  ,नीतीश की एक हिचकी लेने भर से देश की सियासत उनके इर्द गिर्द घुमने लगती हैं और यही वजह है  कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन बदलने की अटकलों के बीच दिल्ली में बिहार के बीजेपी नेताओं की करीब डेढ़ घंटे तक  बैठक हुई । बिहार के पार्टी प्रभारी विनोद तावड़े के आवास पर बिहार के बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई | इसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, बिहार के संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत प्रदेश के प्रमुख नेता पहुंचे थे।

इससे पहले पटना में नीतीश ने सीएम आवास पर जेडीयू के सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग की। सीएम के साथ मीटिंग में पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, संजय झा, अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा शामिल रहे। वही दूसरी तरफ राबड़ी देवी के आवास पर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने आरजेडी के नेताओं के साथ  बैठक की। आरजेडी के नेता बैठक के बाद महागठबंधन के एकजुट होने का दावा कर रहे हैं लेकिन केसी त्यागी के अलावा किसी जेडीयू नेता ने ऐसी बात नहीं की है।

दरअसल आरजेडी और जेडीयू के बीच पिछले एक महीने से खटपट की खबरों के बीच कल कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह में परिवारवाद पर नीतीश कुमार के बयान से घटनाक्रम तेजी से बदला है। आज सुबह लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीन ट्वीट करके बिना नाम लिए नीतीश के पलटने का संकेत दिया। बाद में वो ट्वीट डिलीट कर दिए गए। उसके बाद से जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी तीनों कैंप में तेजी से एक्शन होने लगा।

पहले नीतीश ने जेडीयू नेताओं को बुलाया। फिर लालू ने आरजेडी नेताओं को बुला लिया। इससे पहले सम्राट चौधरी को पार्टी नेतृत्व का बुलावा आ गया और वो शाम में पटना से दिल्ली चले गए। दिल्ली में सम्राट चौधरी ने नो कमेंट की आड़ ली और कहा कि बैठक तो होने दीजिए। दिन में सुशील मोदी ने बीजेपी के रुख में नरमी का संकेत दिया था जब उन्होंने कहा कि गठबंधन और सीट शेयरिंग पर फैसला पार्टी का नेतृत्व करता है और उसमें प्रदेश ईकाई का हस्तक्षेप नहीं होता है। अगर नेतृत्व कोई फैसला करता है तो सबको उसे मानना होगा।

नीतीश के धुर विरोधी नेता बनकर उभरे लोजपा-रामविलास के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी पार्टी की नजर राजनीतिक घटनाक्रम पर है लेकिन जब तक कुछ सामने ना आए, वो कुछ नहीं कहेंगे। एनडीए में शामिल हम के नेता जीतनराम मांझी ने दावा किया था कि खरमास के बाद खेला होगा। केंद्रीय मंत्री और लोजपा के दूसरे धड़े के नेता पशुपति पारस ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि जनवरी के अंत तक जो भी होगा, वो बिहार के लिए अच्छा होगा।

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