‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ तथा ‘हर घर नल का जल’

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ कार्यक्रम में प्रगति की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना द्वारा प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि आहर-पईन के जीर्णाेद्धार-पुनर्स्थापन की कुल 269 योजनाओं का लक्ष्य विभाग से प्राप्त है। इसमें से 182 योजनाओं का कार्य लघु सिंचाई विभाग द्वारा किया जाना है। 87 योजनाओं का कार्य अन्य विभागों द्वारा किया जा रहा है। समीक्षा में पाया गया कि लघु सिंचाई प्रमंडल द्वारा कुल 178 योजनाओं के लिए 97 डीपीआर तैयार किया गया है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य तथा मार्च 2025 तक की निर्धारित समय-सीमा में योजनाओं को पूरा करें।

ज़िलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में प्रगति की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना द्वारा बताया गया कि 1,947 नलकूपों के निर्माण हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है। इसमें से मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में समिति द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों की संख्या 823 है तथा माह फरवरी, 2024 तक किसानों द्वारा नलकूप निर्माण हेतु 1,124 आवेदन प्राप्त हुआ है अर्थात ओपेन आवेदनों की संख्या 1,124 है। समिति द्वारा सर्वे किए गए 823 नलकूपों में 408 मामलों में किसानों द्वारा कोई रुचि प्रदर्शित नहीं की जा रही है अर्थात् 408 कृषक बोरिंग कराने के इच्छुक नहीं हैं। ज़िलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से किसानों को मोटिवेट करने के लिए अभियान चलाने का निदेश दिया।

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लिए अंचल स्तर पर दिनांक 18 से 28 जून तक आयोजित शिविरों में निर्गत एलपीसी एवं जाति प्रमाण-पत्र की समीक्षा की गई। शिविरों में 226 एलपीसी तथा 79 जाति प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है जिसे अपलोड कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में समिति द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों में तथा ओपेन आवेदनों में से कनीय अभियंता द्वारा सर्वे किए गए नलकूपों की संख्या क्रमशः 823 एवं 635 है। कनीय अभियंता द्वारा अपलोड किए गए आवेदनों में से 197 की जाँच सहायक अभियंता द्वारा की गई है। ओपेन आवेदनों में से 446 मामलों में सहायक अभियंता द्वारा स्थल जाँच की गई है। सहायक अभियंता द्वारा अपलोड किए गए आवेदनों में से 183 की जाँच कार्यपालक अभियंता ने की है। ओपेन आवेदनों में से 224 मामलों में कार्यपालक अभियंता द्वारा स्थल जाँच किया गया है। जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि कार्यपालक अभियंता द्वारा कुल 407 किसानों को बोरिंग लगाने हेतु स्वीकृति दी गई है।

ज़िलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया कि जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से किसानों को मोटिवेट करें। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य तथा दिसंबर 2024 की निर्धारित समय-सीमा तक कार्य को पूरा करें।

जिलाधिकारी द्वारा हर घर नल का जल योजना की समीक्षा की गई। उन्होंने कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, पटना पूर्व एवं पटना पश्चिम को विभागीय निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

ज़िलाधिकारी के निदेश पर पीएचईडी, पटना पूर्व एवं पश्चिम द्वारा टॉल-फ्री नं. एवं जिला नियत्रंण कक्ष स्थापित किया गया है जिस पर संबंधित शिकायत दर्ज की जा सकती है। यह सुबह 10 बजे से शाम 06 बजे तक कार्यरत रहेगा। कोई भी व्यक्ति निम्नांकित दूरभाष पर शिकायत दर्ज करा सकते हैः-

टॉल-फ्री नं.-18001231121

लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, पटना पूर्व, पटना -0612-2225796

लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, पटना पश्चिम, पटना -0612-2280879

जिलाधिकारी ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी तथा हर घर नल का जल राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। सभी संबंधित अधिकारी विशेष अभिरूचि लेकर इसका सफल एवं ससमय क्रियान्वयन करें। उन्होंने उप विकास आयुक्त को योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

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