जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए डीएम ने ई-रिक्शा को किया रवाना

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आज समाहरणालय से ई-रिक्शा (सारथी रथों) को झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन, पटना डॉ. मिथिलेश कुमार; डीपीआरओ, पटना श्री लोकेश कुमार झा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. विवेक कुमार सिंह एवं अन्य भी उपस्थित थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि 02 सितम्बर से जिला में मिशन परिवार विकास अभियान आयोजित किया जा रहा है जो 30 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान 02 सितम्बर से 14 सितम्बर तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा चल रहा है। फिर 17 सितम्बर से 30 सितम्बर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके अन्तर्गत पूरे जिला में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर तथा स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर योजनाबद्ध ढ़ंग से होता है। इस महीने भी 21 सितम्बर को इसका आयोजन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में होगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य परिवार नियोजन के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाकर कुल प्रजनन दर (टीएफआर) को कम करना है। इसके लिए इस तरह का कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण एवं प्रभावकारी साबित होता है। आज से पूरे जिला में 48 ई-रिक्शा (जागरूकता रथ) घूम-घूम कर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण हेतु प्रेरित करेगा। 23 ई-रिक्शा ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 25 ई-रिक्शा शहरी क्षेत्रों में भ्रमण करेगा। सभी रथ का रूट-चार्ट बनाया गया है। इसी के अनुसार यह गाँव-गाँव तथा शहरों में घूमेगा। सभी ई-रिक्शा सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्रियों से लैस है। हर एक ई-रिक्शा पर आशा फैसिलिटेटर को प्रतिनियुक्त किया गया है जिनके द्वारा आशा का समन्वय स्थापित किया जाएगा तथा आम जन द्वारा गर्भनिरोधक का स्थायी उपाय यथा-छाया, माला-एन, ईजी एवं कंडोम की मांग किए जाने पर उन्हें स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान के प्रथम दिन दिनांक 17 सितम्बर, 2024 को सभी प्रखंडों के साथ-साथ जिला स्तर पर भी सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार कल्याण मेला (हेल्थ मेला) का आयोजन होगा। इसमें सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली स्थायी एवं अस्थायी उपायों की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। साथ ही परिवार नियोजन के लाभ, उपलब्ध सेवाएं तथा देय कार्य क्षतिपूर्ति/प्रोत्साहन राशि की जानकारी आम जन को उपलब्ध कराया जाएगा। ई-रिक्शा के माध्यम से भी इसे प्रचारित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हैण्डबिल, बैनर, पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इच्छुक दम्पति को सलाह-मशविरा एवं अन्य सहायता प्रदान करने हेतु सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श-सह-पंजीयन केन्द्र स्थापित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा सिविल सर्जन को निदेश दिया गया है कि इन केन्द्रों पर दक्ष स्टाफ नर्स, परिवार कल्याण परामर्शी तथा एएनएम की प्रतिनियुक्ति कर इच्छुक दम्पति को सेवा प्रदान की जाए। साथ ही ओपीडी, एएनसी सर्विस प्वायंट, प्रसव कक्ष एवं टीकाकरण केन्द्र पर भी डिस्प्ले ट्रे तथा प्रचार-प्रसार सामग्रियों के माध्यम से परामर्श करते हुए इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन सेवा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि इच्छुक व्यक्तियों को परिवार नियोजन की सेवा अवश्य उपलब्ध हो यह सुनिश्चित कराएं।

जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन, अनुमंडल अस्पतालों के उपाधीक्षकों, प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य सभी संबंधित पदाधिकारी को दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा (02 सितम्बर से 14 सितम्बर तक) तथा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा (17 सितम्बर से 30 सितम्बर तक) का सफल आयोजन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाएँ। परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाएँ तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा अवश्य प्रदान करें।

डीएम डॉ. सिंह ने दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा तथा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु स्वास्थ्य के साथ-साथ त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं, आईसीडीएस, जीविका, कल्याण विभाग, सिविल सोसाईटी के बीच सार्थक समन्वय की आवश्यकता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि माननीय सांसदों, विधायकों तथा नगर निकायों के प्रतिनिधियों से अनुरोध कर उनकी इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चित कराएँ। डीएम डॉ. सिंह ने स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। माइक्रोप्लान के अनुसार प्रखण्ड स्तर पर सभी सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों के बीच को-ओर्डिनेशन करें। लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए तत्परता से कार्य करें। लोगों के बीच संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन करें। एएनएम को डेडिकेटेड काउंसेलिंग के लिए प्रतिनियुक्त करें। स्वास्थ्य संस्थानों तथा सार्वजनिक जगहों पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्रियों का प्रदर्शन करें। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी कार्यक्रमों में सास-बहू-बेटी सम्मेलन को निदेशित करें। आवश्यकतानुसार तीन से पाँच पीएचसी को पुरूष बंध्याकरण सेवाओं के लिए फर्स्ट रेफरल यूनिट के साथ सम्बद्ध करें। पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य संस्थावार सूचीबद्ध (इम्पैनल्ड) सर्जन रखें।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत प्रदत्त निःशुल्क सेवाएँ एवं लाभार्थियों तथा उत्प्रेरकों को प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान तत्परता से करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी।

गौरतलब है कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रति ब्लॉक 75 महिला बंध्याकरण तथा 5 पुरूष नसबंदी का लक्ष्य है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा शहरी पीएचसी रेफरल द्वारा महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 125 तथा पुरूष नसबंदी का लक्ष्य 25 है। इस प्रकार महिला बंध्याकरण का कुल लक्ष्य 1,850 तथा पुरूष नसबंदी का कुल लक्ष्य 140 है। इस तरह पखवाड़ा के दौरान जिले में बंध्याकरण तथा नसबंदी का कुल लक्ष्य 1,990 है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने परिवार नियोजन के सभी उपायों यथा महिला बंध्याकरण, पुरूष नसबंदी, आई.यू.सी.डी.(कॉपर-टी), मिश्रित गर्भनिरोधक गोली (ओसीपी, माला-एन), गर्भनिरोधक सूई-एम.पी.ए.(अंतरा), सेन्टक्रोमेन (छाया) (साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली-डब्ल्यूसीपी), कंडोम (निरोध) तथा आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ईजी) की उपलब्धता स्वास्थ्य संस्थानों में सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई (एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान देने का निदेश दिया। जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निदेश के अनुसार बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ। प्री-ऑपरेटिव (परामर्श, चिकित्सीय जाँच, पैथोलोजी जाँच इत्यादि) एवं पोस्ट-ऑपरेटिव केयर के लिए मेडिकल टीम गठित करते हुए निःशुल्क सेवा सुनिश्चित करें। डेडिकेटेड टीम द्वारा ऑपरेशन के बाद की सुविधाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए। शिविरों में मूलभूत सुविधाएँ जैसे बेड, पेयजल, पंखा इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। बंध्याकरण एवं नसबंदी कराए गए व्यक्तियों को उनके घर तक एम्बुलेंस से पहुँचाना सुनिश्चित करें। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘‘अंतरा एवं छाया’’ सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। शहरी पीएचसी, अतिरिक्त पीएचसी एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर में आईयूसीडी सुविधाओं की उपलब्धता प्रशिक्षित सेवा प्रदाता द्वारा नियमानुसार सुनिश्चित करें। कंडोम बॉक्सेज के द्वारा कंडोम का वितरण सुनिश्चित कराएँ। सभी सम्बद्ध स्वास्थ्य संस्थानों में सेल्फ हेल्प किट उपलब्ध रहना चाहिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नेहरू युवा केन्द्र, स्वयंसेवी सगंठनों, पल्स पोलियो, नियमित टीकाकरण तथा अन्य कार्यक्रमों के वोलन्टियर्स से समन्वय स्थापित करते हुए क्लायंट मोबिलाईजेशन किया जाए। बंध्याकरण/नसबंदी हेतु उत्प्रेरक राशि इन्हें भी देय है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि हम सभी प्रत्येक योग्य दम्पति तक पहुँच तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के सपने को साकार करने का संकल्प लें। जनसंख्या नियंत्रण हमारे बेहतर विकास दर एवं मानव विकास सूचकांक के लिए आवश्यक है। सभी स्टेकहोल्डर्स इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

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