पढ़ाई- लिखाई के साथ अच्छे संस्कार भी हैं जरुरी-डॉ. मानव

न्यूज़ डेस्क:-  हिलसा ( नालंदा ), पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ बच्चों को अन्य कई प्रकार की व्यावहारिक शिक्षा देने से उनमें न केवल अच्छे संस्कार पनपते हैं बल्कि समाज सेवा की भावना भी बलवती होती है| नशा विरोधी अभियान को सफल बनाने में बच्चों की भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता| अपने अभिभावकों को अच्छी आदतों के लिए प्रेरित करने का काम यही बच्चे बखूबी निभाते हैं| उक्त बातें गुटखा छोड़ो आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार मानव ने सोमवार को नालंदा जिला हिलसा के स्थानीय आदर्श सर्वोदय विद्यालय में आयोजित चेतना सत्र के दौरान प्रतिभागियों से कही|

उन्होंने कहा कि बचपन से ही बच्चों को नशामुक्त जीवन जीने की शपथ लेनी होगी| साथ ही साथ उन्हें अपने परिजनों का नशा छुड़ाने की भी पहल करनी चाहिए| ऐसा करके वे एक आदर्श विद्यार्थी होने का परिचय दे सकते हैं| डॉ. आशुतोष मानव ने कहा कि नशा हँसता-खेलता परिवार को भी बर्बाद कर देता| इसकी चपेट में आकर लाखों नौजवान बेमौत मारे जा रहे हैं| ऐसी परिस्थिति में सरकारी प्रयास के अलावा आम जन की सहभागिता से ही इस जानलेवा बुराई का जड़ से ख़ात्मा सम्भव है| शिक्षाविद सत्येंद्र सिन्हा ने कहा कि समय पर सारा काम करना चाहिए| प्रतिदिन साफ़ सफ़ाई का जो बच्चे अच्छे से ख़्याल रखते हैं वही हमेशा जीवन में सफलता पाते हैं| उन्होंने ऐसे कार्यक्रम का आयोजन लगातार करते रहने की बात कही| इस दौरान बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव से सम्बंधित कई अद्यतन जानकारियाँ भी दी गई|

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