मुख्यमंत्री ने बोधगया में किया महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण, निर्माणाधीन स्टेट गेस्ट हाउस का कार्य इसी साल पूरा करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज 153 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया का फीता काटकर एवं शिलापट्ट का अनावरण कर लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री ने विधिवत शुभारंभ किया। समारोह में पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव श्री संतोष कुमार मल्ल ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया। बौद्ध भिक्षुओं ने लोकार्पण समारोह में प्रार्थना प्रस्तुत की।

लोकार्पण समाहरोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर आप सभी इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए हैं, इसके लिये मैं आपको हृदय धन्यवाद देता हूं और आपका अभिनंदन करता हूं। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया का उद्घाटन करने का आज मुझे अवसर मिला है, इसके लिये मुझे बेहद खुशी हो रही है। इसका शिलान्यास हमलागों ने 13 अक्टूबर 2018 को किया था। वर्ष 2020 तक इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन कोरोना के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि बोधगया काफी महत्वपूर्ण स्थल है। सभी जगहों से बिहार में जितने पर्यटक आते हैं, उनमें से सबसे अधिक संख्या गया और बोधगया का भ्रमण करने वाले पर्यटकों की होती है। विदेशों और देश के अन्य राज्यों से फ्लाइट के माध्यम से जो पर्यटक बिहार के महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने आते हैं जिनकी आस्था भगवान बुद्ध के प्रति है वे भ्रमण कर जल्द ही चले जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमलोग महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के ठीक बगल में सौ कमरे का विशिष्ट अतिथि गृह का निर्माण करा रहे हैं ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक पूरी सहूलियत के साथ यहां ठहर सकें। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र काफी अच्छे ढंग से बना है। हमलोगों ने सबसे पहले राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर बनवाया जिसकी लोग काफी प्रशंसा करते हैं। केंद्र से भी लोग आकर उसमें मीटिंग करते हैं। पटना में भी सम्राट अशोक कन्वेशन केंद्र बना है लेकिन महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र सबसे बेहतर बना है। कोई भी चाहे तो यहां आकर मीटिंग कर सकता हर प्रकार की सुविधा यहां उपलब्ध है। भोजन का इंतजाम यहां रखा गया है।

 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने पहले इसका नामकरण महाबोधि कंवेशन केंद्र रखने का निर्णय लेकिन आखिरकार इसका नामकरण महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र किया गया। अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के बगल में स्टेट गेस्ट हाउस का निर्माण हो रहा है उसके एप्रोच पथ का भी इस साल के दिसंबर माह तक साथ-साथ पूरा करें। इसके बन जाने से पर्यटकों की संख्या में और अधिक इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 तक बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। गया, बोधगया, नवादा और राजगीर में जल संकट को दूर करने के लिये हमलोग गंगा जल पहुंचा रहे हैं। इसी साल इस काम को पूरा करना है। कपड़ा धोने से लेकर नहाने तक हर काम में लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे लोगों की भूजल पर निर्भरता और जल संकट की समस्या दूर होगी। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई। यह बहुत ही पवित्र भूमि है। सबके घरों तक गंगा के शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सालों भर की जायेगी। लोगों की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए एक-एक काम कर रहे हैं ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो गया ज्ञान और मोक्ष की भूमि है। प्रतिवर्ष यहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं। यहां की नदी में पानी खत्म होने से लोगों को काफी कठिनाई होती थी। इसे ध्यान में रखते हुए हमलोग यहां एक रबर डैम बना रहे हैं ताकि बारह महीने पानी उपलब्ध रहे। इसके लिये 266 करोड़ रूपये की योजना बनाकर काम किया जा रहा है। काफी पहले से हमारे मन में यह बात थी कि गया, बोधगया, नवादा और राजगीर में जल संकट की समस्या को दूर किया जाय। इन चार जगहों पर गंगा जल की आपूर्ति करने के लिये काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में जल-जीवन- हरियाली अभियान की शुरुआत की गई। गंगा जल की आपूर्ति उसी अभियान का एक हिस्सा है। 4175 करोड़ रुपये की लागत से इन चार जगहों पर गंगाजल पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गया और बोधगया की भूमि काफी पवित्र है, यहां रहने वाले लोगों को अब पवित्र गंगाजल भी मिलेगा। प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर गंगा का जल सभी जरूरतों को पूरा करने के लिये उपलब्ध कराया जायेगा


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले स्वयं सहायता समूहों की संख्या कम थी। हमलोगों को जब मौका मिला तो स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया और उसका नाम जीविका रखा गया, जिसे केंद्र ने अपनाते हुए इसका नामकरण आजीविका किया। इसका मतलब है कि बिहार की जीविका पूरे देश में आ महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। समाज में माहौल ठीक रहे इसके लिये सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिये। पहले महिलाओं की क्या स्थिति थी ? अब महिलायें काफी सक्रिय हुई हैं। महिलाओं के सक्रिय होने से घर की आमदनी बढ़ रही है। गया और बोधगया काफी ऐतिहासिक और सुंदर जगह है। कई देशों और दूसरे राज्यों से लोग यहां आते हैं। उनको पूरी सुविधा और सहूलियत मिले इसे ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के काम किये जा रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि इस साल के अंत तक विशिष्ट अतिथि गृह जब बनकर तैयार हो जायेगा तो यहां आने वाले लोग काफी अच्छा महसूस करेंगे। स्टेट गेस्ट हाउस जब पूरी तरह बनकर तैयार हो जायेगा तो उसके बेहतर संचालन एवं रखरखाव के लिये इसे निजी संस्था को सौंपा जायेगा। मुझे यहां आने पर काफी प्रसन्नता होती है। मैं आप सभी करूंगा आग्रह कि ज्ञान और की इस भूमि पर दुनिया भर से आने वाले लोगों को पूरी सुविधा और सुरक्षा मिले। आप सब एकजुटता के साथ आपस में मिल-जुलकर रहें, प्रेम का माहौल क रखें। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का भवन काफी अच्छे ढंग से बन गया है, इसके मेंटेनेंस का काम निरंतर होना चाहिये। गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखने की जरूरत है। महिलाओं से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के लिये पूरी मजबूती से काम करें। बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई के उन्मूलन हेतु निरंतर सक्रिय रहें और लोगों को जागरूक करें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी मिलकर एकजुटता के साथ काम करेंगे तो

बिहार ही नहीं पूरे देश के लिये यह उदाहरण बनेगा। लोकार्पण से पूर्व मुख्यमंत्री ने महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का मुआयना किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने मीटिंग रूम, बहुद्देशीय हॉल, डायनिंग हॉल, अतिविशिष्ट कक्ष, अतिथियों एवं पर्यटकों के आवासन हेतु महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के प्रांगण निर्माणाधीन भवन के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।


मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अतिथियों एवं पर्यटकों के आवासन हेतु 136 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन स्टेट गेस्ट हाउस का कार्य इस साल के दिसंबर माह तक हर हाल में पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 25 अक्टूबर से पर्यटकों का आगमन शुरू हो जाता है इसलिए इस साल के दिसंबर महीने तक आवासन हेतु निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण करें। भवन के साथ-साथ एप्रोच पथ का काम भी पूरा करें। पर्यटकों के रहने की सुविधा सुनिश्चित होने से पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। बोधगया से राजगीर, वैशाली आदि महत्वपूर्ण जगहों पर आवागमन हेतु सुगम रास्ता बनाया गया है। इच्छुक व्यक्ति आसानी से आवागमन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया के प्रांगण में लगी चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। भवन निर्माण विभाग द्वारा महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र पर केंद्रित वीडियो प्रस्तुतीकरण दी गयी। गया हवाई अड्डा पर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया गया। लोकार्पण समारोह के अंत में प्रधान सचिव पर्यटन श्री संतोष कुमार मल्ल एवं सचिव भवन निर्माण श्री कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।


लोकार्पण समारोह को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री सह गया जिले के प्रभारी मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, पूर्व मंत्री सह विधायक डॉ० प्रेम कुमार, सांसद श्री विजय कुमार, विधायक श्री कुमार सर्वजीत, प्रधान सचिव पर्यटन श्री संतोष कुमार मल्ल, सचिव भवन निर्माण श्री कुमार रवि ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, विधायक श्री विनय कुमार, विधान पार्षद श्रीमती रोजीना नाजिश, अपर मुख्य सचिव वित्त सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री एस० सिद्धार्थ, आयुक्त मगध प्रमंडल श्री मयंक वरवड़े, पुलिस महानिरीक्षक गया श्री विनय कुमार, प्रबंध निदेशक पर्यटन विकास निगम लिमिटेड श्री प्रभाकर, जिलाधिकारी गया डॉ० त्याग राजन एस०एम०, वरीय पुलिस अधीक्षक गया श्रीमती हरप्रीत कौर, महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव श्री एन0 दोरजे, जदयू जिलाध्यक्ष गया श्री द्वारिका प्रसाद, भाजपा जिलाध्यक्ष गया श्री धनराज शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, बौद्ध भिक्षुगण, जीविका दीदियां, छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

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