‘तलाश’ के जरिए लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की की जाएगी पहल – डॉ विश्वेन्द्र

प्रजातंत्र में आम आदमी ही केन्द्र है, वही उद्देश्य है, व्यवस्था का अंतिम उपभोक्ता है। अत: इसे ही सजग रहना होगा और तंत्र को सही रखना भी इसी की जिम्मेवारी है। आम आदमी के बिना हस्तक्षेप के सभी तंत्र सुस्त, नाकाम या कुछ ‘खास’ के स्वार्थपोषक हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जबतक हर व्यक्ति गलत को गलत कहने का साहस नहीं करेगा, तंत्र अपनी सही स्थिति में नहीं रह सकता है। अच्छा करने वाले को अच्छा कहना होगा ताकि लोगों को सही दिशा में जाने के लिए उत्प्रेरित किया जा सके। यही काम ‘तलाश’ कर रहा है।

अपने उद्ेश्यों की प्राप्ति के लिए ‘तलाश’ लगातार आगे बढ़ रहा है। यूं कहें ‘तलाश’ निदान खोज रहा है। इसके लिए ‘तलाश’ आगामी 16 अक्टूबर को स्कूली बच्चों के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित किया है। जिसमें बच्चे समस्या के निदान के लिए अपनी राय रखेंगे। संवाद को सीनियर और जूनियर के बीच दो भागों में बांट दिया गया है। जूनियर वर्ग में सातवीं से दशम वर्ग के छात्रों की भागीदारी होगी जिसका विषय होगा ‘शिक्षा में परीक्षा का महत्व और उसकी रूपरेखा’ और वरिष्ठ कक्षा में 11वीं से 12वीं एवं उच्चतर कक्षा के छात्र होंगे जिनका विषय आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान-कारण और निवारण होगा।

इस संवाद में भाग लेने के लिए 15 स्कूल के छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जिन्हे रजिस्टेÑशन कराना है वे आॅन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। संवाद कार्यक्रम राजेन्द्र नगर स्थित पटना हड्डी अस्पताल में होगी। प्रत्येक ग्रुप के चयनित प्रभिागियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसकी जानकारी तलाश के संस्थापक डॉ विश्वेन्द्र कुमार ने दी है। इस मौके पर संयोजक शिव कुमार, पूर्व संयोजक प्रणव कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे।

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