ताड़ी बेचने के लिए छूट के लिए पटना में आज खूब हुआ हंगामा ,जमकर रोड़बाजी एवं पत्थरबाजी भी हुई

ताड़ी बैन एवं गिरफ्तारी को लेकर न्यू अखिल भारतीय पासी समाज एवं ताड़ी व्यवसायियों ने राजभवन मार्च किया। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी गांधी मैदान से डाकबंगला होते हुए राजभवन की ओर कूच किये। इस दौरान पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए।

 

पुलिस के सख्ती बरतने के बाद प्रदर्शनकारियों ने गोरिल्ला अंदाज में हमला कर दिया । जमकर रोड़बाजी एवं पत्थरबाजी भी की  इस हमले में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। कुछ  देर के लिए पुलिसकर्मियों को भी पीछे हटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के उपद्रव एवं तांडव को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया और लाठीचार्ज कर दिया। पुलिसकर्मियों ने जमकर लाठियां भांजी। इतने पर भी प्रदर्शनकारी नहीं माने तब आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछार किए गए। इसके बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हुए। जेपी गोलंबर काफी देर तक रणक्षेत्र बना रहा। इधर से गुजरने वाले आम राहगिरों को भी प्रदर्शनकारियों के उपद्रव का शिकार होना पड़ा। कई गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए गए। इसके बाद भी प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहा तक पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने यहां से उन्हे आगे बढ़ने नहीं दिया। कई घंटों तक प्रदर्शनकारियों ने डाकबंगला चौराहा को जाम रखा और सरकार विरोधी नारेबाजी की। काफी मशक्कत के बाद पुलिस पदाधिकारियों ने एक प्रतिनिधि मंडल को राजभवन ले गए जहां प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा और अपनी मांग रखी।
ताड़ी पर से अविलंब प्रतिबंध हटाए एवं गिरफ्तार किये गये लोगों को रिहा करे सरकार

न्यू अखिल भारतीय पासी समाज एवं ताड़ी व्यवसाय के प्रदेश अध्यक्ष नथुनी चौधरी मूर्तिकार उर्फ नथूनी महतो ने कहा कि सरकार वर्ष 2016 से ही ताड़ी बेचने पर प्रतिबंध लगा रखी है। नीरा खरीदने की बात कही गयी है। लेकिन नीरा की खरीदारी की कोई व्यवस्था नहीं है। ताड़ी बेचने के नाम पर हमे बेवजह परेशान किया जाता है। निर्दोष लोगों को घर में घुसकर मारपीट एवं गिरफ्तार कर पुलिस के द्वारा जेल भेज दिया जाता है। हमारी आजिवका छीनने के साथ ही पुलिस हमारा आर्थिक दोहन कर रही है। ताड़ी पर से अविलंब प्रतिबंध हाटाने की मांग की। कहा कि पटना छोड़कर बिहार के किसी भी जिले में ताड़ी जांच यंत्र नहीं है। फिर भी पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफ्तारी के दौरान मिलावटी ताड़ी का एफआईआर दर्ज किया जाता है। पंद्रह से बीस दिन के बाद जांच के लिए भेजा जाता है। जब तक सरकार नीरा खरीद की समुचित व्यवस्था नहीं करती है तबतक पूरे राज्य में ताड़ी पर लगे प्रतिबंध से पासी समाज को मुक्त रखा जाये।

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