दशम् वित्तीय आयोग की राशि से बिहार सरकार को वंचित रखने के लिए नगर निकाय चुनाव को रोकना चाहती है बीजेपी

नगर निकाय चुनाव का कार्यकाल आगामी 31 दिसम्बर को पूरा हो जाएगा। सरकार हर हाल में निकाय का चुनाव कराना चाहती है। इसे लेकर हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकार चुनाव कराने का निर्णय ली है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है। 18 और 28 दिसम्बर को मतदान होना है और 30 दिसम्बर को मतगणना होगी। लेकिन बीजेपी बेवजह इस चुनाव में अडंÞगा लगा रही है। मामले को उलझाकर चुनाव समय पर नहीं होने देना चाहती है। दरअसल इसके पीछे बीजेपी की मंशा अतिपिछड़ों को उसका वाजिब हक मिले यह नहीं है बल्कि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को दशम् वित्तीय आयोग से मिलने वाली राशि को रोकने का मकशद है। यह बातें राजद के प्रदेश महासचिव सह पूर्व विधान परिषद् आजाद गांधी ने कही।

उन्होंने कहा कि अगर समय पर निकाय का चुनाव संपन्न नहीं होगा तो बाद में राज्य सरकार को कई पेचीदगी में पड़ना होगा जिससे नगर विकास को कार्य बाधित होगा और बीजेपी सरकार को बदनाम करेगी। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि नगर निकाय का चुनाव हर हाल में तय समय पर होगा। सभी प्रत्याशियों से डोर टू डोर जाकर प्रचार करने की अपील की है।

पूर्व विधान पार्षद आजाद गांधी की बेटी डॉ अंजना गांधी भी पटना नगर निगम के लिए उपमेयर के लिए चुनाव मैदान में हैं। वे लगातार चुनाव प्रचार में जुटी हैं। मतदाताओं के बीच जाकर अपनी बात रख रहे हैं। मोहल्ला क्लिनिक, यातायात व्यवस्था और निगमकर्मियों की परेशानी की परेशानी को प्राथमिकता में रखकर दूर करने की बात कही और अपनी जीत का दावा किया है।

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