अपनी कार्यशैली और शालीनता के बदौलत देवेश चन्द्र ठाकुर 2024 में सीतामढ़ी लोक सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं

बिहार विधानमंडल का बजट सत्र अभी चल रहा है जो आगामी 5 अप्रैल तक चलेगा लेकिन साथ ही  पक्ष और विपक्ष जिस तरीके से एक दूसरे के प्रति आक्रामक दिख रहे हैं उससे ये प्रतीत होने लगा है कि मानो 2024 का चुनाव होने में अब ज्यादा दिन शेष नहीं रह गया ,लेकिन हकीकत यह है कि अभी ये 2023 ही है और लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है मतलब लोकसभा चुनाव होने में अभी कम से कम एक साल बाकी है लेकिन मौजूदा समय में पक्ष और विपक्ष की कई ऐसी गतिविधियां देखने को मिल रही  है जिससे ये लगने लगा है कि  सत्ता पक्ष और विपक्ष  अभी से ही लोकसभा चुनाव की तैयारीयां शुरू कर दी है जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वोट बैंक को साधने के लिए सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी है और दूसरी तरफ कांग्रेस के सबसे बड़े लीडर राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी  गई और इस मसले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पूरा विपक्ष राहुल गांधी के साथ खड़ा दिख रहा है उससे ये साफ हो गया है की लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए और यूपीए ने एक दुसरे के साथ  शह और मात का खेल खेलना  शुरु कर दिया है  गुरुवार को बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में भी में बिहार का सत्पताक्ष और विपक्ष दोनों अपनी गतिविधियों और बयानों से यह बता दिया कि अब  2024 की लड़ाई का आगाज हो चुका है |

अब हम बात करें लोकसभा उम्मीदवारों कि तो  बिहार के कई ऐसे कद्दावर नेता जो इस बार 2024 चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं वे भी अपने जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है ,हम अगर सीतामढ़ी जिले की चर्चा करें तो बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर जो की इसी जिले से आते हैं उनके बारे में अभी से ही जिले के लोगों ने ये चर्चा करना शुरू कर दिया कि 2024 के चुनाव के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर ही होंगें |सचमुच देवेश चंद्र ठाकुर की अपनी एक कार्यशैली है जिसके बदौलत वह हमेशा से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं जिसका परिणाम कुछ दिनों पहले दिखा भी कि कैसे कई नामों को पछाड़ते हुए वो बिहार के सबसे बड़े हाउस के सभापति के पद पर आसीन हो गये और जबसे उन्होंने ये पद संभाला है तबसे बिहार विधान परिषद में एक नया बदलाव देखने को मिला है वहां के व्यवस्था में एक नवीनता आई है और लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि इस बार बिहार विधान परिषद के सभापति के तौर पर एक मजबूत और शालीन व्यक्ति ने पदभार संभाला है जो अपने पद की गरिमा बनाए रखने के साथ-साथ अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन भी कर रहे हैं और यही वजह है सीतामढ़ी के लोग भी इस बार उन्हें अपने सांसद के रूप में देखना चाहते है  |

वैसे तो सीतामढ़ी में सांसद उम्मीदवारी के कई  दावेदार है लेकिन जिस तरीके से देवेश चन्द्र ठाकुर की जदयू के सर्वे सर्वा नीतीश कुमार से रिश्ते है उससे एक कहना मुश्किल नहीं होगा कि 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार सीतामढ़ी से उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बना सकते है  , आपको मालूम होगा कि देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक क्षेत्र से लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं यही बजह है कि सीतामढ़ी के लोग इन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक मजबूत प्रबल और कद्दावर नेता के तौर पर देख रहे है और यही एकमात्र ऐसे नेता है जो निर्दलीय रहकर भी सर्वदलीय समर्थन प्राप्त कर सकते है जो इनके इस क्षेत्र से दावेदारी को और मजबूत करता है।

वैसे तो इस क्षेत्र से कई लीडर अलग-अलग दल से लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने संजोए बैठे हैं जिसमें सुरसंड के विधायक दिलीप राय ,पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू पूर्व सांसद  सीताराम यादव ,अर्जुन राय ,जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष उषा किरण, बाजपट्टी के मौजूदा विधायक मुकेश कुमार यादव और पूर्व विधायक सुनील कुशवाहा सहित कई अन्य नाम है लेकिन जीत का सेहरा उसी के सर होगा जिसे सीतामढ़ी की जनता पसंद करेगी |

संवाद सहयोगी – मदन मोहन ठाकुर ,वरिष्ठ पत्रकार

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