अतिपिछड़ों के कल्याण के लिए जितना काम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में किया है, किसी मुख्यमंत्री ने, चाहे वो किसी भी दल का हो, शायद ही किया है- अशोक चौधरी

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि बिहार के  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने इस राज्य में बाबा साहब और महात्मा गाँधी के अभिवंचित वर्ग को मुख्य धारा के जोड़ने के सपने को मूर्त रूप दिया है, उसे साकार किया है। जनता के प्रेम और सम्मान के साथ जब वर्ष 2005 में  नीतीश कुमार ने बिहार की बागडोर संभाली तो बाबा साहब और राष्ट्रपिता गाँधी के विचारों से प्रेरित माननीय नेता ने सबसे पहले इस प्रदेश की जनता, खासकर दलित और अभिवंचित वर्ग को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो सकें, यह सुनिश्चित किया।

हमें गर्व होना चाहिए उस महापुरूष के सपनों को हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री ने अपना शासन सूत्र बना रखा है। ये बातें बिहार के भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी ने मुंगेर के धरहरा एवं हवेली खड़गपुर में पार्टी द्वारा आयोजित “भीम चौपाल सह संवाद कार्यक्रम” में कही। इस दौरान हवेली खड़गपुर में मंत्री ने श्रद्धेय बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा राज्य में ‘न्याय के साथ विकास’ के तर्ज पर किये जा रहे प्रगति कार्यों की चर्चा की।

श्री चौधरी ने कहा कि माननीय नेता ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय स्वशासन में आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने, पारदर्शिता लाने, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, समाज के अत्यंत पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की सम्मानजनक भागीदारी सुनिश्चित करने का सार्थक प्रयास किया है।

श्री चौधरी ने कहा कि बिहार इस देश का पहला राज्य है जहाँ त्रिस्तरीय पंचायतों की सभी कोटियों में एकल पदों सहित बसभी पदों पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी। प्रदेश के अभिवंचित वर्ग के जो लोग मुखिया और सरपंच जैसे जनप्रतिनिधियों के यहाँ जाने से पहले कई बार सोचते थे कि उन्हें उनके दरवाजे पर जाने में सम्मान मिलेगा या नहीं, वर्ष 2007 के बाद माननीय नेता ने उसी अभिवंचित समाज के लोगों को मुखिया और सरपंच बनाया, जिला परिषद् अध्यक्ष बनाया और समाज में सर उठा कर चलने का मौका दिया। वर्षों पहले हमारे अनुसूचित जाति जनजाति भाइयों के गले में घंटी बांध दी जाती थी पीछे झाड़ू बांध दिया जाता था, ऐसे समाज के लोगों को बाबा साहब ने बराबर का अधिकार देने का काम किया और उन्हें राजनैतिक रूप से सशक्त और मज़बूत बनाने का काम माननीय नेता नीतीश कुमार ने किया।

श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2005 में आदरणीय नीतीश कुमार जी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में बिहार की बागडोर संभाली तब इस प्रदेश का बजट मात्र 23 हज़ार 885 करोड़ हुआ करता था लेकिन अपने अब तक के कार्यकाल में इसे अपनी दूरदर्शिता और कार्यकुशलता से 2 लाख 61 हज़ार 885 करोड़ तक पहुँचाया है तथा अपने 17 वर्ष के कार्यकाल में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक रूप से कैसे वंचित एवं दलित समाज सबल हो, सशक्त हो इसके लिए माननीय नेता ने अब तक के कार्यकाल में योजनाओं का निर्माण एवं बजट का प्रावधान किया और योजनाओं का निर्माण कर धरातल पर उतारा है।

उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2005 तक सभी के लिए एक कल्याण विभाग काम करता था लेकिन माननीय नेता के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2007 में पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का नोडल विभाग के रूप में गठन किया तथा इसी वर्ष अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का गठन भी किया गया। वर्ष 2005-06 में पूरे समाज कल्याण विभाग का कुल बजट प्रावधान- 40.48 करोड़ था वहीँ माननीय नेता की दूरदर्शिता के परिणामस्वरुप वर्ष 2022-23 में केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण का कुल बजट 2215.30 करोड़ है तथा इसके अलावा अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1878.53 करोड़ हो गया।

श्री चौधरी ने कहा कि बिहार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक आधारभूत संरचनाओं का अभूतपूर्व विकास हुआ है सरकार सभी जिलों में पॉलिटेकनीक, इंजीनियरिंग कॉलेज, आई.टी.आई. पारा मेडिकल संस्थान खोल रही है साथ ही प्रत्येक पंचायत में हाई स्कूल तथा प्रत्येक 1-3 किमी॰ के दायरे में प्राथमिकी/मध्य विद्यालय खोले गए है। देश में पहला ऐसा राज्य बिहार है जिसमें माननीय नेता के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना जैसी अनुकरणीय योजना लागू की गयी जिसमें योजना के अन्तर्गत बिहार लोक सेवा आयोग, पटना द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा (PT) में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को अग्रेतर तैयारी हेतु एकमुश्त राशि 50000/- (पचास हजार रूपये) तथा संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को एक मुश्त 100000/- (एक लाख रूपये) दिए जाते हैं ताकि आर्थिक रूप से कमज़ोर अनुसूचित जाति/ जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्र – छात्राओं को निश्चिंत होकर आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।

श्री चौधरी ने अंत में कहा कि अतिपिछड़ों के कल्याण के लिए जितना काम नीतीश कुमार जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में किया है, किसी मुख्यमंत्री ने, चाहे वो किसी भी दल का हो, शायद ही किया है। उन्होंने वहां मौजूद कार्यकर्ता साथियों एवं आमजन से आग्रह किया कि जो नेता हमारे आने वाली पीढ़ी को आत्मनिर्भर, सशक्त और मज़बूत करने के लिए दिन रात सम्पूर्ण तल्लीनता से योजनाओं का निर्माण एवं सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहा है, ऐसे नेता, बिहार के विकास के महानायक, श्री नीतीश कुमार के साथ मज़बूती से खड़े रहे और उनको बल देने का प्रण लें तथा उनके लम्बे स्वस्थ्य जीवन की कामना करें।

इस अवसर पर एमएलए श्री कौशल किशोर, श्री राजीव कुमार सिंह, पूर्व विधायक श्री अजय पासवान, श्री श्याम बिहारी राम, मुंगेर प्रमंडलीय प्रभारी श्री मुकेश विद्यार्थी, जिलाध्यक्ष श्री नचिकेता मंडल, अनु. जाति जिलाध्यक्ष श्री राजदेव बाबू , प्रदेश सचिव श्री सौरव निधि, जदयू नेता श्री परमानंद मांझी, श्री नवीन कुमार सिंह,अनुमंडलीय प्रभारी श्री मंजीत कुमार, युवा जदयू जिलाध्यक्ष श्री विक्की गुप्ता, कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री हरिमोहन तूरी, संचालक श्री अर्जुन मांझी, श्री राजेन्द्र मंडल, विभिन्न पंचायतों के मुखियागण व पार्टी पदाधिकारियों सहित अनेक गणमान्यजनों की उपस्थिति रही।

You may have missed