मोदी और नीतीश दोनों को सबक सिखाने का मन बना लिया है सूबे के बिन्द- बेलदार समाज ने

नेपाल भारत और बांग्लादेश में बिंद जाति की आर्थिक ,शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति क्या है इसको लेकर बिन्द विकास सामाजिक सेवा संस्थान के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन पटना के ठाकुर प्रसाद कमेटी हॉल में किया गया। इस कार्यशाला में बांग्लादेश नेपाल और भारत के कई राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

कार्यशाला का उद्घाटन बांग्लादेश से पहुंचे बिंद उन्नयन परिषद के अध्यक्ष सीताराम बिंद, बिन्द विकास एवं सामाजिक सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गणेश कुमार बिंद ,शोधकर्ता प्रोदीप अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया ।कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिन्द विकास सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गणेश कुमार ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी बिंद समाज सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक राजनीतिक रूप से काफी पिछड़ा आदिवासी और दलित से भी खराब स्थिति है ।बिहार में बिन्द की आबादी 8.5% है लेकिन हमें उचित हिस्सेदारी नहीं मिल पाती है।

श्री कुमार ने कहा बिहार उड़ीसा पश्चिम बंगाल के रूप में अलग राज्य होने के बाद बंगाल के बिंद एवं बेलदार जाति को अनुसूचित जाति की सूची में रखा गया जबकि बिहार में उन्हें अत्यंत पिछड़ी जाति में रखा गया है जो अत्यंत दुखद है । श्री कुमार ने कहा बिन्द जाति को अनुसूचित जाति की सूची में रखा गया है। उन्होंने राज्य सरकार से बिंद और बेलदार जाति को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने की मांग की है

उन्होंने कहा अगर सरकार ने 6 माह के भीतर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे और आगामी लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे ।कार्यशाला को बांग्लादेश पहुंचे प्रतिनिधि सीताराम बिन्द शोधकर्ता प्रोदीप अधिकारी एवं शिव रतन निषाद बिंद संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अजय बिंद भारतीय बिंद समाज उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत मोहन बिंद, बाल्मीकि कुमार बिंद ,दशरथ प्रसाद सिंह, राजू मुखिया ,अनिल मुखिया ,मीना देवी एवं अन्य वक्ताओं ने भी बिंद जाति की स्थिति पर प्रकाश डाला। मंच का संचालन देशेश जलज ने किया।

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