डीएम ने अनुमंडल कार्यालय, पटना सदर का किया निरीक्षण; बेहतर कार्यालय-प्रबंधन पर जताई खुशी

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अनुमंडल कार्यालय, पटना सदर का निरीक्षण किया गया। यह एक पूर्व-निर्धारित निरीक्षण था। डीएम ने कार्यालय प्रबंधन की अच्छी स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी को अभिलेखों का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने, अनुमंडल दंडाधिकारी के न्यायालय में लंबित मामलों का नियमानुसार शीघ्र निष्पादन करने तथा कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा सदर अनुमंडल स्थित लोक सेवा केंद्र, वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण शाखा, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, निर्वाचन कार्यालय, आपूर्ति शाखा, सामान्य शाखा सहित विभिन्न शाखाओं एवं कार्यालयों का निरीक्षण किया, पदाधिकारियों एवं कर्मियों की उपस्थिति की जांच की, उनका परिचय प्राप्त किया तथा उनके दायित्वों एवं कार्यों की जानकारी ली।

1. अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि अनुमंडल कार्यालय, पटना सदर दिनांक 01 अगस्त, 1958 से स्वतंत्र रूप से कार्यरत है। वर्तमान में यह अस्थायी रूप से आयकर गोलम्बर स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में चल रहा है। अगले साल इसका निर्माणाधीन नये समाहरणालय भवन में स्थानांतरित होने की संभावना है। इस अनुमंडल अंतर्गत कुल तीन प्रखंड/अंचल यथा पटना सदर, फुलवारीशरीफ एवं सम्पतचक है जिसके स्तर से विकास एवं राजस्व कार्यों का क्रियान्वयन कराया जाता है।

2. अनुमंडल कार्यालय के निरीक्षण के क्रम में डीएम ने विभिन्न सेक्शन के कार्यों का अवलोकन किया। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने स्थापना, लेखा, अंकेक्षण, नजारत, आपूर्ति, राजस्व, न्यायालय, कल्याण, आपदा प्रबंधन, सेवापुस्त का संधारण, रोकड़ बही, पेंशन नीलामपत्र, लोक सूचना का अधिकार, जन शिकायत सहित विभिन्न संचिकाओं/पंजियों को देखा तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया।

3. अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि अनुमंडल कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में प्राप्त 72 आवेदनों में से 66 मामले को निष्पादित कर दिया गया है। शेष छः प्रक्रियाधीन है। अपीलीयवाद में प्राप्त 140 आवेदनों में से 130 आवेदनों को निष्पादित कर दिया गया है तथा 10 प्रक्रियाधीन है। राज्य सूचना आयोग के 49 आवेदनों में से शत-प्रतिशत को निष्पादित कर दिया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने शेष आवेदनों को भी नियत समय-सीमा के अंदर निष्पादित करने का निदेश दिया।

4. अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि माता-पिता, वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 16(1) तथा वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण नियमावली, 2012 के अंतर्गत अधिकरण समिति के अध्यक्ष की क्षमता में प्राप्त 199 वादों में 183 वादों को निष्पादित कर दिया गया है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा लंबित 16 वादों को नियमानुसार शीघ्र निष्पादित करने का निदेश दिया गया।

5. जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल दंडाधिकारी तथा कार्यपालक दंडाधिकारी के न्यायालय कार्यों की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि प्राप्त वादों की संख्या में निष्पादन की गति संतोषजनक नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल दंडाधिकारी को नियमित तौर पर न्यायालय कार्य करने एवं वादों का नियमानुसार तीव्रता से निष्पादन करने का निदेश दिया गया।

6. बिहार मद्य-निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत वर्ष 2023 में 24,879.13 लीटर देशी शराब तथा 29,240.50 लीटर विदेशी शराब का विनष्टीकरण किया गया है।

7. अनुमंडल कार्यालय अंतर्गत आरटीपीएस काउण्टर द्वारा 01.01.2023 से 21.07.2023 तक कुल 15,405 आवेदन प्राप्त हुआ। इसमें जाति, आय, निवास, ईडब्ल्यूएस, अन्य पिछड़ा वर्ग नॉन-क्रीमिलेयर शामिल है। प्राप्त आवेदनों में से 15,131 आवेदन समय-सीमा के भीतर स्वीकृत किया गया। 214 आवेदन निष्पादन हेतु समय-सीमा के अंदर लंबित है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा लंबित आवेदनों को भी समय-सीमा के अंदर निष्पादित करने का निदेश दिया गया।

8. अनुमण्डल कार्यालय द्वारा अप्रैल, 2022 से अद्यतन आरटीपीएस के माध्यम से नए राशन कार्ड हेतु प्राप्त 12,802 आवेदनों में 8,870 राशन कार्ड निर्गत कर दिया गया है। लंबित आवेदनों की संख्या 470 है। शेष आवेदनों को प्रावधानों के आलोक में अस्वीकृत किया गया है। डीएम ने अनुमण्डल अनुश्रवण समिति की बैठक नियमित तौर पर आयोजित करने का निदेश दिया।

9. अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि अनुमंडल में जन वितरण प्रणाली के कुल 789 दुकान है। इन दुकानों की नियमित तौर पर जाँच एवं छापामारी कर कार्रवाई की जाती है। जून महीना में 221 दुकानों की जाँच की गई जिसमे 14 के विरूद्ध अनियमितता पाई गयी। एक दुकान को रद्द किया गया तथा एक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। शेष के विरूद्ध कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। एक अप्रैल, 2022 से जुलाई, 2023 की अवधि में जाँच के दौरान खाद्यान्न की कालाबाजारी/गबन के आरोप में 22 जन वितरण प्रणाली बिक्रेताओं के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीएम डॉ. सिंह ने नियमित तौर पर छापामारी एवं कार्रवाई जारी रखने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिजली की लगातार उपलब्धता के कारण उपभोक्ताओं द्वारा किरासन तेल के उठाव में रूचि नहीं ली जाती है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को किरासन तेल की मांग के बारे में पिछले छः माह के ट्रेंड का विश्लेषण कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया ताकि इसके आवंटन को रेशनलाईज करने के बारेे में विभाग को प्रस्ताव भेजा जा सके।

जिलाधिकारी द्वारा सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं की नई अनुज्ञप्ति हेतु उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शीघ्र पूरा कर अनुज्ञप्ति निर्गत करने का निदेश दिया गया।

10. जिलाधिकारी द्वारा अनुमण्डल पदाधिकारी को कार्यालय अन्तर्गत सभी कर्मचारियों एवं कार्यालय परिचारियों का सेवापुस्त अद्यतन संधारित रखने का निदेश दिया गया। साथ ही सभी संविदा कर्मियों के सेवा अभिलेख को भी अद्यतन संधारित करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को अनुमंडल कार्यालय में स्वीकृत बल के विरूद्ध कर्मियों की पदस्थापना एवं प्रतिनियुक्ति की समीक्षा करने का निदेश दिया गया।

11. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सामान्यतः कार्यालय प्रबंधन की स्थिति अच्छी पाई गई। अनुमण्डल कार्यालय की बेहतर कार्य-संस्कृति पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्होंने आम लोगों के कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने का निदेश दिया।

12. जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में वादों के निष्पादन की स्थिति की समीक्षा की गई। भूमि विवाद निराकरण वाद में कुल 227 दायर वादों में 156 वादों को निष्पादित कर दिया गया है। दाखिल-खारिज अपील वाद में कुल 560 दायर वादों में से 411 वादों को निष्पादित किया गया है। नापी अपील वाद में 6 वाद लंबित हैं। रैयती वाद में प्राप्त 8 वादों में 6 वादों को निष्पादित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने लंबित वादों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय में बेहतर प्रबंधन पर संतोष व्यक्त किया गया।

विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह द्वारा नियमित तौर पर जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड-स्तरीय कार्यालयों का निरीक्षण तथा कार्यों का अनुश्रवण किया जाता है। उनके द्वारा कई कार्यालयों, प्रखंडों तथा पंचायतों का भी निरीक्षण किया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

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