
बिहार ने पिछले दो दशकों में अपने संसाधनों से राजस्व संग्रह में 15 गुना की बढ़ोतरी की है बिहार लगातार विकास दर को भी बरकरार रखने में कामयाब रहा है शुक्रवार को विधान मंडल में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में बिहार के विकास दर वर्तमान मूल्य पर 14.5% और 2011-12 के स्थित मूल्य 9.2% रही शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सब वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधान मंडल में आर्थिक सर्वेक्षण 2024- 25 पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2023 -24 में पिछले वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर 12.8 प्रतिशत बढ़कर 66,828 हो गई है 2022-23 में यह 59654 था। विकास दर में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है इससे आगे सिर्फ तेलंगाना है
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़कों की सेहत सुधारने पर दो दशक में 1.13 लाख करोड़ पर खर्च किए जाएंगे। वही नगर निकायों के विस्तार से शहरीकरण तेज होने की बात भी कही गई है इस रिपोर्ट में गांव के विकास पर अपने बजट का 10% खर्च किए जाने की बात भी की गई है इसके साथ ही पिछले 6 वर्षों में बच्चों पर ढाई गुना खर्च बढ़ने की बात भी की गई है गांव की तुलना में शहरों में बेरोजगारी अधिक है इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आया है इसके साथ ही राज्य में दोगुनी औद्योगिक इकाइयां लगी है और रोजगार के अवसर भी पड़े हैं लघु उद्योगों में छह गुना ज्यादा निवेश हुए हैं और रोजगार सृजन भी ढाई गुना ज्यादा हो गया है
इसके अलावा 5 वर्षों में दूध का उत्पादन भी 31% बढ़ने की बात इस रिपोर्ट में कई गई है इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार बिहार का कृषि पर क्षेत्र काफी तेजी से बढ़ रहा है कृषि वानिकी और मत्स्य की क्षेत्र का राज्यगत मूल्य वर्धन में 20.2% का योगदान रहा है सब्जी और फूलों के उत्पादन में भी भारी वृद्धि हुई है इस रिपोर्ट के अनुसार दावा किया गया है कि बिहार से अधिक बेरोजगारी केरल पंजाब तेलंगाना राजस्थान आंध्र प्रदेश में है