
वफ्फ बिल का विरोध करने वाले तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए भाजपा के वरीय नेता व बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने तंज कसा। डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव वफ्फ बिल का विरोध करते हैं और मुसलमानों के हित चिंतक बनने का सॉन्ग और ढोंग रचते हैं। लेकिन जब अधिकार देने की बात होती है तो सब अधिकार घर में रख लेते हैं। पिता पार्टी के 35 वर्षों से अध्यक्ष हैं जैसे खानदानी जागीर हो। मौका मिलता है तो पत्नी को मुख्यमंत्री बनाते हैं। बेटियों को सांसद बनाते हैं।मौका मिला तो तेजस्वी यादव खुद उपमुख्यमंत्री बनकर पांच-पांच विभागों के मंत्री बन जाते हैं दूसरे भाई भी पांच विभाग के मंत्री हो जाते हैं। फिर नेता प्रतिपक्ष बनने की बारी आती है तो खुद नेता प्रतिपक्ष बन जाते हैं। विधान परिषद में माताजी नेता प्रतिपक्ष हो जाती हैं, तब इन्हें मुस्लिम याद नहीं आते। वहीं दूसरी ओर जो स्वयं भ्रष्टाचारी और पूरी पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हो वो राज्य के खजाना की रक्षा की बात करते हैं। जो स्वयं कुशासन की नींव हो,अपराधी को संरक्षण देने वाले हो वह राज्य को सुशासन देने की बात करते हैं। लालू जी, तेजस्वी जी,राबड़ी जी आप ना तो यादवों के हैं और न ही मुसलमान के हैं।आप सिर्फ माई के हैं। माई का मतलब ही है मेरा यानी परिवार के है। किसी और के नहीं। वफ्फ संशोधन में कोई धार्मिक स्थल या संपत्ति को हस्तगत करने का कोई प्रावधान नहीं है। विधेयक पारदर्शी और मुस्लिम समाज के लिए लाभकारी है। खासकर गरीबों, पसमांदा, महिलाओं, विधवाओं और बच्चे इसके फायदे को प्राप्त कर सकते हैं।राज्य की जनता हो गई है सावधान। कांठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ने वाली है।