आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया गया था जिसके तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 जलाशयों (अमृत सरोवरों) का विकास एवं जीर्णोंद्धार सुनिश्चित करना था। यह योजना देश के 28 राज्यों एवं 5 केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की गयी थी। अमृत सरोवर का क्षेत्रफल न्यूनतम 01 एकड़ तय किया गया था। देश भर में कुल 50,000 जलाशयों का निर्माण करने की योजना बनाई गयी थी।+
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए अमृत सरोवर न केवल वर्षा जल संचयन तथा फसलों की सिंचाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अपितु इनके माध्यम से राज्य में मछली पालन को भी बढ़ावा मिल रहा है। अमृत सरोवर में मछली पालन के लिए सरकार द्वारा जीविका दीदियों को 5,000 रूपये सालाना दिया इससे जीविका दीदियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त हुआ साथ ही महिलाओं की आर्थिक गतिवधियों में भागीदारी को भी बल मिला है ।
राज्य की ग्राम पंचायतों में 15वीं वित्त आयोग अंतर्गत टाईड फंड की 30 प्रतिशत राशि से पंचायत जन-प्रतिनिधियों एवं त्रि-स्तरीय पंचायती राज संसथान के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के देख- रेख में अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया। नये अमृत सरोवर का क्षेत्रफल 2 एकड़ 30 डिसमिल तय किया गया है। इसके निर्माण से वर्षा जल संचयन सुनिश्चित हो रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार हुआ है।
अमृत सरोवरों के चारों और वातावरण स्वच्छ एवं हरा-भरा रहे इस हेतु इनके चारों मियाकायी पद्धति (जर्मन पद्धति) से पौधारोपण सुनिश्चित किया जा रहा है। बरगद तथा पीपल जैसे पेड़ लगने से लोगों को गरमी से राहत मिल रही है तथा शाम में सरोवरों के किनारे लोग समय व्यतीत कर रहे हैं।
अब तक राज्य में कुल 2,613 अमृत सरोवरों का विकास किया गया है। जिनकी जानकारी भारत सरकार के https://amritsarovar.gov.in/ पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
राज्य की ग्राम पंचायतों में निर्मित अमृत सरोवर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण, जल संचयन, फसलों सिंचाई, स्थानीय पर्यटन,मखाना उत्पादन एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनके माध्यम से भू-जल स्तर के प्रबंधन में मदद प्राप्त हो रही है तथा विभिन्न कार्यों हेतु सतही जल के प्रयोग को भी बढ़ावा मिल रहा है।