
जनता दल (यूनाइटेड) की प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने पार्टी की ओर से राजद सुप्रीमो की पुत्री तथा पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र की सांसद डाॅ0 मीसा भारती को उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी और कहा कि बिहार की जनता की ओर से चुनी गईं एक सांसद के रूप में, उनकी संसदीय ‘उपस्थिति’ और ‘सक्रियता’ ने उन्हें निश्चित रूप से चर्चा का विषय बना रखा है।
श्रीमती अंजुम आरा ने कहा कि:-
1) संसद में डाॅ0 मीसा भारती की आवाज मात्र चार बार ही गूंजी, तीन बार शपथ ग्रहण में वर्ष-2016 एवं 2022 में और एक बार श्री बी.के. हरिप्रसाद के उप-सभापति चुनाव में मात्र करीब दो सेकंड के लिए जो श्री हरिवंश जी से हार गये थे।
2) राष्ट्रीय एवं बिहार औसत की तुलना में डाॅ0 मीसा भारती की संसद में उपस्थिति बेहद कम रही है। जो मात्र 50ः ही रही है जबकि राष्ट्रीय औसत 80ः एवं बिहार 82ः रहा है। उन्होंने बिहार एवं पाटलिपुत्र क्षेत्र की जनता के विश्वास को तोड़ा है।
3) अपने संसदीय जीवन में उन्होंने मात्र सात बहसों में ही हिस्सा लिया जबकि राष्ट्रीय औसत 140.2, बिहार 127.3 है एवं मात्र 54 सवालों किये जबकि राष्ट्रीय औसत 368.27, बिहार 202.41है। इससे उनकी ‘सक्रियता’ बिहार की जनता के प्रति जवाबदेही की कमी को उजागर करती है।
4) डाॅ0 मीसा भारती जी के द्वारा संसद में एक भी निजी विधेयक न लाना उनकी विधायी रुचि की शून्यता को स्पष्ट करता है। जबकि राष्ट्रीय औसत 1.8, बिहार 1 है। अब जबकि बिहार विकास और प्रगति की राह पर अग्रसर है, तब जनता को ऐसे नेतृत्व की अपेक्षा है जो संसद में उनकी मजबूत आवाज बने, न कि मौन का प्रतीक हो।
डाॅ0 मीसा भारती का संसदीय जीवन बतौर एक संघर्षरत राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में न होकर वंशवाद और परिवारवाद पर आधारित है, इसीलिये वे अपने संसदीय क्षेत्र की जनता के मुद्दों के प्रति संवेदनशील नहीं दिखती हैं। एक कहावत है:- जे के ना फाटी पैर बबाई, उ का जाने पीर पराई!!
हमारी शुभकामना एवं आशा है कि मीसा जी अपने संसदीय क्षेत्र में अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीरता दिखाएं तथा जनता की मुद्दों के प्रति संवेदनशील एवं उनकी आवाज बने, जिसका उन्होंने पाटलिपुत्र की जनता से वादा किया था।