गोपालगंज में बदमाशों ने रंगदारी नहीं देने पर किराना दुकान पर दिन-दहाड़े बरसायी गोलियां

न्यूज़ डेस्क:-  गोपालगंज में बदमाशों ने रंगदारी नहीं देने पर किराना दुकान पर दिन-दहाड़े गोलियां बरसा कर सनसनी फैला दी. फायरिंग में किराना व्यवसायी की जान बाल-बाल बची| घटना फुलवरिया थाना क्षेत्र के बथुआ बाजार की है फायरिंग के बाद बथुआ बाजार में अफरातफरी मच गयी, वहीं घटना से गुस्साये व्यवसायियों ने अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस के खिलाफ बथुआ-समउर स्टेट हाइवे को जामकर दिया है

जानकारी के मुताबिक आज सुबह बथुआ बाजार में मनोज साह की किराना दुकान पर बाइक सवार दो हथियारबंद अपराधी पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी है. फायरिंग में किराना व्यवसायी ने भागकर अपनी जान बचायी कुछ ही देर बाद दुबारा दूसरी बाइक से दो और नकाबपोश अपराधी पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी, एक घंटे के अंतराल में लगातार दो बार फायरिंग किये जाने से पूरे बाजार में दहशत फैल गयी|

काजीपुर गांव के रहनेवाले पीड़ित किराना व्यवसायी के मनोज साह के अनुसार फोन पर अपराधियों ने 20 दिन पूर्व 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसको लेकर फुलवरिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, व्यवसायियों की मांग पर किराना व्यवसायी की जान खतरे में देख एसपी आनंद कुमार के आदेश पर दो सुरक्षाकर्मी मुहैया करा दिया गया, लेकिन फायरिंग की हुई वारदात के वक्त दोनों सुरक्षाकर्मी नहीं थे उधर, पुलिस ने भी अबतक किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया| जिससे पुलिस से बेखौफ अपराधियों ने दुबारा बथुआ बाजार के किराना व्यवसायी की प्रतिष्ठान पर हमला बोल दिया|

फिलहाल बथुआ बाजार के नाराज व्यवसायियों ने पुलिस के खिलाफ बाजार को बंद कर दिया है. मीरगंज-समउर स्टेट हाइवे पर सुबह से ही परिचालन ठप है| डीएम और एसपी को बुलाने की मांग कर रहे हैं,वहीं स्थिति को देखते हुए फुलवरिया के अलावा उचकागांव, मीरगंज और श्रीपुर ओपी की पुलिस को तैनात किया गया है, इसके अलावा मजिस्ट्रेट के रूप में उचकागांव और फुलवरिया बीडीओ की तैनाती की गयी है|

नालंदा मे मतदाता को डिप्टी कमिश्नर ने अपनी रिवाल्वर से मारी गोली

न्यूज़ डेस्क –  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नौवें चरण में सोमवार को हिलसा प्रखंड में हुए मतदान के दौरान वित्त विभाग के एक डिप्टी कमिश्नर ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से एक व्यक्ति को उस समय गोली मार दिया जब वह अपने घर से मतदान करने के लिए बूथ पर जा रहा था। मतदान केंद्र से करीब 50 मीटर की दूरी पर घटी इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के बाद पुलिस के पहुंचने के पूर्व डिप्टी कमिश्नर फरार हो चुके थे। घायल व्यक्ति को चिंताजनक स्थिति में चिकित्सकों ने पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया।

बताया जाता है कि हिलसा प्रखंड के जूनियार पंचायत अंतर्गत गुलनी गांव निवासी राजीव रंजन वर्तमान में पटना के सचिवालय में वित्त विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने अपनी पत्नी रेखा रंजन को इसी पंचायत से पंचायत समिति पद के लिए प्रत्याशी बनाया था। चुनाव प्रचार के सिलसिले में पिछले कई दिनों से वे अपने गांव में आए हुए थे। सोमवार की सुबह करीब 8:15 बजे गुलनी गांव सुरेंद्र यादव का पुत्र निवासी मनीष कुमार अपने घर से 50 मीटर दूर स्थित मतदान केंद्र पर मतदान करने जा रहे थे। रास्ते में डिप्टी कमिश्नर राजीव रंजन से किसी बात को लेकर उनका विवाद हो गया। इसी बीच राजीव रंजन अपनी कमर से लाइसेंसी रिवाल्वर निकाल कर मनीष कुमार को गोली मार दिया। गोली उनकी जांघ में लगी। गोली की आवाज सुनते ही आसपास के लोग दौड़े।

 

ग्रामीणों के सहयोग से घायल मनीष को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने चिंताजनक स्थिति देखते हुए मनीष कुमार को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। इधर गोली मारने के बाद डिप्टी कमिश्नर अपने परिवार के साथ फरार हो गए हैं। पुलिस घटना के संबंध में विस्तृत छानबीन में जुट गई है।

समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। घटना के संबंध में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि चुनावी विवाद को लेकर राजीव रंजन द्वारा मनीष कुमार को गोली मारी गई है। सरकारी सेवा में रहते हुए अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर के साथ मतदान के दिन कैसे पहुंचे, इस संबंध में विस्तृत जांच की जा रही है।

उन्होंने बताया कि नियमानुसार चुनाव के पूर्व लाइसेंसी हथियारों को थाना में जमा करना होता है।

पटना पीएमसीएच अस्पताल में चिकित्सा के साथ सुरक्षा में भी बरती जाती है लापरवाही

न्यूज़ डेस्क:- सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में मरीजों की चिकित्सा के अलावा उनकी सुरक्षा का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। इसीलिए जब यहां बीमार कैदियों को चिकित्सा के लिए लाया जाता है तो वह मामूली लापरवाही का भी लाभ उठाकर भाग निकलते हैं

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डॉक्टरों और पुलिस के जवान के बीच कोई समन्वय में नहीं रहता है। इसलिए कैदियों को भाग जाने में आसानी होती है। बिहार के कई जिलों के मरीज बेहतर इलाज के लिए यहां आते है ,जहां सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था अध्यक्ष जगह से काफी बेहतर है। वहीं अस्पताल के कैदी वार्ड में अतिरिक्त पुलिस की चौकसी में की जाती है। दरअसल, इलाज के क्रम में कई बार सुरक्षा में तैनात पुलिस की लापरवाही के कारण कैदी फरार हो जाते हैं। ऐसा कई मामले देखने को मिला है। हालांकि कुछ एक मामलों में फरार कैदी को पुलिस ने पुनः गिरफ्तार भी कर लिया है।

 ताजा मामला pmch से फरार हुए कैदी राजकुमार राय का है। वह NDPS और ARMS एक्ट मामले में बीते डेढ़ महीने से जेल में सजा काट रहा था, फरार कैदी राजकुमार राय मुजफ्फरपुर का रहने वाला बताया जा रहा है उसे इलाज के लिए pmch लाया गया था हालांकि कड़ी सुरक्षा के बाबजूद कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है । फरार कैदी को पकड़ने के लिए छापेमारी भी चल रही है पर अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है।

बिहार के ग्रामीण इलाकों में शराब बनाने और बेचने का धंधा कुटीर उद्योग का रूप लेता जा रहा है जिसका मौखिक परमिट और लाइसेंस स्थानीय पुलिस द्वारा दी जाती है

न्यूज़ डेस्क -आप मानें या नहीं मानें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाख पटना में बैठकर पूरे बिहार के लिए शराबबंदी कानून बना लें ।
पटना में बैठकर वे भले ही एसी भवन में लंबा लंबा भाषण झाड़ लें। अपने कर्मचारियों ,अफसरों से लेकर पुलिस कर्मियों को शराब नहीं पीने की कसम दिलवा लें।शपथ दिलवा लें। लेकिन आलम है कि शपथ लेने के चंद मिनटों बाद ही हॉल से निकलने के कुछ ही देर के बाद उनके कर्मचारी और अफसर यहां तक कि पुलिसकर्मी शराब की बोतल खोजने लगते हैं और उसे मिलते ही चखना के साथ सुरक्षित ढाबे में बैठ जाते हैं ।सुरक्षित स्थानों पर दारू का आनंद लेने लगते हैं। मुख्यमंत्री की बातों का शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मजाक उड़ाया जाता है। उसका चुटकुला बनाकर लोग हंसते भी हैं।उनकी बातों को जिलों में ठेंगा दिखा देती है स्थानीय थाना पुलिस। स्थानीय थाना पुलिस थानाध्यक्ष से लेकर चौकीदार तक की चांदी है। सभी मिलजुल कर शराब बनाते और बेचते हैं ।


शराब के बड़े-बड़े कंटेनर, ट्रक पकड़े जाते हैं और लेन-देन के बाद वसूली के बाद मामला रफा-दफा कर दिया जाता है । अज्ञात आदमी के नाम पर दस पांच बोतल की बरामदगी दिखा दी जाती है और पूरा माल वापस शराब माफिया को सौंप दिया जाता है । इसी का एक नमूना पिपरा थाना क्षेत्र में देखने को मिला है ।


वहां के लोगों से बातचीत और वीडियो से साफ जाहिर हो रहा है कि किस प्रकार पुलिस की मिलीभगत और शराब कारोबारियों को है।

https://youtu.be/QACgoY1AvQY

सुपौल जिला में यह बात साफ लिखी जाती है । वहां पर पुलिसकर्मी यह मानते हैं कि बदन रहे खाकी वर्दी तो डर किस की बात का।
जी हां , ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू होने के बावजूद खुल्लम खुल्ला शराब बिक रही है।पुलिस के लिए तो चिट भी मेरा पट भी मेरा वाली हालत है ।जिले में लगातार अवैध शराब की बिक्री जारी है, जबकि बड़े-बड़े वाहनों में भरी शराब से पकड़े जाते हैं कुछ बुद्धिजीवीयों का का मानना है, कि गांव और देहातों में देसी शराब का बनाने का एजेंसी पुलिस दे दी है।


, बड़े पेमाने से गांव और देहातों में देसी शराब बनाया जाता है। क्षेत्रीय चौकीदार मुख्य दर्शक बने हुए हैं ।
मजे की बात यह है, कि जिस क्षेत्र में देशी शराब बन रही है, वहां आखिर चौकिदार क्या कर रहे हैं, इसकी सुचना थाने को क्यो नही देते हैं ।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, एक ऐसा ही नजारा जिले के पिपरा थाना क्षेत्र में देखने  को मिला है जहां थाना क्षेत्र अंतर्गत दुबियाही पंचायत के वार्ड नं0 14 एवं 17 में बड़े पैमाने पर देशी दारू बनवाई जाती है। वह भी पुलिस के संरक्षण में।
यहाँ दारू बनवाने वाले चौकीदार (नवनिर्वाचित मुखिया पति दुबियाही पंचायत )को शराब और मांस परोस कर उन्हीं के संरक्षण में दारू चुलाई जाती है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वारयल हो रहा है।


आलम यह है कि पिपरा थाना क्षेत्र बड़े- बड़े शराब तस्कर के लिये सेफ जोन बना हुआ है । यहाँ बड़े पैमाने पर शराब बेची जाती है । नीचे से ऊपर तक सभी पदाधिकारी को इनकी जानकारी रहती है । लेकिन कभी कभार शराब पकड़कर इनकी खाना पूर्ति की जाती है ।
हद तो इस बात की है थानाध्यक्ष से लेकर वरीय पदाधिकारी तक अपनी छवि बचाने के लिये मीडिया के सामने सही जानकारी या बयान देना मुनासिब नहीं समझते हैं । आखिर क्यों ।

हाल ही में एक कंटेनर में महेशपुर कदम चौक पर अंग्रेजी शराब पकड़ाया लेकिन पुलिस बताने से परहेज कर रही है ।वहीं आज एक पिकअप वैन में बताया जाता है कि 50 से अधिक कार्टून में अंग्रेजी शराब ठाढ़ी पंचायत के बच्चा देवी के यहाँ से मिली। जिसमें ड्राइवर सहित एक अन्य को हिरासत में लिया गया है ।बताया जाता है पकड़े गये अन्य लोगों को छोड़ने की कवायद चल रही है । थानाध्यक्ष पिपरा नागेंद्र कुमार इस सम्बंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। पुलिस के ही सूत्रों का कहना है कि आज देर शाम तक उसे जरूर छोड़ दिया जाएगा और मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा। ऐसी ही कई घटनाएं रोजाना यहां होती हैं।

चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म,आरोपी को सुनाया गया सजा

न्यूज़ डेस्क:- बिहारशरीफ, किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र ने चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी किशोर को 24 घंटे से भी कम समय में गवाही और बहस पूरी कर सजा सुना दी। 26 नवम्बर को उन्होंने किशोर और गवाहों का बयान दर्ज कर सारी न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर दी। 27 नवम्बर को उन्होंने सजा सुना दी। आरोपी किशोर को धारा 377 के तहत तीन वर्ष और पाक्सो के तहत तीन वर्ष की सजा सुनायी गयी है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। किशोर द्वारा न्यायिक हिरासत में बितायी गयी अवधि सुनायी गयी सजा में समायोजित कर दी जायेगी। जेजेबी जज ने माना है कि जिस तरह से किशोर ने योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया और मौके पर से फरार हो गया वह उसे मानसिक और शरीरिक रूप से अपराध करने में सक्षम साबित करता है। बचाव पक्ष के वकील ने किशोर की उम्र व पहला अपराध होने का दावा कर कम से कम सजा की अपील की थी। जिसे जेजेबी ने नहीं माना व अधिकतम सजा सुनायी। विशेष गृह में किशोर के आवासन के दौरान वहां के अधीक्षक को किशोर की नियमित काउंसलिंग और पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही किशोर के आचरण व व्यवहार में हो रहे परिवर्तन से प्रत्येक छह माह पर जेजेबी को अवगत कराने को भी कहा गया है। ताकि किशोर की राहत, पुनर्वासन, संरक्षण और पाश्चातवर्ती देखभाल योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन हो सके। साथ ही पीड़िता को मुआवजा के लिए पॉक्सो स्पेशल जज को भी निर्णय की प्रति भेजी गयी है। आरोपी किशोर रिश्ते में पीड़िता का चाचा लगता है। घटना के समय किशोर की आयु करीब 14 वर्ष थी। उसने 8 अक्टूबर 2021 को इस घटना को अंजाम दिया था। पीड़िता की मां ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी जयप्रकाश ने कुल पांच गवाहों का साक्ष्य परीक्षण किया।

क्या है मामला नालंदा थाना क्षेत्र के एक गांव की है। आरोपी किशोर बच्ची को इमली व टॉफी देने का लालच देकर अपने घर की छत पर बने कमरे में ले गया था और उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया था। जिससे बच्ची लहुलूहान हो गयी थी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां आरोपी के घर गये। जहां उसने बच्ची को कमरे में बंद कर रखा था। दरवाजा खोलकर वह कमरे में गयी तो देखा कि बच्ची काफी डरी हुई थी और रक्त बह रहा था। मां को देखकर आरोपी भाग गया। बच्ची ने इशारा में अपने साथ हुए कुकर्म के बारे में बताया। बच्ची ने जेजेबी में भी जज को एफआईआर में दर्ज सारी बातों को बताया। एफएसएल रिपोर्ट में किया सजा के आधार को पुख्ता गवाहों के अलावा इस मामले में एफएसएल रिपोर्ट ने भी आरोपी किशोर को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। पुलिस द्वारा घटनास्थल से बरामद खून लगा हुआ, पीड़िता के खून लगे कपड़े व आरोपी का खून व सीमेन लगा कपड़ा की एफएसएल जांच में पुष्टि हुई कि यह मानवीय खून है और आरोपी व बच्ची के ही है।

मनोविकृत्ति से ग्रस्त है किशोर बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी और पर्यवेक्षण गृह के काउंसलर की रिपोर्ट के अनुसार किशोर यौन कामंधता जैसी मनोवृत्ति से ग्रस्त है। मुख्यधारा में आने के लिए इसकी समय-समय पर काउंसलिंग जरूरी है। अभी इसे छोड़ना न तो समाज और न ही उस किशोर के सर्वोत्तम हित में होगा।
एक नजर में घटनाक्रम
–         घटना व प्राथमिकी की तिथि- 8 अक्टूबर 21
–         जेजेबी में किशोर की पेशी- 9 अक्टूबर 21
–         आरोपी को किशोर घोषित करने की तिथि- 3 नवम्बर 21
–         आरोपी किशोर पर आरोप कर गठन- 25 नवम्बर 21
–         किशोर का बयान व साक्ष्य परीक्षण- 26 नवम्बर 21
–         सजा का निर्धारण- 27 नवम्बर 21
जज की टिप्पणी- जिस देश में नारी की पूजा वहां ऐसा अपराध चिंताजनक
जज मानवेन्द्र मिश्र ने अपने फैसले में इस तरह के जघन्य कृत पर चिंता जाहिर की है। फैसले में कहा है कि जिस देश के मूल संस्कृति में जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवता निवास करते हैं का भाव हो और कुमारी कन्या को देवी मानकर अनादि काल से पूजा की परंपरा चली आ रही हो, नारी का अपमान का बदला लेने के लिए भगवान राम द्वारा दूसरे देश में जाकर रावण को समूल नष्ट करने, नारी के अपमान का बदला लेने के लिए बंधु बांधवों से महाभारत का प्राचीन इतिहास मौजूद हो उस देश में ऐसी पशु प्रवृत्ति वह भी किशोर द्वारा समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसी प्रवृत्ति को रोकने और किशोरों में अच्छे संस्कार व महिलाओं के प्रति सम्मान विकसित करने के लिए समाज में जागरूकता लानी होगी। इसके पूर्व सुनवाई में ही जेजेबी जज मानवेन्द्र मिश्र ने इसके पूर्व महज नौ कार्यदिवस में ही छह साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी किशोर को सजा सुनायी थी। यह सजा भी इसी वर्ष 28 जनवरी को सुनायी गयी थी। पड़ोसी ने ही बहला-फुसलाकर बच्ची को घर ले जाकर दुष्कर्म किया था। देश का यह दूसरा और सूबे का पहला मामला था जिसमें किसी जज ने महज नौ दिन में ही सजा सुनायी थी।
इसके पूर्व 25 दिन चले मुकदमे की कार्यवाही में श्री मिश्र ने ही सजा सुनायी थी।

डेहरी के सीमेंट व्यवसायी हत्याकांड को रोहतास पुलिस ने सुलझाया

न्यूज़ डेस्क:- रोहतास जिले के डेहरी मुफस्सिल क्षेत्र में गत 25 नवंबर को हुए सीमेंट व्यवसायी हत्याकांड को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस का दावा है कि अवैध संबंध और पैसों में के लेनदेन के कारण हत्या हुई है। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गरिफ्तार कर लिया है। एसपी आशीष भारती ने यह जानकारी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी ।

बाइक पर सवार अपराधियो ने सासाराम के सपुलागंज निवासी विवाहिता निशि कुमारी उर्फ गुड़िया को गोली मारकर हत्या कर दिया गया था । उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया। इस घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष टीम का गठन किया गया। विशेष टीम द्वारा इस घटना में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी किया जा रहा था। अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद भागे फिर रहे थे। उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि उक्त कांड में शामिल अभियुक्त अपने घर में छिपा हुआ है। पुलिस ने छापेमारी की और इस घटना में शामिल राजेश कुमार उर्फ लड्डू लाखनुसराय, महेंद्र कुमार, धीरज कुमार ,धनजी कुमार सभी सपोलागंज निवासी  सासाराम नगर थाना को गिरफ्तार किया ।उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से दो देशी कट्टा एक जिंदा कारतूस और तीन मोबाइल जप्त किया है।उन्होंने कहा कि अवैध संबंध और पैसों के लेनदेन के कारण हत्या हुई है। ज्ञात हो कि सासाराम के सफुल्लागंज निवासी सुनील कुमार की पत्नी निशी कुमारी कि  26 नवंबर को दिन-दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

सुशासन के दौर में राजधानी में हत्याओं, अपराध कर्मियों की गतिविधियां तेज

न्यूज़ डेस्क:-  पटनासिटी। राजधानी में शराबबंदी कानून को लागू करने में जुटी हुई पुलिस के कारण पूरी विधि व्यवस्था समाप्त होती जा रही है अपराधियों के मनोबल भी बढ़ गए हैं। अब उन्होंने पुलिस की इस निष्क्रियता का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। राजधानी तथा प्रमुख जिलों में जमकर लूटपाट और आम लोगों की हत्याएं होने लगी हैं। इससे हम लोगों में भय का माहौल भी छा गया है।

अगमकुआं थाना क्षेत्र के बड़ी पहाड़ी के पास रविवार की सुबह गोलीबारी हुई।  अपराधियों ने टेम्पू ड्राइवर को मारी गोली। घायलावस्था में टेम्पू ड्राइवर को इलाज़ के लिए भेजा गया अस्पताल। ड्राइवर के कंधे में मारी गयी है गोली।मामले की जांच में जुटी है पुलिस।

पटना सिटी में आज दो हत्या के बाद यह तीसरी गोलीबारी का है मामला। इसके पूर्व एसके पुरी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिला की भी सरेआम हत्या कर दी गई थी।

 बिहार में शराबबंदी की खुली पोल,  पिता ने बच्चों के किताब की जगह खरीद ली शराब ,बच्चे ने कर दी शिकायत  

न्यूज़ डेस्क:-मुख्यमंत्री द्वारा आम लोगों से शराब नहीं पीने की शपथ लेने के महज चंद घंटों बाद ही उनके शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ गई। यह साबित हो गया कि बिहार के गांव-गांव तक अवैध शराब की पहुंच है और लोग उसे आसानी से खरीद कर पी रहे हैं । शराब की उपलब्धता इतनी आसान है कि गरीब लोग अपने बच्चे के किताब भी नहीं खरीद रहे हैं बल्कि उसके बदले शराब खरीदकर पी रहे हैं।

खबर रोहतास जिला के तिलौथू से आई है। यहां तिलौथू प्रखंड में एक फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें एक स्कूल में एक बच्चा रो रो कर बता रहा है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं। इस कारण उसे पढ़ने के लिए किताब नहीं खरीद पा रहे हैं।

वायरल खबर  में ये बताया गया है कि शिक्षक बच्चे से पूछ रहे हैं कि पिछले 5 दिनों से कहे जाने के उपरांत भी तुमने किताब क्यों नहीं खरीदा? तो बच्चा कहता है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं और उसका किताब नहीं खरीद रहे हैं। बड़ी बात है कि वायरल खबर  के अनुसार  बच्चे का पिता भी उस समय विद्यालय में मौजूद था , जिसके सामने बच्चा यह कबूल कर रहा था कि उसके पिता किताब खरीदने की जगह शराब में पैसा खर्च कर रहे हैं।

https://youtu.be/POSwP840Nhk

 

यह वायरल खबर  उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पतलूका का बताया जाता है। चूंकि इस वायरल खबर  कि हम पुष्टि नहीं करते। लेकिन जिस तरह से बिहार में शराबबंदी है और एक बच्चा रो-रो कर बता रहा है कि उसके अभिभावक किताब की जगह शराब खरीद कर पी रहे हैं। जिस कारण उसे विद्यालय में शिक्षक की डांट खानी पड़ती है। सारे बच्चे किताब से पढ़ाई करते हैं, जबकि उसकी पढ़ाई किताब के बिना बाधित है। वायरल खबर  में बच्चे की एक बहन भी दिख रही है। जिसने भी स्वीकार किया की सारा पैसा उसके पिताजी शराब में खर्च कर रहे हैं।

बच्चे का पिता का नाम मेवालाल बताया जाता है। वायरल खबर में पिता मेवालाल बाद में किताब खरीदने की बात स्वीकार की  है। सबसे बड़ी बात पुलिस की निष्क्रियता है, जिसमें उसने फोटो वायरल होने के बाद भी अब तक दोषी अभिभावक को गिरफ्तार नहीं किया  है।
शराब कहां से आती है, कहां से वह शराब खरीदता है, किस प्रकार शराब पीता है इस बात की तहकीकात भी शुरू नहीं हो सकी है। यह पुलिस की कार्यशैली का प्रत्यक्ष नमूना है।

खनन मंत्री के आप्त सचिव के ठिकानों पर छापेमारी में पौने दो करोड़ की संपत्ति का पता चला

न्यूज़ डेस्क –  बिहार के खनन मंत्री जनक राम के सरकारी आप्त सचिव मृत्युंजय कुमार के ठिकानों पर छापे मारी में एक करोड़ 73 लाख से अधिक संपत्ति का पता चला।
आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। शुक्रवार सुबह ही मंत्री के सरकारी आप्त सचिव, भाई और महिला मित्र रत्ना चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की.
पटना में जब आरोपी अधिकारी मृत्युंजय कुमार के आवास की तलाशी लेने एसवीयू की टीम पहुंची तो महिला अभियुक्त रत्ना चटर्जी भी उनके आवास में ही मिली.

विशेष निगरानी इकाई की ओर से जो जानकारी दी गई है उसमें अधिकारी मृत्युंजय कुमार की पत्नी आरती का 2013 में ही मृत्यु हो गई है. आज की तलाशी में अभियुक्त रत्ना चटर्जी उनके पटना निवास में रहते पाई गई।
जांच में रत्ना चटर्जी के कटिहार आवास 30 लाख रुपए नगद मिले. इन अभियुक्तों के खाते से मोटी रकम आदान प्रदान की गई है. मनी लॉन्ड्रिंग भी किया गया है।

एसवीयू ने बताया है कि रत्ना चटर्जी सीडीपीओ थी, लेकिन 2011 में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुई उसके बाद सरकार ने बर्खास्त कर दिया था. अधिकारी मृत्युंजय कुमार ही महिला मित्र का घर बनवा रहे जिनका सारा खर्च वे खुद उठा रहे हैं. रत्ना चटर्जी के नाम एक फ्लैट पावर हाउस रोड सिलीगुड़ी में है. जिसको खरीदने में भी मृत्युंजय कुमार ने अवैध कमाई से मोटी राशि भुगतान किया है . सिलीगुड़ी में फ्लैट की कीमत 35 लाख है। कटिहार से एक प्लॉट तीन लाख का है। 30 सोने का बिस्कुट तथा पॉर्न सीडी एवं अश्लील साहित्य बड़ी मात्रा में बरामद हुआ है.
रत्ना चटर्जी के कटिहार आवास से तलाशी में ₹45 लाख के जेवरात बरामद हुए हैं. तीन एलआईसी की पॉलिसी मिली है जिसका प्रत्येक का मासिक प्रीमियम ₹40 हजार है. कई बैंक पासबुक भी बरामद किए गए हैं. विशेष निगरानी इकाई ने बताया है कि मृत्युंजय कुमार वर्तमान में खनन मंत्री जनक राम के सरकारी आप्त सचिव हैं. पूर्व में वे कटिहार जिला के कई प्रखंडों में बीडीओ रह चुके हैं। खबर लिखने तक छापेमारी और छानबीन चल रही थी।

खनन मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के महिला मित्र रत्ना चटर्जी के आवास पर निगरानी विभाग इकाई का पड़ा छापा

न्यूज़ डेस्क:- बिहार विशेष निगरानी विभाग की टीम कटिहार के अफसर कॉलोनी स्थित बिहार सरकार के खनन विभाग के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के रिश्तेदार धनंजय कुमार और महिला मित्र रत्ना चटर्जी के आवास पर आय से अधिक सम्पत्ति मामले में छापेमारी कर रही है। छापेमारी सुबह से ही शुरू हो गई थी।


खान एवं भूतत्व विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के कटिहार स्थित ऑफिसर कॉलोनी में निगरानी विशेष शाखा इकाई की टीम ने छापेमारी की।
खनन विभाग के मंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना, कटिहार एवं अररिया में एक साथ छापेमारी की जा रही है।


विशेष निगरानी शाखा के एएसपी सुधीर कुमार के नेतृत्व में ये छापेमारी जारी है बड़े मात्रा में नगदी और सोने के आभूषण सोने की बिस्किट एवम कई कागजात की भी बरामदगी की खबर आ रही है ।


साथ ही साथ रत्ना चटर्जी जो ओएसडी धनंजय कुमार की महिला मित्र है , उनके आवास पर ही अहले सुबह से छापेमारी में सोने की बिस्किट , 30 लाख नगद सहित कई प्रॉपटी के कागजात बरामदगी की पुष्टि विजिलेंस डीएसपी ने की है।