भागलपुर में समाज सुधार अभियान में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज हवाई अड्डा मैदान, भागलपुर में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज उन्मूलन एवं बाल विवाह मुक्ति हेतु आयोजित समा सुधार अभियान में शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजित जनसभा में आयुक्त, भागलपुर प्रमंडल श्री प्रेम सिंह मीणा ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर उनका अभिनंदन किया। जिलाधिकारी भागलपुर श्री सुब्रत कुमार सेन ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री के आगमन पर जीविका दीदियों ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। जीविका दीदी श्रीमती चांदनी कुमारी ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित गीत प्रस्तुत किया। ‘किलकारी बिहार बाल भवन के बच्चों ने दहेज प्रथा, बाल विवाह एवं शराब सेवन के दुष्परिणामों पर आधारित ‘दर्पण’ प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों पर जीविका, ‘किलकारी’ बिहार बाल भवन भागलपुर, औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना भागलपुर, कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत 2249 लाभार्थियों को 4.31 करोड़ रुपये के डमी चेक प्रदान किये। बैंको से जुड़ाव हेतु 5631 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न बैंकों द्वारा कैश क्रेडिट लिमिट के तहत 131 करोड़ रुपये की राशि का डमी चेक प्रदान किया गया। जल-जीवन- हरियाली योजना अंतर्गत नवसृजित 20 जलाशयों के रखरखाव एवं प्रबंधन हेतु जीविका समूहों को प्रमाण पत्र दिया गया। जीविका ग्रामीण बाजार के संचालन हेतु 39 लाख 56 हजार रुपये के डमी चेक जीविका समूहों को प्रदान किये गये। दीदी की रसोई केसंचालन के लिए डमी चाबी जीविका दीदियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। • कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन एवं नशामुक्त समाज बनाने के लिए जीविका दीदियों ने अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। श्रीमती एकता कुमारी शर्मा, श्रीमती समुद्री देवी, श्रीमती शमां परवीन, श्रीमती कुसुम पासवान एवं श्रीमती ललिता देवी ने अपने-अपने अनुभवों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा किये गए विकास कार्यों एवं चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की काफी सराहना की।

श्रीमती एकता कुमारी शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुये कहा कि बाल विवाह उन्मूलन को लेकर वे सक्रिय हैं। स्वयं सहायता समूह की बैठक में एक जीविका दीदी आयी और बेटी की शादी के लिये ऋण की मॉग की। पूछने पर उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की उम्र 16 साल है। समूह की दीदियों ने कम उम्र में बेटी की शादी करने से मना किया और उन्हें समझाने लगीं कि बाल विवाह के कई दुष्परिणाम होते हैं लेकिन वह नहीं मानी। ग्राम संगठन की दीदियों ने मिलकर उनके घर पहुंची और परिवार के लोगों को समझाया कि कम उम्र में बेटियों की शादी करने से अनेक प्रकार के शारीरिक कष्ट उत्पन्न हो जाते हैं और बच्चे भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर होते हैं। काफी समझाने के बाद परिवार के लोग मान गये और चार साल बाद 20 वर्ष की उम्र में बच्ची की शादी हुयी।

सतत् जीविकोपार्जन की लाभार्थी श्रीमती समुद्री देवी ने बताया कि पहले उनका परिवार शराब के कारोबार से जुड़ा था लेकिन शराबबंदी के बाद आर्थिक तंगी से जूझने लगी। जीविका की एक दीदी ने उन्हें सतत् जीविकोपार्जन योजना के बारे में बताया और उन्हें समूह से जोड़ा। योजना के तहत आर्थिक मदद मिलने से उन्होंने किराना दुकान खोला। इसके अलावा उन्हें प्रतिमाह एक हजार रूपये सात माह तक उपलब्ध कराया गया। अब वे किराना दुकान के साथ-साथ गाय, बकरी और मुर्गीपालन भी कर रहीं हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अ काफी बेहतर हुयी है। शराबबंदी को लेकर श्रीमती शमां परवीन ने बताया कि शराबबंदी लागू होने के बाद भी कुछ लोग गैर कानूनी तरीके से शराब की भट्ठी लगाये थे। उसे ग्राम संगठन की महिलाओं के माध्यम से एवं पुलिस के सहयोग से ध्वस्त किया गया।

सतत् जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी श्रीमती कुसुम पासवान ने अपना अनुभव साझा करते हुये कहा कि उनके पति ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े थे। पेड़ से गिरने के कारण उनकी कमर की हड्डी टूट गयी, जिसके कारण परिवार की आमदनी बंद हो गयी। बच्चों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। फिर वे जीविका समूह से जुड़कर किराना दुकान खोलीं। उसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया।

श्रीमती ललिता देवी ने बताया कि वर्ष 2014 में वे जीविका समूह से जुड़ीं। 2015 में ग्राम संगठन बना। उन्होंने बताया कि समूह की बैठक में जीविका दीदी श्रीमती बबीता देवी ने 45 वर्ष के अधेड़ उम्र के व्यक्ति से अपनी कम उम्र की बेटी की शादी करने की बात कही। शादी रोकने को लेकर हम सभी जीविका दीदियों ने काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी। शादी रोकने के लिये हमलोगों ने सरपंच से सहयोग मॉगी। उसके बाद दीदी को समझाया गया तो वह मान गयी लेकिन उसका पति नहीं माना। जब पुलिस को फोन किया गया। पुलिस उनके घर पहुॅचकर डांट-फटकार लगायी और समझाया, तब परिवार के लोग कम उम्र में शादी नहीं करने पर राजी हुये। इससे श्रीमती बबीता देवी की बेटी काफी खुश है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम आने के लिए आप सबको धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं। आज 5 जीविका दीदियों ने अपनी बातों को उल्लेख किया है, यह सुनकर अच्छा लगा है। 9 जुलाई 2015 को पटना में जीविका के एक कार्यक्रम महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरु कर दिया था उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और मैंने कहा कि अगर आपलोगों ने फिर से सेवा का • मौका दिया तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे। उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था। बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने 20 नवंबर को शपथ ली। शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों नगर निगम और नगर परिषद में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था। हमने सोचा कि गांव में इतना अभियान चलाया गया है और शहर में नहीं चलाया गया है तो बाद में इसको हम देखेंगे लेकिन शहरों में महिलाएं, युवक-युवतियों, कई जगहों पर पुरुषों ने भी शराब की आवंटित नों खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद 4 अप्रैल को हमने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। हमने सभी प्रमण्डलों में जाकर लोगों से बातचीत करने का निर्णय लिया। वर्ष 2016 में सबसे पहले हम यहीं आये थे। हम शराबबंदी को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं का अनुभव जानते थे। उस समय हम 9 जगहों पर गये महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर काफी प्रसन्नता व्यक्त की थी। एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे दारू पीकर आते थे, मारपीट करते थे, हंगामा करते थे। परिवार में सभी को बुरा लगता था, देखने में खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से सब्जी लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं और घर के काम में भी सहयोग करते हैं। वे अब देखने में अच्छे लगते हैं। दारु पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं। जो खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं। बिहार के विकास के लिए काफी काम किया गया है लेकिन फिर भी कुछ लोग इसकी चर्चा नहीं कर फिजूल की बातें करते रहते हैं। केरल राज्य में एक समुदाय शराबबंदी के पक्ष में था, जिन्होंने हमें वहां बुलाया था। शराबबंदी के बाद तरह-तरह के सवाल उठने लगे। कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे कि शराबबंदी के बाद पर्यटक अब बिहार नहीं आयेंगे। हमने कहा कि पर्यटक यहां दारु पीने नहीं बल्कि बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने और समझने आते हैं। शराबबंदी के बाद 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। वर्ष 2018 के बाद अभी हाल ही में इसका अध्ययन कराया गया तो यह आंकड़ा सामने आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार की स्थिति में काफी सुधार आया है। बिहार की पहले क्या हालत थी। शाम के बाद घर से निकलने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। सड़कें काफी जर्जर थीं। चाहकर भी कोई कहीं जा नहीं पाता था। हमें याद है कि बाद लोकसभा क्षेत्र से हम सांसद थे और केंद्र सरकार में मंत्री थे। बाद लोकसभा क्षेत्र में टाल का इलाका है। जहां एक दिन में 12 किलोमीटर तक हम पैदल चला करते थे। हमलोगों ने गांव-गांव को पक्की सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया। महीने के तीन सोमवार को हम जनता की शिकायत सुनते हैं। केंद्र में श्रद्धेय अटल जी की सरकार ने सभी गांवों एवं शहरों में काफी सड़कें बनाई। कई बड़ी-बड़ी सड़क परियोजनाओं शुरु करने का निर्णय लिया गया। इनमें से कई सड़क परियोजनाएं अब पूरी हो चुकी हैं और बाकी बची परियोजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है। सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है। आप सब चिंता नहीं कीजिए, एक-एक चीज का हम ध्यान रखते हैं। बिहार के राजधानी पटना पहुंचने के लिए पहले हमलोगों ने 6 घंटे का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे अब हासिल करने के बाद अब 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया सुदूर इलाकों से है। इसके लिए बड़ी संख्या में सड़कें एवं पुल-पुलियों का निर्माण कराया जा रहा है। हमलोगों ने यह भी तय कर दिया है कि अब सिर्फ सड़कें, पुल-पुलियों या भवनों का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि उनके मेटेनेंस का काम भी संबद्ध विभाग करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में शिक्षा की काफी बुरी स्थिति थी। पांचवी क्लास से आगे लड़कियां आगे नहीं पढ़ पाती थीं। अपनी बेटियों को लोग आगे पढ़ा नहीं पाते थे। 5वीं कक्षा के बाद उनको जो कपड़े चाहिए थे, वो देने की स्थिति नहीं थे, जिसकी वजह से बहुत कम लड़के लड़की ही आगे पढ़ पाते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से हमलोगों ने पोशाक योजना की शुरुआत की। इसके बाद हमलोगों ने 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की भी शुरुआत की। उस समय इस तरह की योजना पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी कहीं नहीं थी। घर के काम से अब साइकिल लेकर लड़कियां अपने माता पिता को लेकर बाजार जाने लगीं। जीविका दीदियों को कहेंगे कि इसे भूलियेगा मत। पहले पुरानी बातों की चर्चा होती थी लेकिन जब से सोशल मीडिया आया है, नई-नई बातें प्रचारित होने लगी हैं। लोग पुरानी चीजों को भूल जाते हैं। लड़कों की मांग पर उनके लिए भी साइकिल योजना शुरु कर दी गई। अब सभी स्कूली बच्चे चाहे वे लड़के हों या लड़की, साइकिल एवं पोशाक योजना का लाभ मिल रहा है। पिछले साल की मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से 300 अधिक थी। पूरी दुनिया में आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। बिहार में प्रजनन दर को घटाने की दिशा में भी काम किया गया है। देश भर में यह देखा गया है कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 के करीब था। यदि पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है, जबकि बिहार का 1.6 है। इसको ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाने का निश्चय किया। इसको लेकर हर पंचायत में प्लस तक की पढ़ाई की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया। इसको लेकर काफी संख्या में नये स्कूलों का निर्माण कराया गया। कल ही कैबिनेट से 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी गयी है ताकि हर कोई पढ़े और आगे बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार के अस्पतालों की स्थिति भी काफी दयनीय थी। वर्ष 2006 में सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला था कि प्रखंड स्तर के अस्पतालों में प्रतिमाह मात्र 39 लोग ही इलाज कराने पहुंचते हैं। हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी काम किया है। आज स्थिति यह है कि अब प्रखंड स्तर के अस्पतालों में प्रतिमाह 10 हजार से ज्यादा लोग अपना इलाज कराने पहुंचते हैं। नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करायी गई। नये संस्थानों का निर्माण कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सभी क्षेत्रों के विकास एवं सभी समुदायों के उत्थान के लिए प्रारंभ से ही काम किया है। शिक्षा सड़क, स्वास्थ्य, पुल-पुलिया, महिलाओं के उत्थान, अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के साथ-साथ हाशिए पर खड़े लोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक-एक काम किया गया लेकिन शराब में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लोग खर्च कर देते थे, उस पर रोक लगाने के लिए शराबबंदी लागू की गई।

” मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में बेहतर ढंग से स्वयं सहायता समूह गठित नहीं था। हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अब तो 10 लाख के लक्ष्य को भी पूरा कर लिया गया है। अब 1 करोड़ 28 लाख से अधिक महिलाएं इससे जुड़ गई हैं। महिलाओं में इससे कितनी जागृति आयी है। 2006 में होने वाले पंचायत चुनाव में महिलाओं के हमने एक कानून बनाया, जिसमें तय किया कि 50 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं को दिया जाएगा और हमलोगों ने आरक्षण भी दिया। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। अगले साल नगर निकाय चुनाव होने वाला था तो उसके लिए भी हमलोगों ने महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अभी हाल ही में ग्राम पंचायत के चुनाव में काफी तादाद में महिलाएं जीत कर आयी हैं। हमने पुलिस एवं सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया। इसका नतीजा है कि आज इस देश के बड़े बड़े एवं अमीर से अमीर राज्य में भी इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं पुलिस में नहीं हैं, जितनी बिहार की पुलिस बल में हैं। हम तो गरीब राज्य हैं। हमलोगों ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख रूपये तक के अधिकतम अनुदान और 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण तय कर दिया था। उसे अब सभी वर्गों की महिलाओं के लिए भी लागू कर दिया गया है। व्यापार में रुचि रखने वाले सामान्य वर्ग • पुरुषों को 5 लाख रूपये तक का अधिकतम अनुदान और 1 प्रतिशत की ब्याज पर 5 लाख रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है। सभी समुदाय के उत्थान के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ लोगों में काफी जागृति आ रही है। अभी कुछ समय पहले ही जहरीली शराब की घटना हुई थी जिसके बाद कुछ लोग कहने लगे कि शराबबंदी का कोई मतलब नहीं है। हमने कहा कि दारु बुरी चीज है, पीओगे तो मरोगे। 16 नवंबर 2021 को राज्य के सभी अधिकारियों के साथ-साथ हमने 7 घंटे तक समीक्षा बैठक कर समाज सुधार अभियान चलाने का निर्णय लिया। 26 नवंबर से इसकी शुरुआत की गई। इस बार कम से कम 12 जगहों पर जाना निश्चित हुआ है। इस बार अभी तक हम 6 जगहों पर जा चुके थे तभी कोरोना की तीसरी लहर आ गयी। बाकी जगहों पर भी जाकर समाज सुधार अभियान को पूरा करेंगे। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान आप निरंतर चलाते रहें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुयी है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं, जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। डायबिटीज, लिवर सिरोसिस जैसी अनेक बीमारी शराब पीने से होती हैं। शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं। शराब पीने के कारण दुनिया भर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के बाद भी कुछ लोग शराबबंदी को लेकर अनाप शनाप बोलते रहते हैं। शराब मनुष्य में हिंसक प्रवृति को भी बढ़ावा देता है। इससे संबंधित बुकलेट अपने घरों में रखिए और इसके बारें में लोगों को भी बताइये। इसके बाद भी कुछ लोग कहते हैं कि स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए शराब पीने की इजाजत दी जानी चाहिए। शराब की वकालत करने वाले लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बातों को भी भूल जाते हैं। बापू ने कहा था कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेता है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेता है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। देश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून बना हुआ है। इसके बावजूद यह कुप्रथा आज भी देखने को मिल जाती है। पहले परिवार के लोग लड़के को ज्यादा और लड़कियों को कम पढ़ाते थे। हमने लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने को लेकर व्यवस्था सुनिश्चित की। समाज में अगर पति-पत्नी नहीं रहते तो हम सबका अस्तित्व नहीं रहता। लड़की नहीं होगी तो लड़के की शादी आप किससे करेंगे। दहेज मुक्त शादी समारोह में ही हमने जाने का निर्णय लिया है। शादी के कार्ड पर दहेज मुक्त शादी की बात लिखी जायेगी तो ही हम उस शादी समारोह में जायेंगे। सभी बहनों से हम आग्रह करते हैं कि दहेज प्रथा उन् तु अभियान निरंतर बाल विवाह उन्मूलन को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव लाया है। कम उम्र में लड़कियों की शादी होने से वे कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। उनके बच्चों की लंबाई भी कम होती है। बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी कमजोर होते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर निरंतर अभियान चलाते रहिए, इसे छोड़ना नहीं है। हमलोग समाज के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। आप लोगों की सेवा करना ही हमारा फर्ज है। आपने हमें मौका दिया है, राज्य को आगे बढ़ाने के लिए हम हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं ताकि देश के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान हो। समाज सुधार अभियान को निरंतर चलाने के पक्ष में जनसभा में उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर संकल्प भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबों ने संकल्प लिया है, लोगों को हमेशा जागरुक करते रहिए। विकास के साथ-साथ समाज सुधार भी जरुरी है। हमलोग आपको आश्वस्त करते हैं कि विकास का काम और तेजी से आगे बढायेंगे आप सभी आपस में प्रेम और भाईचारा का भाव रखें। मिलकर चलेंगे तो तेजी से तरक्की होगी।

कार्यक्रम को राजस्व एवं भूमि सुधार सह भागलपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामसूरत कुमार, उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री सुनील कुमार, मंत्री ग्रामीण कार्य श्री जयंत राज, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के०के० पाठक ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर सांसद श्री अजय कुमार मंडल, सांसद श्री गिरिधारी यादव, विधायक श्री गोपाल मंडल, विधायक श्री ललित नारायण मंडल, विधायक श्री ललन कुमार, विधान पार्षद श्री एन0के0 यादव, विधान पार्षद श्री संजीव सिंह, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, आयुक्त, भागलपुर प्रमण्डल श्री प्रेम सिंह मीणा, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी०, पुलिस उप महानिरीक्षक, भागलपुर पूर्वी प्रक्षेत्र श्री सुजीत कुमार, जिलाधिकारी भागलपुर श्री सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी बांका श्री सुहर्ष भगत, वरीय पुलिस अधीक्षक भागलपुर श्री बाबूराम पुलिस अधीक्षक बांका श्री अरविंद कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक नवगछिया श्री सुशांत कुमार सरोज सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

राजगीर जू सफारी के लोकार्पण के बाद नीतीश ने पत्रकारों से सफारी से जुड़े अपने सपने साझा किये

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा स्थित  राजगीर जू सफारी का लोकार्पण करने के बाद कहा कि आज इसका .उद्घाटन हुआ है, यह बड़ी खुशी की बात है। वर्ष 2016 में जू सफारी का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इसका डिजाइन बना और इसको लेकर विभाग काफी सक्रिय रहा। शिलान्यास के बाद निर्माणाधीन जू सफारी का हमें अनेक बार अंदर से देखने का मौका मिलाहै। उसी समय हमने कहा था कि नेचर सफारी जो यहां बन रहा है, उसके बगल में काफी वन क्षेत्र है इसलिए यहां जू सफारी भी बने। नेचर सफारी को काफी लोगों ने पसंद किया है।


अब जू सफारी भी लोगों को काफी पसंद आयेगी। यह बहुत खुशी की बात है कि राजगीर जू सफारी में टिकट विंडों, कंट्रोल रुम, इटरप्रेटेशन सेंटर, 180 डिग्री थियेटर, ओरिएंटेशन हॉल आदि का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरुरी काम किये गये हैं।


बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है। हिरण यहां पहले से थे, जिन्हें हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है। इन जानवरों के लिए पाँच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर  जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि जू सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकें। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों के भ्रमण के लिए 20 वाहन खरीदे गये हैं। एक वाहन में 22 पर्यटक बैठकर भ्रमण कर सकते हैं। फिलहाल राजगीर जू सफारी में 2 बाघ, 7 शेर, 2 तेंदुआ, 2 भालू एवं 200 के करीब की संख्या में हिरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर जब नेचर सफारी बनाने की बात हुई तो हमने प्रधानमंत्री जी से इस संबंध में बात की थी। हमने कहा कि नेचर सफारी में शेर सफारी बन रहा है। बाहर से 6 शेर लाये गये हैं। प्रधानमंत्री जी की बड़ी कृपा है। मैं उनका सम्मान
करता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरी बातों को सुना। तामिलनाडू से एक बाघ मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र से भी वन्य जीवों को लाने के लिए बात हो रही है। जू सफारी में पांचों प्रकार के जानवरों की सुरक्षा, भोजन, आवासन एवं चिकित्सा का पूरा प्रबंध किया गया है। यहां इंट्री प्वाइंट बन गया है। हर्बीवोरस सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी सहित पांचों जगहों पर इंट्री प्वाइंट बन गया है। जू सफारी के भ्रमण में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा। अब पर्यटक यहां आकर जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे। यहां जो खाली जगह है उस पर वृक्षारोपण कराया जायेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जो नेचर सफारी बना है, वहां तक जाने के लिये सोन भंडार और जरासंध के अखाड़े को पार करना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए जू सफारी की बाउंड्री के बगल से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु रास्ता बनाया जायेगा।


सोन भंडार और जरासंध का अखाड़ा ऐतिहासिक स्थल है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचते हैं। जू सफारी के बगल से अच्छी बाउंड्री बनायी जायेगी ताकि आसानी से पर्यटक नेचर सफारी तक पहुंच सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बना ग्लास स्काई वॉक भी काफी लोकप्रिय हो गया है जो देश में कहीं नहीं है। वर्ष 2009 के दिसंबर माह में हमने यहां 7 दिनों तक रहकर एक-एक जगहों का मुआयना किया था। घोड़ाकटोरा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया है। वहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगवायी गई है। घोड़ाकटोरा प्रांगण में पर्यटकों के आवागमन हेतु ई-रिक्शा का परिचालन कराया गया है। इसके लिए यहां के टमटम चालकों को निःशुल्क ई- रिक्शा मुहैया कराया गया। यहां पार्क का भी निर्माण कराया गया है। वेणुवन में भगवान बुद्ध रहा करते थे, जिसे विकसित एवं विस्तारित किया गया है ताकि नई पीढ़ी के लोग यहां आकर इससे अवगत हो सकें। पांडू पोखर का भी सौंदर्याकरण किया गया है। यहां जो पंच पहाड़ी है उसका संरक्षण किया जा रहा है एवं यहां पर पौधारोपण का कार्य भी कराया गया  है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बोधगया एवं गया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक राजगीर आते हैं। पूरे बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है। कोरोना काल के पहले तक प्रतिवर्ष बिहार में करीब 2 करोड़ टक आते थे। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा नदी का जल बारहों महीने घर-घर तक उपलब्ध कराने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ताकि लोगों को जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी काम किया गया। बिहार में पहला अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में बनवाया गया इसे भूलियेगा मत। यह काफी लोकप्रिय हो गया है।


अब देश के अन्य हिस्सों से भी लोग आकर यहां मीटिंग करते हैं। बिहार का दूसरा कन्वेंशन सेंटर पटना में सम्राट अशोक के नाम पर बनाया गया। अब बोधगया में बोधि सांस्कृतिक गृह का निर्माण किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन से हम यहां कुंड में नहाने आते रहे हैं। राजगीर में पाँच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं। हर धर्म के लोग यहां आते हैं। यहां पंच पहाड़ी के चारों तरफ जो साइक्लोपियन वॉल है, यह दुनिया में एक ही जगह है। विश्व धरोहर की सूची में नालंदा विश्वविद्यालय के बाद इसको शामिल कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि राजगीर का काफी विकास किया गया है। मेरा मकसद है कि यहां आकर नई पीढ़ी के लोगों को एक-एक चीजों का एहसास हो। राजगीर आकर लोग जू एवं नेचर सफारी का भ्रमण कर प्रकृति से जुड़ाव महसूस करेंगे। यहां 50 साल पहले विश्व शांति स्तूप बना था। वहां नये रोपवे का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से राजगीर का और विकास होगा।

 

 

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सच्चा समाजवादी कहने पर नीतीश कुमार ने कहा “ये उनकी कृपा है “

 ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को सच्चा समाजवादी बताये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये उनकी कृपा है कि उन्होंने ये बात कही। आप सब जानते हैं कि हम सबलोग लोहिया जी के ही शिष्य हैं।

ये बात सही है कि समाजवाद का निर्माण उन्होंने किया, समाज को चलाया। हमलोग कोई परिवारवाद नहीं करते हैं। हम सबदिन से यही कहते हैं कि पूरा बिहार एक परिवार है। कुछ लोग अपने घर के परिवार को ही परिवार कहते हैं और उसी परिवारवाद में रहते हैं, जहां समाजवाद खत्म हो जाता है। समाजवाद बड़ी बुनियादी चीज है। समाजवाद के मामले में सभी लोग एक परिवार हैं। हमलोग छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। उसी समय से समाजवाद से प्रभावित हैं। जो पहले से होता रहा है और आजकल जो हो रहा है, इसको देखते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने यह बात कही है।


• विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल कि किसी कारणवश से किसी के परिवार का सदस्य राजनीति में नहीं आना चाहता हो, सिर्फ इतने से ही उसे सच्चा समाजवादी नहीं कहा जा सकता। पत्रकारों के इस प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, ये सब बेकार की बात है। प्रधानमंत्री जी, जो बोले हैं वो बहुत एक्यूरेट बात बोले हैं। पार्टी में और जो लोग हैं अगर उनको प्रतिष्ठा नहीं दे रहे हैं, केवल परिवार को प्रतिष्ठा दीजियेगा तो इसका मतलब आपको समाजवाद से मतलब नहीं है बल्कि परिवारवाद से मतलब है।

राजनीति में किसी ने अपनी पत्नी, बेटे को आगे बढ़ा दिया तो क्या यही समाजवाद है? आपने मेहनत किया है, आप तक ठीक है। उसके बाद परिवार में से किसी को राजनीति में आगे बढ़ा दिया तो इसका कोई अर्थ नहीं है। यही बात प्रधानमंत्री जी बार-बार बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग राजनीति में अपने परिवार पर ही केंद्रित रहेंगे, ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा। एक समय आयेगा कि उनका कोई भविष्य नहीं रहेगा। ये अच्छी तरह से जान लें और ये कई जगहों से शुरू हो गया है।

आप अगर राजनीतिक पार्टी चलाते हैं तो आपके साथ जिनकी सक्रियता है, उनलोगों के बीच से राजनीतिक पदों पर चयन होना चाहिये न कि परिवार से चयन होना चाहिए। जिनको कोई अनुभव नहीं है, जिनको कोई जानकारी नहीं है, आप सीधे उनको किसी पद पर रख देते हैं।

PMCH ने कोरोना पॉजिटिव से मौत के बाद भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया ,बेटी पहुँच गयी नीतीश के जनता दरबार

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 159 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।


आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, संसदीय कार्य विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

वैशाली की एक महिला ने आंगनबाड़ी सेविका के चयन में अनियमितता के संबंध में शिकायत की, तो वहीं सुपौल के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके शिक्षक पिताजी की मृत्यु 15 वर्ष पहले हो गई थी। इतना लंबा समय गुजर जाने के बावजूद भी अनुकंपा पर किसी की बहाली नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अरवल से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि वर्ष 2010 में अरवल जिले में पंचायत शिक्षिका के रूप में हमारी नियुक्ति हुई थी लेकिन वर्ष 2016 में मुझे नौकरी से हटा दिया गया। वहीं मधेपुरा के एक युवक ने जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में विज्ञापित पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूर्ण करने के संबंध में अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मधेपुरा के एक छात्र ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के ऋण के भुगतान में बैंक द्वारा समय से पहले तथा अधिक ब्याज दर पर उन्हें ऋण भुगतान करने को कहा गया है। वहीं कटिहार के एक व्यक्ति ने मदरसा कमिटी में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुंगेर की एक छात्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि हमने 2019 में ही स्नातक की परीक्षा पास की लेकिन आज तक मुझे स्नातक प्रोत्साहन योजना की राशि नहीं मिली है। वहीं शेखपुरा की एक छात्रा ने इंटर प्रोत्साहन योजना की राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की कई छात्र छात्राओं की शिकायत आई है, इन्हें जल्द से जल्द राशि भुगतान कराएं। दरभंगा जिला से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु कोरोना संक्रमण से वर्ष 2021 में हुयी लेकिन अब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बेगूसराय के एक खिलाड़ी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2018 से लगातार राइफल शूटिंग में स्टेट, जोनल एवं ऑल इंडिया जी०वी० मूलंकर गोल्ड मेडल तक जीत चुके हैं। मेरी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है इसलिए मैं आगे नहीं खेल पा रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को इनकी समस्या के निदान करने का निर्देश दिया।

दरभंगा से आयी एक लड़की ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कि मेरे पिताजी की कोरोना संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में पी०एम०सी०एच० में मृत्यु हो गई थी। लेकिन अभी तक उनका मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, जिसकी वजह से अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। वहीं कैमूर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरे पिताजी की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी लेकिन अब तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुंगेर के एक व्यक्ति ने दिव्यांग पेंशन की बकाया राशि नहीं मिलने की शिकायत की तो वहीं छपरा की एक महिला ने विधवा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य विभाग मंत्री श्री मंगल पांडे, जल संसाधन सह सूचना एवं जन संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री श्री आलोक रंजन, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

बिहार के बैंक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से लिए गए 4 लाख के बदले 10 लाख वसूल रहे हैं गरीब छात्र से ,मामला नीतीश के दरबार में

बिहार में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की योजना को बैंक वाले पूरी तरह से फेल  करना चाहते हैं और यही वजह है कि कई छात्र को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है

 

हद तो तब हो जाती है जब इस मामले को लेकर स्टूडेंट्स मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंच जाते हैं और वहां शिकायत करते हैं कि उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मिले चार लाख और बैंक वाले उनसे 10 लाख वसूलने लगे हैं अबतक छात्र ने साढ़े पांच लाख जमा भी कर दिया है

एक अन्य छात्र ने भी कुछ ऐसी ही शिकायत मुख्यमंत्री को सुनाई ,कई छात्रों ने बैंक वाले पर यह भी आरोप लगाया कि उसे सिर्फ एक क़िस्त की राशि ही मिली और दूसरी क़िस्त नहीं मिलने की वजह से उसका नाम्नाकन संस्थान के द्वारा रद्द कर दिया गया

 

एक अन्य छात्र ने आरोप लगाये की बैंक की लापरवाही के वजह से उसका  आगे पढने का सपना ही टूट गया |

जैसे कि आप लोग जानते हैं कि राज्य  में बहुत ऐसे युवा हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण हासिल नहीं कर पाते हैं  इस समस्या को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विद्यार्थियों के हित के लिए बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की थी इस योजना को सबसे पहले 2 अक्टूबर 2016 को मुख्यमंत्री द्वारा लांच किया गया

इस योजना के अंतर्गत राज्य के विद्यार्थियों को 12वीं के बाद आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए बैंक द्वारा ₹400000 तक का लोन प्रदान किया जाता है बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चों को किसी भी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और यही वजह है कि इस योजना के माध्यम से बच्चे अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखते हैं और वह अपने सपने पूरे करते हैं इस योजना के माध्यम से बिहार के गरीब बच्चे ऋण प्राप्त करके आर्थिक तंगी की चिंता किए बिना अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं इस लोन में शिक्षण संस्थानों का शुल्क के साथ साथ खाने-पीने और पाठ सामग्री से संबंधित खर्चे में शामिल हैं

इस योजना के माध्यम से प्राप्त हुए ऋण की राशि से छात्रों द्वारा लैपटॉप कोचिंग की फीस हॉस्टल की सुविधा और किताबों के शुल्क का भुगतान किया जा सकता है

लेकिन दुर्भाग्य ये है कि नीतीश सरकार की इतनी अच्छी योजना पर बैंक ग्रहण लगाये बैठी  हैं जिसके वजह से कई छात्रों को अपने आगे की पढाई जारी रखने में परशानी हो रही है |

बिहार में कोरोना पाबंदियां ख़त्म ,स्कूल में बच्चे और शादी में अब जवान और बुड्ढे भी मचाएगें धमाल

बिहार में करोना पाबंदियां  खत्म हो गई है अब पूरी क्षमता के साथ सभी स्कूल खुलेगें  और शादी समारोह में जमकर हंगामा होगा दरअसल कोरोना को  लेकर राज्य में लागू सभी तरह के बंदिशों  को आज राज्य  सरकार ने खत्म करने एलान कर  दिया है

करोना में लगातार आ रही कमी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है जो 14 फरवरी से अगले आदेश तक प्रभावी होगा वर्तमान में लागू पाबंदियां 6 से 13 फरवरी तक के लिए लागू है

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में यह निर्णय  लिया गया और कोरोना पाब्बैनादियाँ पूरी तरह से ख़त्ठम करने की घोषणा कर दी गयी इसको लेकर गृह विभाग ने आदेश भी  जारी कर दिया है

अब  14 फरवरी से कक्षा 8 तक के स्कूल और कोचिंग भी पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे 9वी और इससे ऊपर के स्कूल और कॉलेज भी पूरी क्षमता के साथ खोल दिए जाएंगे इसी प्रकार अब सभी पार्क सिनेमा हाल  समान रूप से खुल सकेंगे

अब तक दोपहर 2:00 बजे तक हि पार्के खोलने की अनुमति थी लेकिन अब सिनेमा हॉल रेस्टोरेंट और खाने की दुकानें भी  सामान्य  रूप से खुलेंगे पर कोरोना नियमों का अनुपालन सभी को करना अनिवार्य होगा। क्लब, जिम, स्टेडियम और स्विमिंग पूल सामान्य रूप से खुलेंगे, पर कोविड टीका प्राप्त व्यक्ति ही इस सुविधा का लाभ लेंगे। सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन हो सकेंगे, पर जिला प्रशासन को अनुमान्य व्यक्ति की अधिकतम संख्या और शर्तों का निर्धारण करने का अधिकार होगा।

शादी समारोह, अंतिम संस्कार और श्राद्ध कार्यक्रम में भी लोगों के शामिल होने की संख्या की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। 13 फरवरी तक के लिए लागू निर्देश में इन सभी कार्यक्रमों में 200 व्यक्तियों तक की शामिल होने की इजाजत मिली थी। अब इन सभी का आयोजन भी सामान्य रूप से हो सकेगा।

गांवों के रास्ते और महत्वपूर्ण स्थान सोलर लाईट से रौशन होंगे -मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना – 2 के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में पंचायतीराज विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इसकी पृष्ठभूमि, लक्ष्य, कार्यान्वयन एवं समन्वय समिति, वित्तीय प्रबंधन, सोलर स्ट्रीट लाईट के रख रखाव, सोलर स्ट्रीट लाईट के स्थापन हेतु स्थलों का चयन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वार्ड में औसतन 10 सोलर स्ट्रीट लाईट लगाई जायेगी, इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर भी सोलर लाईट लगाई जायेगी ।

बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से “मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना योजना के तकनीकी सहयोगी के रुप में बिहार रिन्युएबुल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) द्वारा किए जा रहे कार्यों की अद्यतन प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इसके विभिन्न अवयवों-सोलर पैनल, बैटरी, बल्ब की तकनीकी विशेषताएं आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूरस्थ सूचना प्रणाली (रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम) के माध्यम से सोलर स्ट्रीट लाईट के क्रियान्वयन की ठीक से निगरानी की जायेगी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय – 2 के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना का क्रियान्वयन 15 अप्रैल से शुरू करें। इसकी शुरूआत होने से गांवों के रास्ते और महत्वपूर्ण स्थान सोलर लाईट से रौशन होंगे। शाम से सुबह तक सोलरस्ट्रीट लाईट जलेगी, इससे गांवों की तस्वीर बदलेगी और लोग बहुत प्रसन्न होंगे। मुख्यमंत्री कहा कि “मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। प्रायोगिक तौर पर विभाग इसे सभी जिलों के कम से कम एक- एक पंचायत में शुरु कराये।

• मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने के साथ-साथ उसके रख-रखाव एवं सतत् निगरानी की बेहतर व्यवस्था हो। हमलोगों का उद्देश्य है कि सोलर स्ट्रीट लाईट के माध्यम से लोगों को लगातार लाभ मिलता रहे। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण इकाई को राज्य में ही स्थापित करने के लिए उद्यमियों को प्रेरित करें ताकि सोलर लाईट के अवयवों का उत्पादन भी यहीं हो, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि सोलर लाईट में प्रयुक्त हो रही सामग्रियों की गुणवत्ता बेहतर हो इसे भी सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, पंचायतीराज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, पंचायतीराज विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी एवं ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री संजीव हंस जुड़े हुए थे।

हमलोगों का उद्देश्य है कि शहरों में रह रहे सभी बेघर गरीब भूमिहीनों को अपना घर मिल सके

न्यूज़ डेस्क – मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय – 2 के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए बहुमंजिला आवास से संबंधित समीक्षा बैठक की। बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय – 2 के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए बहुमंजिला आवास उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय – 2 के अंतर्गत शहरों में रह रहे बेघर गरीब भूमिहीनों के आवासन के लिए हमलोगों ने बहुमंजिला भवन निर्माण की योजना बनायी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग बहुमंजिला भवन निर्माण को लेकर कार्ययोजना पर तेजी से काम करे। बहुमंजिला भवन निर्माण हेतु स्थलों का चयन कर निर्माण कार्य योजनाबद्ध ढंग से जल्द शुरु करें। योग्य लाभुकों का ठीक से सर्वे करायें ताकि कोई भी वंचित नहीं रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का उद्देश्य है कि शहरों में रह रहे सभी बेघर गरीब भूमिहीनों को अपना घर मिल सके। अपना घर होने उन्हें काफी खुशी होगी और सुकून मिलेगा।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव वित्त सह सामान्य प्रशासन विभाग श्री एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग श्री आनंद किशोर जुड़े हुए थे।

कोरोना पाबंदियों में ढील देते हुए बच्चों के स्कूल खोलने की मिली अनुमति

न्यूज़ डेस्क –  1 . कोरोना की स्थिति की समीक्षा की गई। कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार को देखते हुए 8वीं कक्षा तक के सभी विद्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ तथा 9वीं एवं ऊपर की कक्षाओं से संबंधित सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय तथा कोचिंग संस्थान शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुल सकेंगे।


2. सभी सरकारी कार्यालय प्रतिदिन सामान्य रूप से खुलेंगे। केवल टीका प्राप्त आगंतुकों को ही कार्यालय में प्रवेश अनुमान्य होगा।

3 सभी दुकानें, प्रतिष्ठान, शॉपिंग मॉल एवं धार्मिक स्थल सामान्य रूप से खुल सकेंगे। सभी पार्क एवं उद्यान प्रातः 6 बजे से अपराह्न 2 बजे तक खुलेंगे। सिनेमा हॉल, क्लब, जिम, स्टेडियम, स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकानें (आगंतुकों के साथ) 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुल सकेंगी।

4. जिला प्रशासन की पूर्वानुमति से सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन अपेक्षित सावधानियों के साथ आयोजित किए जा सकेंगे। विवाह समारोह, अंतिम संस्कार/श्राद्ध कार्यक्रम अधिकतम 200 व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ आयोजित किये जा सकेंगे।

5. हम सभी बिहारवासियों को कोविड के कारण अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क के उपयोग के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करना नितांत आवश्यक है।

सात निश्चय के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करें

न्यूज़ डेस्क –   मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की।


बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव  संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने सिकरहना नदी के दायें किनारे तटबंध निर्माण का कार्य, बख्तियारपुर में गंगा की धार का पुनर्स्थापन कार्य, टाल विकास योजना, कोसी -मेची लिंक योजना, उत्तर कोयल जलाशय परियोजना, उत्तर बिहार की बाढ़ एवं जल जमाव की समस्या, दक्षिण बिहार की सिंचाई एवं बाढ़ की समस्या, गंगा जल उद्वह योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने की योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत गंगा जल उद्वह योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस योजना को निर्धारित समय में पूर्ण करें। जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग आपस में समन्वय बनाकर तेजी से इस योजना को पूर्ण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं इसको लेकर व्यवहारिक आकलन कराएं। छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे लोगों को सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी। नदियों में गाद की समस्या के समाधान हेतु गाद प्रबंधन के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को ससमय पूरा करें।


बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस0सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल सहित जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी एवं अभियंता जुड़े हुए थे।