जातीयों का सही आंकड़ा सामने आने के बाद बिहार में आरक्षण की सीमा 60 फीसदी से अधिक करनी चाहिए- राजद विधायक

जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक किये जाने पर राजद के इस्लामपुर विधायक राकेश कुमार रौशन ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी जी की जयंती पर राज्‍य सरकार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट  जारी कर दी है,मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार  और उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी प्रसाद यादव  ने महागठबंधन सरकार के सबसे प्रमुख वादे को पूरा कर दिया है । रौशन ने कहा कि जनता के भरोसे वाली सरकार की यह महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है और यह देश के दूसरे राज्‍यों के लिए उदाहरण बन गया है। बिहार से पहले कई राज्‍यों ने जाति आधारित गणना करवायी, लेकिन वे उसे सार्वजनिक करने का हिम्‍मत नहीं जुटा सके। अब केंद्र सरकार को भी अगली जनगणना में जाति गणना करवानी चाहिए ताकि देश में जातीयों की वास्‍तविक संख्‍या का पता चल सके। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट की बात करें तो प्रदेश में 63 फीसदी आबादी अन्‍य पिछड़ी जातियों की है, जिसे सामान्‍य बोलचाल की भाषा में ओबीसी कहा जाता है। राजनीति और प्रशासन में उनकी जनसंख्‍या के अनुपात में कम हिस्‍सेदारी है। अब जातीयों का सही आंकड़ा सामने आने के बाद प्रदेश सरकार में आरक्षण की सीमा 60 फीसदी से अधिक करनी चाहिए और जनसंख्‍या के अनुपात में हिस्‍सेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। राकेश रौशन ने कहा कि हमारे नेता और अभिभावक माननीय लालू यादव जी ने भी जनसंख्‍या के अनुपात में हिस्‍सेदारी की बात कही है। रिपोर्ट के आधार पर अब सरकार सामाजिक न्‍याय और न्‍यासंगत संसाधनों के वितरण के मुद्दे पर भी नये सिरे विचार कर सकेगी और सामाजिक न्‍याय का एक नया दौर शुरू होगा। इसके हम मुख्‍यमंत्री जी और उपमुख्‍यमंत्री जी के प्रति जनता की ओर से आभार प्रकट करते हैं।

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